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    बेगुनाही का सबूत देने के बाद वृद्ध ने तोड़ा दम, एसडीएम कार्यालय में चारपाई पर लदकर पहुंचे थे जगपत

    Updated: Wed, 29 Oct 2025 11:13 PM (IST)

    कौशांबी के चायल में 95 वर्षीय जगपत यादव पर दबंगई का आरोप लगने के बाद उनकी मौत हो गई। वह चारपाई पर लेटकर एसडीएम कार्यालय पहुंचे थे, ताकि खुद को निर्दोष साबित कर सकें। परिजनों का कहना है कि दबंगई के आरोप से आहत होकर उनकी मौत हुई। पुलिस का कहना है कि तहरीर मिलने पर जांच की जाएगी।

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    जागरण संवाददाता, कौशांबी। दबंगई का आरोप किसी दस्तावेज पर लिखा शब्द नहीं होता, यह किसी निर्दोष की नसों में उतरकर उसकी सांस तक छीन सकता है। कौशांबी के चायल के मखऊपुर गांव में यह सच एक 95 वर्षीय बुजुर्ग के शव की तरह सामने पड़ा।

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    मंगलवार दोपहर जगपत यादव चारपाई पर लदकर तहसील पहुंचे थे सिर्फ यह साबित करने कि 'साहब, मैं दबंग नहीं… मैं तो बिस्तर पर हूं।' अधिकारियों ने टीम भेजने का भरोसा दिया, परिवार उन्हें वापस घर ले आया। लेकिन उस अपमान और आरोप का बोझ शायद उनकी देह से भारी था। मात्र 12 घंटे बाद रात को उनकी सांस टूट गई। बिना पोस्टमार्टम चिता जल गई…। लेकिन सवाल जिंदा है- इस मौत की जवाबदेही किसकी है?

    चायल तहसील के पिपरी के मखऊपुर गांव निवासी करन सिंह यादव ने बताया कि वह गांव की आबादी में भूमिधरी जमीन पर मकान बनवा रहे हैं। निर्माण का विरोध उसके पट्टीदार कर रहे थे। यही नहीं वह जमीन को दबंगई के बल पर जबरन कब्जा करने का आरोप उनके 95 वर्षीय पिता जगपत पर लगाकर समाधान दिवस समेत थाने में शिकायत किए थे।

    अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस ने दो दिन पहले करन सिंह को चौकी में बैठा लिया था। इससे आहत होकर मंगलवार को चलने में अक्षम पिता जगपत बेटे करन, बहू शकुंतला देवी, नाती सौरभ, निशि यादव, पात्र यादव के साथ चारपाई पर लेटकर दोपहर में एसडीएम कार्यालय पहुंच गए थे।

    एसडीएम के मौजूद न होने पर पेशकार ने फोन के माध्यम से उन्हें घटना की जानकारी दी थी। एसडीएम अरुण कुमार ने नायब तहसीलदार सौरभ सिंह और संजय कुमार सहित चकबंदी एवं राजस्व विभाग के लेखपाल सहित टीम को जांच के लिए मौके पर भेजा था।

    वहीं, आश्वासन मिलने पर स्वजन भी जगपत को लेकर घर लौट गए थे। मंगलवार की रात ही उनकी मौत हो गई। बहू ने दबंगई का आरोप लगने के सदमे के कारण मौत होने का आरोप लगाया। हालांकि, स्वजन ने बिना पोस्टमार्टम कराए शव का अंतिम संस्कार कर दिया।

    थाना प्रभारी सिद्धार्थ सिंह का कहना है कि इस मामले में किसी भी प्रकार की तहरीर नहीं मिली है। अगर स्वजन तहरीर देते हैं तो जांच करते हुए कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम अरुण कुमार चकबंदी में गांव में शामिल है, यहां निर्माण के लिए अनुमति लेनी होती है। राजस्व की टीम भेजी गई थी। उन्होंने निर्माण की अनुमति नहीं ली थी।