बौद्ध सर्किट के भूमि अधिग्रहण के लिए बजट जारी लेकिन बैनामा में पेच
मंझनपुर तहसीलदार भूपाल सिंह का कहना है कि काश्तकार भूमि का बैनामा करने के लिए तैयार हैं।
बौद्ध सर्किट के भूमि अधिग्रहण के लिए बजट जारी लेकिन बैनामा में पेच
जागरण संवाददाता, कौशांबी : स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत कौशांबी को बौद्ध सर्किट से जोड़ने के लिए भूमि अधिग्रहण की जानी है। इसके लिए सरकार द्वारा बजट भी जारी कर दिया गया है, लेकिन भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई अधर में लटक गई है। नामित अधिकारी का ट्रांसफर होने से कैंप नहीं लग सका। इससे किसानों की भूमि का बैनामा नहीं हो सका।
मंझनपुर से लगभग 40 किमी. दूर कौशांबी पर्यटन स्थल है। यहां चौमासा काटने के लिए महात्मा बुद्ध आए थे। बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए सम्राट अशोक ने लाट बनवाया था। इसके भग्नावशेष आज भी मौजूद है। लंका से वौद्ध वृक्ष लाकर यहां स्थापित किया गया। यही नहीं कंबोडिया के लोगों ने बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए कंबोडियाई माडल पर मंदिर बनवाया। पद्म प्रभु की जन्मस्थली भी है। इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने कौशांबी को बौद्ध सर्किट से जोड़ने का निर्णय लिया। कुछ दिनों पहले जिला प्रशासन ने राजस्व टीम लगाकर लगभग 11 हेक्टेयर भूमि चिह्नित की। यह भूमि 162 काश्तकारों की है। सरकार ने इस दिशा में कार्रवाई तेज करते हुए भूमि अधिग्रहण के लिए 16.91 करोड़ रुपये भी जारी कर दिया। भूमि का बैनामा पर्यटन विभाग के नाम कराने के लिए दो दिवसीय कैंप 18 और 19 जून को कौशांबी खास में लगाने का निर्णय जिला प्रशासन ने लिया था। इसके लिए पर्यटन विभाग द्वारा जिस अधिकारी को नामित किया गया था। उनका ट्रांसफर हो जाने के कारण कैंप नहीं लग सका। अब तक दूसरे अधिकारी नामित भी नहीं किए गए। इससे कार्रवाई अधर में लटक गई।
साधना केंद्र भी बनेगा
बौद्ध सर्किट में बहुउद्देश्यीय हाल, ओपेन एयर थियेटर, पुस्तकालय, साधना केंद्र, टिकट स्टेशन, कैफेटेरिया आदि निर्माण के लिए विभाग ने प्रस्ताव बनाया है। मंझनपुर तहसीलदार भूपाल सिंह का कहना है कि काश्तकार भूमि का बैनामा करने के लिए तैयार हैं। पहले लखनऊ के कोई अधिकारी नामित किए गए थे। विभाग दूसरे अधिकारी को नामित कर दे। दो दिन कैंप लगाकर भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी।
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