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    कौशांबी रेप केस में बेटे के जेल जाने पर पिता ने दी जान, अब पीड़िता बोली- नहीं हुआ दुष्कर्म; चुनावी रंजिश में फंसाया

    Updated: Mon, 09 Jun 2025 10:41 PM (IST)

    कौशांबी में दुष्कर्म के झूठे आरोप में एक युवक को जेल हुई जिसके बाद उसके पिता ने आत्महत्या कर ली। एसआईटी जांच में पता चला कि यह चुनावी रंजिश का मामला थ ...और पढ़ें

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    कौशांबी रेप केस में बेटे के जेल जाने पर पिता ने दी जान, अब पीड़िता बोली- नहीं हुआ दुष्कर्म

    जागरण संवाददाता, कौशांबी। दुष्कर्म के मुकदमे में एक युवक जेल चला गया। उसका पिता बेटे को निर्दोष बता न्याय की गुहार लगाता रहा। थक- हार कर उसने सैनी कोतवाली में ही पुलिस वालों के सामने जहर खाकर जान दे दी। मामले ने तूल पकड़ा और एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) ने जांच शुरू की तो सोमवार को नया मोड़ आ गया। पूरा षड्यंत्र चुनावी रंजिश को लेकर था, जिसे ग्राम प्रधान ने रचा।

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    एसआइटी के समक्ष दिए बयान में पीड़िता ने खुद के साथ कुछ भी गलत नहीं होना बताया। कहा कि वह मां के बहकावे में आ गई थी। जेल में बंद युवक को जांच में क्लीन चिट मिल गई। 11 दिन जेल में रहने के बाद वह जमानत पर रिहा किया गया।

    अब मुख्य आरोपित प्रधान की गिरफ्तारी के लिए हरियाणा में पुलिस टीम दबिश दे रही है। सैनी क्षेत्र के लोहंदा गांव के प्रधान भूप नारायण पाल और रामबाबू तिवारी के बीच चुनावी रंजिश थी। ग्राम प्रधान ने पुलिस से सांठगांठ कर रामबाबू के बेटे सिद्धार्थ के खिलाफ गांव की एक युवती से दुष्कर्म की तहरीर दिलवाई।

    28 मई को पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया व 29 मई को आरोपित सिद्धार्थ को जेल भेज दिया। रामबाबू शुरू से ही चिल्लाते रहे कि प्रधान ने बेटे को फर्जी मुकदमे में फंसाया है। न्याय न मिलने पर पिछले सप्ताह बुधवार को उन्होंने कोतवाली में जहर खाकर जान दे दी। घटना के बाद हंगामा हुआ।

    रामबाबू के बेटे अक्षय की तहरीर पर पुलिस ने प्रधान व उसके भाई वीरेंद्र सहित पांच के खिलाफ जहर देकर मार डालने का मुकदमा दर्ज किया। प्रधान के भाई सहित दो आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। प्रधान भूप नारायण सहित तीन आरोपित फरार हैं। एसपी राजेश कुमार ने प्रधान की गिरफ्तारी के लिए 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है।

    सीओ सिराथू अवधेश विश्वकर्मा की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में पथरावां चौकी प्रभारी आलोक राय, मुकदमे के विवेचक कृष्ण स्वरूप को निलंबित किया गया।

    सैनी कोतवाली के इंस्पेक्टर बृजेश करवरिया को लाइन हाजिर कर दिया गया। दुष्कर्म मामले की जांच एसआइटी गठन कर कराई गई। जांच अधिकारी एसओ कड़ाधाम ने पीड़िता, चश्मदीद और ग्रामीणों का रविवार को बयान लिया तो रंजिशन दुष्कर्म का फर्जी मामला दर्ज कराने का सच सामने आया।

    पुलिस ने दुष्कर्म व पास्को की धारा हटाते हुए नया रिमांड तैयार कराया। इसी के आधार पर सिद्धार्थ तिवारी को कोर्ट से जमानत दे दी गई। शाम को जेल से उसे रिहा भी कर दिया गया है।

    एसपी राजेश कुमार के अनुसार आरोपित प्रधान की लोकेशन हरियाणा में मिली है। पुलिस की एक टीम वहां छापेमारी कर रही है।