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    पुलिस महकमे में फिर लौटेगी अंग्रेजों के जमाने की राइफल, थानों के साथ अफसरों की सुरक्षा में होंगे तैनात; फरमान जारी

    By Jagran NewsEdited By: Riya Pandey
    Updated: Sat, 05 Oct 2024 03:47 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए थ्री-नॉट-थ्री राइफलों को फिर से शुरू किया जा रहा है। पुलिस विभाग से तीन साल पहले हटाई गई इन राइफलों को अब पीआरडी जवानों को प्रशिक्षण देकर थमाया जाएगा। इन जवानों को थानों अधिकारियों के बंगलों और अन्य सुरक्षा व्यवस्थाओं में तैनात किया जाएगा। युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।

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    खाकी कंधों पर सजेंगी थ्री-नॉट-थ्री राइफलें (फाइल फोटो)

    मनोज दुबे, कौशांबी। पुलिस महकमे से रिटायर हो चुकी अंग्रेजों के जमाने की थ्री-नाट-थ्री राइफल एक बार फिर से खाकी के कंधे पर सजेगी। तीन साल पहले पुलिस विभाग से विदा हो चुकी थ्री-नाट-थ्री राइफल अब पीआरडी जवानों के कंधे की शान बनेगी।

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    पीआरडी जवानों को प्रशिक्षण देकर उन्हें थानों के साथ अफसरों के बंगले व सुरक्षा में तैनात किया जाएगा। इसके लिए महा निदेशालय युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल ने फरमान जारी कर दिया है। विभाग का फरमान आने के बाद जिम्मेदारों ने कवायद शुरू कर दी है।

    सुरक्षा के हर मोर्चे में किया जाएगा तैनात

    देश की आजादी के 16 महीने बाद 11 दिसंबर 1948 को प्रांतीय रक्षक दल का गठन किया गया था। उद्देश्य था कि इन्हें राज्य की सुरक्षा के लिए हर मोर्चे में तैनात किया जाएगा, लेकिन उपेक्षा के चलते यह विभाग अभी तक अंतिम सांसें गिन रहा था।

    प्रदेश सरकार के फैसले के बाद युवा कल्याण विभाग ने जान फूंकने का काम शुरू कर दिया है। पुलिस व होमगार्ड की तरह पीआरडी जवानों को भी दक्षता प्रशिक्षण दिया जाएगा। पुलिस की तरह अब यह जवान भी राइफल चलाएंगें। ड्यूटी के दौरान पुलिस कर्मियों की तरह कार्यकुशलता को लेकर अलर्ट रहेंगे।

    प्रशिक्षण के तहत पीआरडी जवानों को डंडे के साथ थ्री-नाट-थ्री राइफल चलाना, सेल्यूट की ट्रेनिंग के साथ जन-मानस के साथ अच्छा व्यवहार करने की सीख दी जाएगी। उप निदेशक अजातशत्रु शाही युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल ने फरमान जारी किया है।

    आज भी पुलिस विभाग में सीना ताने खड़ी रहती है थ्री-नाट-थ्री राइफल

    थ्री नाट थ्री राइफल करीब 44.5 इंच (साढ़े तीन फीट से ज्यादा) लंबी होती हैं। इसमें बैरल की लंबाई करीब 25 इंच होती है। थ्री नाट थ्री की मारक क्षमता दो किलोमीटर तक की होती है। इनकी जगह अब इंसास राइफल लेने लगी है। पुलिस विभाग परेड के लिए सजाए गए मैदान में थ्री नाट थ्री राइफल सीना ताने खड़ी नजर आती थीं। यूपी पुलिस का 75 साल तक साथ देने वाली थ्री नाट थ्री राइफल को 26 जनवरी 2020 को परेड के बाद विदाई दे दी गई थी।

    पहले हाेमगार्ड के कंधे शान बनी पीआरडी की बारी

    तीन साल पहले रिटायर हो चुकीं थ्री-नाट-थ्री राइफल आज भी होमगार्ड के कंधे की शान बनी। इसके एवज में होमगार्ड को इंसास थमाकर हाईटेक किया जा रहा है। आज भी कुछ होमगार्ड के कंधों पर नजर आ रही है। ट्रेनिंग न मिलने के कारण होमगार्ड को इंसास नहीं मिल सकी, इसलिए उन्हें थ्री-नाट-थ्री से ही काम चलाना पड़ रहा है। अब यह राइफल पीआरडी जवान के कंधे की शान बनेगी।

    जिले में पीआरडी जवान व मिले सरकारी शस्त्र पर एक नजर

    पीआरडी जवान 325
    ड्यूटी कर रहे 235
    थ्री-नाट-थ्री राइफल 29
    रिवाल्वर 01

    पुलिस लांइस के शस्त्रागार में धूल फांक रहीं राइफलें

    युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल कौशांबी को 29 थ्री-नाट-थ्री राइफल के साथ एक रिवाल्वर दी गई है। जिन्हें पीआरडी जवानों को थमाया जाना है। प्रशिक्षण न कराए जाने के कारण आज भी यह शस्त्र पुलिस लाइंस के शस्त्रागार में धूल फांक रहे हैं। शासन व विभाग के फरमान के बाद कुछ उम्मीदें जगने लगी है कि शायद अब इन शस्त्रों के भी दिन पहुंरेगें और पीआरडी जवानों के कंधे की शान बनेंगे।

    90 जवान रह सकते हैं प्रशिक्षण से बाहर

    दोआबा में पीआरडी के 325 जवान हैं। इनमें से 235 जवान पोर्टल के जरिए ड्यूटी लगने के बाद अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं। थ्री-नाट-थ्री राइफल प्रशिक्षण से करीब 90 जवान वंचित रह सकते हैं। इनमें से कुछ ऐसे जवान हैं, जिनका अभिलेख अपूर्ण है या फिर व प्रशिक्षण प्राप्त करने में असमर्थ हैं। जिम्मेदारों ने जवानाें को सूचीबद्ध करना शुरू कर दिया है।

    पीआरडी जवानों की दक्षता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कराए जाने का निर्देश विभाग ने दिया है। प्रशिक्षण दिलाने के बाद जवानों की सरकारी कार्य में ड्यूटी लगाए जाने का प्राविधान है। शस्त्र देने के बाद इनसे संस्थागत कार्य नहीं कराया जाएगा। शासन ने हरी झंडी मिलने के बाद जवानों को प्रशिक्षण देकर थ्री-नाट-थ्री राइफल से लैश किया जाएगा।

    -अंशू मिश्रा, जिला युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल अधिकारी

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