Fake Birth Certificate : कौशांबी के CHC ने बना दिया 36 वर्षीय युवक का जन्म प्रमाणपत्र, CMO ने चिकित्सा प्रभारी को किया तलब
कौशांबी में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही उजागर हुई है। चायल सीएचसी से 36 वर्षीय व्यक्ति का फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिया। विदेश जाने के लिए किए गए इस फर्जीवाड़े के उजागर होने पर विभाग में खलबली मची है। सीएमओ ने मामले में स्पष्टीकरण तलब किया है और दोषी पाए जाने पर निलंबन की चेतावनी दी है।
जागरण संवाददाता, कौशांबी। स्वास्थ विभाग का एक कारनामा इन दिनों सुर्खियों में है। लापरवाही का आलम यह है कि बिना अधिकार क्षेत्र के सीएचसी चायल के अधीक्षक ने 36 वर्ष के शादीशुदा व्यक्ति का जुलाई माह में जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिया। आवेदक ने यह फर्जीवाड़ा विदेश जाने के लिए स्वास्थ कर्मियों से मिलीभगत करके किया था।
मामले की जानकारी होने पर विभाग में खलबली मच गई। सीएमओ ने चिकित्सा प्रभारी से स्पष्टीकरण तलब किया है। जांच में अगर चिकित्सक के डिजिटल हस्ताक्षर मिलान सही निकला तो निलंबन की कार्रवाई किए जाने की चेतावनी दी गई है।
पीएचसी नेवादा के अंर्तगत टिकरा पनारा गोपालपुर गांव आता है। यहां रहने वाले रिजवान पुत्र मोहम्मद रईश मछली का शिकार कर स्वजन का भरण पोषण करते हैं। रिजवान की मां हसीना बेगम ने बताया कि बेटे की वास्तविक जन्मतिथि एक जनवरी 1989 हैं। रिजवान की शादी हो चुकी है। उसके दो बच्चे भी हैं।
घर का आर्थिक स्थित कमजोर होने के कारण रिजवान ने विदेश (सऊदी) में नौकरी करने की इच्छा प्रकट की। इसके लिए बेटे ने एक एजेंट से संपर्क किया। एजेंट के कहने पर पासपोर्ट के लिए आवेदन करना था। हालांकि वहां आवेदन के साथ जन्म प्रमाणपत्र मांगा गया।
रिजवान की वोटर आइडी व राशन कार्ड में आयु अलग-अलग होने से समस्या आ रही थी। इस पर एजेंट ने सेटिंग से जन्म प्रमाणपत्र बनवाने का आश्वासन दिया। इसके लिए मोटी रकम वसूल की गई। चायल सीएचसी में आवेदन कराया गया। यहां से रिजवान को 23 जुलाई 2025 को जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। जबकि नियम यह है कि चिकित्सा प्रभारी को अधिकार ही नहीं था कि वह यह प्रमाणपत्र जारी कर सकें।
सीएमएम डा. संजय कुमार का कहना है कि किसी बच्चे के जन्म से लेकर 28 दिन तक ही एमओआइसी जन्म प्रमाणपत्र जारी कर सकते हैं। इसके बाद एक साल तक के बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र वह जारी करते हैं। इससे अधिक उम्र का आवेदनकर्ता है तो एसडीएम को जन्म प्रमाणपत्र जारी करने का अधिकार दिया गया है।
टिकरा नेवादा में तो कैसे चायल से बना प्रमाणपत्र
नेवादा प्रतिनिधि के अनुसार रिजवान को जन्म प्रमाणपत्र जारी करने में स्वास्थ विभाग ने एक और खेल किया है। रिजवान का गांव टिकरा पनारा गोपालपुर पीएचसी नेवादा के अंर्तगत आता है, जबकि उसका जन्म प्रमाणपत्र सीएचसी चायल से जारी किया गया है।
चायल सीएचसी अधीक्षक ने दी सफाई
इस बाबत सीएचसी चायल के अधीक्षक डा. संजय सिंह का कहना है कि रिजवान का जन्म प्रमाणपत्र उनके कार्यकाल में जारी नहीं किया गया। पूर्व अधीक्षक से आइडी से प्रमा पत्र जारी किया गया है। वहीं यहां पूर्व में अधीक्षक रहे डा. मुक्तेश द्विवेदी का कहना है कि मेरा तबादला 30 मई 2025 को सीएचसी कनैली हुआ है। जून माह में ही उन्होंने नवीन तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण कर लिया है।
सीएमओ बोले- निलंबन की कार्रवाई होगी
सीएचओ डा. संजय कुमार का कहना है कि यह प्रकरण बेहद गंभीर है। एक साल से ज्यादा आयु वाले आवेदक का स्वास्थ विभाग के अफसर प्रमाणपत्र जारी ही नहीं कर सकते। चायल सीएचसी के अधीक्षक को तलब किया गया है। प्रमाणपत्र में जिस भी चिकित्सक का क्यूआर कोड में डिजिटल हस्ताक्षर होगा, उससे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर निलंबन की कार्रवाई भी कार्रवाई की जाएगी।
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