कौशांबी-चित्रकूट बार्डर के 25 गांवों में चोरों का दहशत, ग्रामीणों को पुलिस पर भरोसा नहीं, टोली बनाकर रात में कर रहे पहरेदारी
चित्रकूट जिले में हो रही चोरी की घटनाओं के चलते यमुना नदी के किनारे बसे कौशांबी जिले के बार्डर के गांवों में दहशत का माहौल है। इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहे वीडियो और अफवाहों के कारण लोग रात में पहरा देने को मजबूर हैं। पुलिस ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और अजनबियों की सूचना देने की अपील की है।

संसू, जागरण, महेवाघाट (कौशांबी)। अगर आप रात के अंधेरे में यमुना नदी के किनारे बसे किसी गांव में रिश्तेदार के यहां जा रहे हैं तो सतर्क रहें। यमुना नदी के उस पार चित्रकूट इलाके में हो रही चोरी की घटनाओं को लेकर तराई के गांवों में दहशत का महौल बन चुका है।
गांवों में नौजवान टोली बनाकर रात में कर रहे पहरेदारी
गांवों के नौजवान टोली बनाकर रात भर पहरा देते हुए जागते रहों का शोर मचाकर लोगों की नींद खराब कर रहे हैं। ऐसे में किसी अजनबी के साथ कोई अप्रिय घटना होने से इन्कार नहीं किया जा सकता। पुलिस से लोगों का भरोसा उठ चुका है।
ड्रोन कैमरे से निगरानी की भी अफवाह
पिछले कई दिनों से चित्रकूट जिले में टोली बनाकर घूमने वाले बदमाशों पर चोरी की घटनाएं इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित की जा रही हैं। तस्वीरों में लोगों को बेरहमी से पीटे जाने का वीडियो भी अपलोड किया जाता है। अफवाह फैलाई जा रही है कि चोर ड्रोन कैमरे के जरिए पहले गांव की निगरानी करते हैं, फिर घटनाओं को अंजाम दिया जाता है। हालांकि दैनिक जागरण ऐसे किसी वीडियो व पोस्ट के सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।
चित्रकूट-कौशांबी बार्डर के 25 गांवों में दहशत
जिले का महेवाघाट थाना क्षेत्र चित्रकूट का बार्डर है। इसकी वजह से महेवाघाट क्षेत्र के 25 गांवों में दहशत है। लोग रात जागकर पहरा लगाने के लिए मजबूर हैं। युवाओं के हाथ में टार्च व लाठी रहती है। इसके अलावा पहरा देकर जागते रहो का शोर मचाया जाता है। हिनौता गांव के प्रधान इंद्रजीत का कहना है कि लोगों के अंदर डर घर कर गया है। मजबूरी में पहरा लगाना पड़ रहा है। अक्सर बीट के सिपाही भी पहरे में शामिल होते हैं।
सीओ कौशांबी ने पुलिसकर्मियों को रात्रि गश्त बढ़ाने को कहा है
सीओ कौशांबी जनेश्वर पांडेय कहते हैं कि महेवाघाट क्षेत्र में लोग रात को पहरेदारी कर रहे हैं, इसकी जानकारी नहीं है। इंटरनेट मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। किसी गांव में कोई अजनबी दिखे तो पुलिस को सूचना दी जाए। लोग खुद को कोई फैसला नहीं ले। पुलिस कर्मियों को रात्रि गश्त में तेजी लाने के लिए निर्देश किया गया है।
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