हैवानों ने नन्हीं परी का जिस्म गोदा, स्वास्थ विभाग ने की शव की दुर्गति; डीप फ्रीजर खराब होने से सड़ गया शव
Kaushambi धारदार हथियार से गोदे जाने के बाद भखंदा ग्राम प्रधान के घर के समीप पॉलीथिन में भरकर फेंकी गई नवजात ने 18 जुलाई को उसी रोज दम तोड़ दिया था। पुलिस ने जिला अस्पताल पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और लावारिस में दाखिल कर पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया। पोस्टमार्टम हाउस में भी डीप फ्रीजर खराब होने की वजह से नन्ही परी का शव सड़-गल गया।

कौशांबी, जागरण संवाददाता। कौशांबी में कुछ ऐसा हुआ जिससे पूरे सिस्टम पर सवाल उठने लगे हैं। यहां पोस्टमार्टम हाउस में डीप फ्रीजर खराब होने से इस भीषण गर्मी में नवजात का शव सड़ गया। परिणाम रहा की पीएम रिपोर्ट में तस्वीर साफ नहीं हो सकी। इस जघन्य लापरवाही के लिए स्वास्थ्य विभाग पर क्या कार्रवाई की जाएगी? इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है।
धारदार हथियार से गोदे जाने के बाद भखंदा ग्राम प्रधान के घर के समीप पॉलीथिन में भरकर फेंकी गई नवजात ने 18 जुलाई को उसी रोज दम तोड़ दिया था। पुलिस ने जिला अस्पताल पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और लावारिस में दाखिल कर पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया। चूंकि, शव का कोई वारिस नहीं था, इसलिए शुक्रवार को तीन दिन बाद पोस्टमार्टम हुआ।
पूरी तरह से सड़-गल चुका था शव
इससे पहले चीरघर में नन्हीं परी का शव हर क्षण दुर्गति का शिकार होता रहा। डीप फ्रीजर खराब होने से गर्मी के कारण लाश गलती रही और चिकित्सा विभाग के जिम्मेदार तमाशाई बने रहे। शुक्रवार को चिकित्सकों ने शव का पोस्टमार्टम करना शुरू किया। शव पूरी तरह सड़-गल चुका था। लिहाजा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कुछ भी स्पष्ट नहीं हो सका। डॉक्टर यह तक नहीं बता सके कि धारदार हथियार से शरीर पर कितनी जगह प्रहार किया गया है।
पोस्टमार्टम हाउस में लंबे समय से खराब पड़ा है डीप फ्रीजर
गौर करने वाली बात यह है कि पोस्टमार्टम हाउस में लंबे समय से खराब पड़े डीप फ्रीजर के चलते अक्सर अज्ञात शव 72 घंटे के बीच सड़ जाते हैं। फ्रीजर कब बनवाया जाएगा? कब तक कितने शवों की दुर्गति कराई जाएगी? पुलिस पहले से रट लगाए है कि पीएम रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी, इस हाल में अब नन्हीं परी को इंसाफ कैसे मिलेगा?
ओलंपिक संघ की यही पुकार, नवजात बच्ची को मिले इंसाफ
धारदार हथियार से गोदने के बाद पॉलीथिन में भरकर फेंकी गई नन्हीं परी को इंसाफ देने में पुलिसिया सिस्टम भले फेल नजर आ रहा है, लेकिन समाज के लोगों ने अब आगे आना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को जिला स्टेडियम में ओलिंपिक संघ ने नन्हीं को श्रद्धांजलि दी। संघ के पदाधिकारियों ने बेटियों संग मिलकर कैंडिल मार्च भी निकाला। सभी ने इस बात का संकल्प लिया की खूनी पंजे का शिकार हुई बेटी को न्याय दिलाकर ही दम लेंगे।
सरायअकिल क्षेत्र के भखंदा गांव की महिलाएं 18 जुलाई को खेतों की तरफ गई थीं। वहां नन्हीं परी उन्हें पॉलीथिन में लपेटी हुई मिली थी। उसके शरीर पर 10 से भी अधिक जगह किसी धारदार हथियार से हमला किया गया था। जिस्म पर पड़े जख्मों से निकल रहा रक्त देख हर किसी का खून खौल उठा। सभी ने क्रूरता की सरहदें पार करने वाले इंसान रूपी भेड़ियों को कोसना शुरू कर दिया। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष कमलेश चंद के आदेश पर नन्हीं परी को जिला अस्पताल स्थित एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया, जहां कुछ ही देर बाद उनकी सांसों की डोर टूट गई।
जिला स्टेडियम में नन्ही परी को दी गई श्रद्धांजलि
बाल कल्याण समिति ने दूसरे ही दिन पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया, लेकिन शुक्रवार की शाम तक पुलिस मुकदमा नहीं लिख सकी। नन्हीं परी को इंसाफ नहीं मिलता देख लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार की शाम ओलंपिक संघ ने बालिका खिलाड़ियों के साथ मिलकर जिला स्टेडियम में नन्ही परी को श्रद्धांजलि दी। उसे श्रद्धा सुमन अर्पित किया। फिर कैंडल मार्च निकाला।
इस दौरान बालिका खिलाड़ी नन्ही परी को इंसाफ दो और इंसाफ... नहीं तो खैर नहीं। जैसे नारे लगाती रहीं। ओलंपिक संघ के जिलाध्यक्ष डा. अरुण केसरवानी ने कहा कि नन्ही परी को इंसाफ दिलाने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से जो भी बन पड़ेगा, किया जाएगा। इस मौके पर खेलो इंडिया के कोच संदीप कुमार, रवि कुमार शर्मा, अरविंद मौर्य, प्रवेश कुमार, कौशिक पाल, पूजा निषाद, राम कैलाश आदि मौजूद रहे।
आम जनता की एक ही मांग मिले इंसाफ
नन्हीं परी के साथ जो भी हुआ वह ठीक नहीं है। इन घटनाओं से समाज को सबक लेना चाहिए। साफ हो गया है कि बेटियों के प्रति सोच अभी बदली नहीं है। सोच में बदलाव लाने की जरूरत है। - डा. अरुण केसरवानी, जिलाध्यक्ष, ओलंपिक संघ
नन्हीं सी बिटिया के साथ जो हुआ वह सभ्य समाज के मुंह पर तमाचा है। समाज को बेटियों के प्रति सोच बदलनी होगी। - एकलव्य
समाज के लोग बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। समाज के बीच में ही भेड़िए रह रहे हैं। उन्हें पहचानने और सबक सिखाने की जरूरत है। - माया
जिसने भी ये हैवानियत की है उसे सजा जरूर मिलनी चाहिए। नन्हीं परी को सिस्टम अगर इंसाफ नहीं दे सकता तो अव्वल दर्जे की शर्मनाक बात है। - लक्ष्मी
दैनिक जागरण का लाख-लाख शुक्रिया, जो नन्ही परी को इंसाफ दिलाने के लिए इतनी कोशिश कर रहा है। समाज यदि खुद को जागरूक कहता है तो सर्व समाज को आगे भी आना चाहिए। - रानी
पुलिस महकमें ने कही ये बात
नवजात के शव का पोस्टमार्टम कराया गया। लाश काफी सड़-गल गई थी। लिहाजा रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। बृजेश कुमार श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक।
नए डीप फ्रीजर की मांग स्वास्थ्य निदेशालय से की गई है। निदेशालय से मिलने पर उसे पोस्टमार्टम हाउस में लगवाया जाएगा। - डा. सुष्पेंद्र कुमार, सीएमओ।
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