खुद ही बेटी को यमुना में फेंका फिर दर्ज कराया अपहरण का केस, तीन दिन बाद मां ने कौशांबी पुलिस के समक्ष कबूली घटना
कौशांबी में एक महिला ने अपनी 12 वर्षीय बेटी को यमुना नदी में फेंक दिया और अपहरण का झूठा मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस को महिला पर शक हुआ, और सख्ती से पूछताछ करने पर उसने अपराध कबूल कर लिया। महिला ने बताया कि मानसिक रूप से कमजोर बेटी के कारण उसका पड़ोसियों से झगड़ा होता था, जिससे तंग आकर उसने यह कदम उठाया। पुलिस बच्ची की तलाश कर रही है।(x)

कौशांबी में बेटी को नदी में फेंकने वाली मां पुलिस की पूछताछ में अपना गुनाह कबूल किया, इसके पूर्व यमुना में तलाश करती पुलिस। जागरण
जागरण संवाददाता, कौशांबी। कौशांबी में मानवता को शर्मशार करने वाली घटना सामने आई है। यह वारदात को कोई और नहीं बल्कि उसकी सगी मां ने अंजाम दिया। अपनी 12 वर्षीय बेटी को खुद ही यमुना नदी में फेंक दिया और फिर पहुंच गई थाने। पुलिस के समक्ष उसने बेटी के अगवा होने का मुकदमा दर्ज कराया। हालांकि पुलिस को उसके हाव-भाव पर शक हुआ और तकनीकी साक्ष्य उसके खिलाफ थे। कड़ाई से पूछताछ करने पर वह टूट गई। फिर सिलसिलेवार घटना की सच्चाई पुलिस के सामने रखी।
पुलिस ने किया राजफाश
सराय अकिल के हर्रायपुर से कथित तौर पर अगवा अनामिका के मामले में पुलिस ने सनसनीखेज राजफाश किया। मनोरोगी बताई जाने वाली अनामिका के कारण पड़ोसी से आए दिन होने वाले विवाद से आजिज आकर उसकी मां ने ही यमुना में फेंक दिया था। घर आने के बाद अपहरण का नाटक रचा व स्थानीय लोगों के साथ खोजबीन करने लगी। पुलिस ने तकनीकी साक्ष्य व मोबाइल की लोकेशन निकाल कर आरोपित मां से जब कड़ाई से पूछताछ की तो वह टूट गई। घटना की जो कहानी बयान किया उसे सुन पुलिस की रुह कांप गई। फिलहाल पुलिस ने आरोपित को हिरासत में लेकर यमुना में जाल डलवाकर किशोरी की तलाश शुरू करा दिया है।
हर्रायपुर गांव का मामला
हर्रायपुर गांव की मीना देवी पत्नी रोशन लाल दिवाकर ने 21 नवंबर को पुलिस को दी तहरीर में बताया कि वह अपने छह माह के बेटे की बीमारी से परेशान थी। 21 नवंबर को वह बेटे की झा़ड़-फूंक कराने करारी क्षेत्र के कंजापर गई थी। घर में 12 वर्षीय पुत्री अनामिका अकेले थी। अनामिका की दीमागी हालत ठीक नहीं रहती थी। काफी खोजबीन के बाद भी बेटी का पता नहीं चलने पर वह तहरीर दे रही है। पुलिस ने मामले में अपहरण का केस दर्ज कर छानबीन शुरू किया।
एसपी के निर्देश पर लापता अनामिका की तलाश
एसपी राजेश कुमार के निर्देश पर पुलिस टीमों ने लापता अनामिका के बाबत खोजबीन शुरू की। पुलिस ने कंजापर जाकर पूछताछ किया तो मालूम चला कि 21 नवंबर को मीना वहां आई ही नहीं। पुलिस ने मीना व बच्ची की फोटो ग्रामीणों को दिखाया तो सभी ने जानकारी से इन्कार किया। इस पर पुलिस का शक गहरा गया। पुलिस ने मीना के तकनीकी माध्यम का प्रयोग किया तो मीना के बयान में तमाम विरोधाभाष सामने आए। इस पर रविवार को उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो वह कुछ देर तक तो इधर-उधर की बातें करती रही लेकिन बाद में टूट गई।
पड़ोसियों से होता था विवाद
बताया कि बेटी की दीमागी हालत ठीक नहीं होने के कारण अक्सर उसका पड़ोसियों से विवाद होता था। इसी को लेकर उसने बेटी की हत्या करने की योजना बनाई। 21 नवंबर को वह बेटी व छह महीने के बेटे के साथ ई-रिक्शा के महिला घाट स्थित यमुना पुल पर पहुंची। वहां अनामिका को पुल की रेलिंग पर बैठा दिया। मौका मिलने पर उसने बेटी को धक्का देकर नदी में गिरा दिया।
आरोपित मां के खिलाफ मुकदमा
इसके बाद वापस घर लौट आई। पुलिस ने आरोपित मां मीना के खिलाफ मुकदमा कायम कर लिया है। नदी में फेंकी गई अनामिका की तलाश के लिए पुलिस स्थानीय गोताखोरों की मदद से जाल डलवाकर खोजबीन करा रही है। फिलहाल रविवार देर शाम तक अनामिका के बाबत कुछ पता नहीं चल सका था।
तांत्रिक ने झाड़-फूंक से ठीक करने को कहा था
मनोरोगी अनामिका की हत्यारोपित मीना के बयान की मानें तो उसके छह माह के बेटे की तबीयत काफी दिनों से खराब रहती थी। इलाज के बाद भी फायदा नहीं होने पर वह करारी क्षेत्र के कंजापर निवासी एक तांत्रिक की शरण में आई। तांत्रिक ने बेटी को झाड़-फूंक से सही करने को कहा था। इधर अनामिका दीमागी रूप से कमजोर थी। उम्र भी उसकी 12 साल की हो चुकी थी। इसे लेकर मीना अनामिका के भवष्य को लेकर भी चिंतित थी।
कहीं नरबलि का शिकार तो नहीं हुई अनामिका?
बकौल मीना 21 नवंबर को वह बेटी को घर पर छोड़कर आई थी। वापस लौटने के बाद पता चला कि बेटी गायब है। अब सवाल यह है कि अगर अनामिका मनोरोगी थी व उसकी वजह से पड़ोसियों से झगड़ा होता था तो माना ने उसे अकेला छोड़ा कैसे। चर्चा रही कि अनामिका नरबलि की शिकार हो सकती है। फिलहाल इस बाबत पुलिस के अफसर कुछ बोलने की स्थिति में नहीं हैं।

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