Kaushambi Blast: धमाकों से पांच किमी तक थर्राया इलाका, भीषण विस्फोट से कर्मचारियों के उड़े चीथड़े, दो कर्मी हवा में उछलकर खेत में गिरे
फैक्ट्री में विस्फोट के बाद चारों ओर लगभग तीन सौ मीटर क्षेत्र में पटाखे फूट रहे थे। आसपास रहने वाले जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थान की ओर भाग रहे थे। ...और पढ़ें

ज्ञानेंद्र सिंह, कौशांबी। भरवारी कस्बा के पास अमवा मार्ग पर खलीलाबाद (महेवा) बस्ती में रविवार दोपहर पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाकों से पूरा इलाका दहल उठा। फैक्ट्री में कार्यरत कर्मियों के शवों के चीथड़े उड़ गए। किसी के हाथ तो किसी के पैर शरीर से अलग-थलग होकर दूर-दूर पड़े थे।
फैक्ट्री परिसर में चारों ओर मांस के लोथड़े फैले थे। पूरी फैक्ट्री खून से लथपथ थी। दो कर्मी तो विस्फोट के साथ हवा में उड़कर फैक्ट्री की चहारदीवारी से लगभग 10 मीटर दूर खेत में गिरे। दोनों इतनी गंभीर रूप से झुलसे थे कि उनकी मौके पर ही तड़प कर मौत हो गई। बाद में पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में ले लिया।
लगभग पांच से छह किमी दूर स्थित गांवों परसरा, सिंघिया, चमंधा, कोखराज, मूरतगंज, इमामगंज, गिरसा, गिसारा, टीकरगढ़, रसूलपुर काजी में विस्फोटों की भयावह गूंज सुनाई दी। चार से पांच किमी दूर तक धुआं दिखाई दिया। भरवारी कस्बा तथा इसके आसपास के दो दर्जन गांवों के लोग धमाकों से सहम गए।
लगभग एक किमी के आसपास के घरों में रहने वाले तो कुछ देर के लिए कुछ समझ ही नहीं सके थे। विस्फोटों के साथ धुएं के गुबार पर नजरी पड़ी तब उन्हें पूरा माजरा समझ में आ सका। चीख-पुकार के साथ आग की लपटें काफी ऊपर तक दिखाई दे रही थीं। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो फैक्ट्री के अंदर से पटाखे बाहर दूर तक जाकर फूट रहे थे।
फैक्ट्री के चारों ओर लगभग तीन सौ मीटर क्षेत्र में पटाखे फूट रहे थे। आसपास रहने वाले जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थान की ओर भाग रहे थे। फैक्ट्री के अंदर टिन शेड का छाया था। धमाकों से टिन शेड दो सौ मीटर से ज्यादा ऊंचाई तक उड़ गए थे, जो आसपास के खेतों में जा गिरे। विस्फोट से फैक्ट्री की पिछली चहारदीवारी भी धराशायी हो गई।
लगभग पांच घंटे तक पुलिस और अग्निशमन विभाग का बचाव कार्य चला। चायल तहसील प्रशासन के अनुसार लगभग एक बीघे में फैली फैक्ट्री की जमीन शराफत अली पुत्र शफीक के नाम पर है, जिसे फैक्ट्री मालिक शाहिद अली ने किराए पर लिया है।
घरों में ऐसी गूंज कि जैसे आ गया हो भूकंप
भरवारी कस्बा और नई भरवारी में रहने वाले लोग तो इस तरह सहम उठे थे कि उन्हें कुछ समझ में ही नही आ रहा था। जो बाहर थे वे जान बचाने को भागे और जो अंदर थे वे काफी देर तक छिपे रहे। मुख्य मार्ग पर रहने वाला बाबी सोनकर के घर से तो चीखने-चिल्लाने की आवाज निकलने लगीं।
दरअसल, बुजुर्ग मां तारा देवी घर के बाहर दरवाजे पर भोजन कर रहीं थीं और उनकी पत्नी मैना देवी रसोई में रोटी पका रही थीं। धमाके होने लगे तो चलने में असमर्थ तारा देवी चीखने-चिल्लाने लगीं, वहीं मैना देवी और संगीता देवी बाहर दौड़ीं। बेटियां सृष्टि, अस्मिता, खुशबू, बेटों प्रतीक व वेद तो भीषण विस्फोट से सहम उठे। मैना देवी ने बताया कि जैसे भूकंप आ गया हो और धमाकों से पूरा घर हिलने लगा था। पास में ही रहने वाले हीरालाल अपनी दुकान में बैठे ही रहे। बताया कि धमाकों से जैसे उनकी एकबारगी सांस रुक गई थी।
प्रतापगढ़ और फतेहपुर की भी फोर्स तैनात
नई बस्ती भरवारी के निकट स्थित पटाखा फैक्ट्री में आग लगने के बाद वहां की भीड़ आक्रोशित हो उठी थी। ग्रामीण पथराव के साथ पुलिसकर्मियों से धक्कामुक्की करने लगे थे। ऐसे में एडीजी के निर्देश पर फतेहपुर और प्रतापगढ़ से भी पुलिस फोर्स बुला ली गई और पटाखा फैक्ट्री के आसपास उनकी तैनाती कर दी गई। इसके साथ ही पीएसी भी वहां कैंप कर रही है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।