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    जून के महीने में गर्मी हर दिन तोड़ रही रिकॉर्ड, कब होगी बार‍िश? मौसम व‍िभाग ने द‍िया ताजा अपडेट

    कौशांबी में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। लोग गर्मी से बचने के लिए घरों में दुबके हैं बाजारों में सन्नाटा पसरा है। स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं और खानपान में बदलाव आया है। पशु-पक्षी भी बेहाल हैं। मौसम विभाग ने 15 जून तक राहत की उम्मीद जताई है।

    By Jagran NewsEdited By: Vinay Saxena Updated: Fri, 13 Jun 2025 03:49 PM (IST)
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    सूरज की तपिश से जीना हुआ मुश्किल।- सांकेत‍िक तस्‍वीर

    जागरण संवाददाता, कौशांबी। हर रोज आसमान की ओर टकटकी। सूरज की तपिश से अब जीना मुश्किल हो रहा है। उम्मीद बादलों की आवाजाही पर टिकी है। आसमान से दिन में आग बरस रही है। तथागत की तपोभूमि तप रही है। गर्मी आए दिन रिकॉर्ड तोड़ रही है। शुक्रवार को भी दिनभर तेज धूप रही। ऐसे में लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया। अधिकतम तापमान 44 डिग्री और न्यूनतम 30 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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    मौसम विभाग की मानें तो 15 जून की शाम मौसम बदलने की संभावना जताई है।  गर्मी की प्रचंडता बढ़ती जा रही है। सूरज की आग बरसाती किरणें और गर्म हवाओं के थपेड़ों ने लोगों को बेहाल करके रख दिया है। दोपहर में बाजारों और सड़कों पर सन्नाटा पसर जा रहा है। जरूरी काम होने पर ही लोग दोपहर के समय घरों से बाहर निकल रहे हैं।

    इधर, लगातार बढ़ रही गर्मी से स्वास्थ्य भी खराब होने लगा है। तकरीबन एक सप्ताह से भीषण गर्मी का दौर चल रहा है। सूरज की तीखी गर्मी लोगों को बेहाल करने लगी है। दोपहर में सड़कों पर सन्नाटा दिखाई दे रहा है। इस बार अप्रैल और मई से ज्यादा गर्मी जून में पड़ रही है। एक सप्ताह से शहर में तेज गर्मी का दौर चल रहा है। अभी दो दिनों तक मौसम का मिजाज इसी तरह मिलाजुला रहने की संभावना है, इसके बाद 15-16 को बारिश का दौर शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। बारिश के बाद तापमान में दो से तीन डिग्री की कमी आएगी और लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी। 

    उफ ये गर्मी, सिकंजी से भी नहीं राहत

    चिलचिलाती धूप और तन झुलसाती गर्म हवाओं ने लोगों को घरों में कैद रहने के लिए मजबूर कर दिया है। पूरा दिन कूलर की गर्म हवा के बीच बीत रहा है। शिकंजी, लस्सी, शर्बत, जूस, दही और दूध का सेवन कर गर्मी से बचने के प्रयास किए जा रहे हैं। इधर, रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण बच्चे जल्दी ही गर्मी जनित रोगों की चपेट में आ रहे हैं। वहीं, वृद्ध लोग भी गर्मी की मार को नहीं सह पा रहे हैं। गर्मी में बदला खानपान का सिस्टम गर्मी में लोगों को वायरल और डायरिया की शिकायतें अधिक हो रही हैं। इन रोगों से पीड़ित तमाम लोग रोजाना प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। गर्मी के हिसाब से लोगों का सिर्फ पहनावा ही नहीं बदला, बल्कि खानपान भी बदल गया है। लोग अब कम मिर्च-मसाले वाले खाद्य पदार्थों को ही अधिक पसंद कर रहे हैं। बदन पर पर सूती और गर्मी से राहत देने वाले कपड़े पहनकर घर से निकल रहे हैं।

    पशु-पक्षियों का हाल बेहाल

    भीषण गर्मी और धूप से इंसानों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है, साथ ही पशु-पक्षी भी बेहाल हो रहे हैं. तेज धूप की वजह से दोपहर के समय जैसे आसमान से सीधे आग की लपटें आ रही गर्मी की वजह से पशु-पक्षी भी बेहाल हैं। गर्मी में पशु-पक्षी और जानवर पोखर, हैंडपंप में पानी तलाश रहे हैं, लेकिन उन्हें पानी नसीब नहीं हो पा रहा है। गुरुवार को भी पूरे दिन गर्मी से लोग पसीने से बेहाल रहे।

    इस बार अप्रैल, मई की तुलना में जून का महीना ज्यादा गर्म है। इसका कारण यह है कि अप्रैल, मई में बादल, वर्षा, हवा की तीव्रता ज्यादा थी। अभी मौसम शुष्क बना हुआ था। इस समय सूर्य भी पृथ्वी की एकदम सीध में होता है। दिन बड़े होने के कारण अधिक देर तक सूर्य की तपिश रहती है। इसके कारण गर्मी अधिक हो रही है। डॉ. अजय कुमार वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र।