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    कार्निया अल्सर ले सकती है आंखों की रोशनी

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    Updated: Thu, 02 Feb 2012 10:12 PM (IST)

    कौशाम्बी : आंखों का अल्सर (कार्निया) आंखों के लिए घातक है। अगर समय पर इसका इलाज न किया गया तो आंखों की रोशनी भी जा सकती है। ये बातें दैनिक जागरण के साप्ताहिक कार्यक्रम प्रश्नपहर में गुरुवार को नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. एसएन मिश्रा ने कहीं। कहा कि कटाई-मड़ाई के समय किसानों को आंखों के प्रति विशेष सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि गेहूं की बाली व भूसे का तिनका अक्सर आंखों तक पहुंच जाता है और कभी-कभी लोगों के लिए घातक भी साबित होता है। यदि किसी व्यक्ति की आंखों में तिनका पहुंच जाए तो उसे मलना नहीं चाहिए। स्थानीय नेत्र चिकित्सक से परामर्श लेकर इलाज करवाना चाहिए। यदि तिनका पड़ने के बाद आंख को मल दिया गया तो आंख की पारदर्शिता झिल्ली में घाव बन जाता है जो रोशनी गुम करने का प्रमुख कारण बन जाता है। कहा कि कटाई-मड़ाई करते समय चश्मे का प्रयोग करें तो आंखों के लिए बेहतर होगा।

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    समलबाई से रहें सावधान

    समलबाई भी आंखों के लिए विशेष घातक है। यदि इस रोग पर ध्यान न दिया गया तो आंखों की रोशनी चली जाती है। बताया कि इस मर्ज में आंख लाल रहती है, सिर दर्द बढ़ जाता है। समय के अंदर इसका इलाज न होने पर आंख के परदे की नसें सूख जाती हैं। फिर दुबारा रोशनी लाना मुश्किल हो जाता है।

    आपरेशन से ही दूर होगा मोतियाबिंद

    मोतियाबिंद भी आंखों के लिए घातक है। यह शिशुओं व 50 वर्ष से अधिक लोगों को अपनी गिरफ्त में लेता है। यदि आंख में गौर से देखा जाए तो पुतली में सफेद मोती जैसा दिखाई पड़ता है। ऐसा महसूस होने पर नेत्र चिकित्सक से संपर्क कर इलाज कराना चाहिए। अगर इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बरती गई तो आंखों की रोशनी जा सकती है।

    सुगर से भी आंखों में पड़ता है असर

    कम परिश्रम व अधिक खानपान से ब्लड सुगर व डायबिटीज की बीमारी लोगों में फैलती है। यदि बीमारी अनियंत्रित हो गई तो इसका असर आंखों में भी पड़ने लगता है। आंखों के परदे में सूजन आ जाती है और रक्तस्राव होने लगता है। आंखों की रोशनी बरकरार रहे इसके लिए डायबिटीज के मरीज एक सप्ताह के अंतराल में परीक्षण कराकर मर्ज को नियंत्रण में रखें।

    बच्चों को दें विटामिन ए की खुराक

    विटामिन ए की खुराक बच्चों के लिए महत्वपूर्ण है। यह आंखों की रोशनी को बरकरार रखने में विशेष महत्वपूर्ण है। कहा कि यदि विटामिन ए की कमी हुई तो आंखों की सफेद झिल्ली सूखने लगती है और बच्चा अंधा हो सकता है। विटामिन ए की पहली खुराक नौ माह से 12 माह के बीच, इसके बाद छह माह के अंतराल में विटामिन ए की खुराक पांच वर्ष तक बच्चों को देना चाहिए। इसके अलावा भोजन में तेल या घी देने से भी आंखों की रोशनी में इजाफा होता है।

    सूर्य की अल्ट्रा किरणें नुकसानदायक

    गर्मी के मौसम में आंखों के प्रति विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। सूर्य की पैरा बैगनी किरणें आंखों पर सीधा प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं। इससे बचाव के लिए पैराबैगनी किरणें अवरोधक क्षमता को रोकने वाले चश्मे का प्रयोग करना चाहिए। इसके अलावा शाम-सुबह साफ पानी से आंखों को धुलना चाहिए।

    प्रश्न :- बाइक चलाते व अखबार पढ़ते समय आंखों से आंसू निकलने लगता है। स्थानीय इलाज कराया गया लेकिन राहत नहीं मिली।

    धनंजय सिंह, भरवारी

    यदि आंखों से पानी निकल रहा है तो आंखों के स्वास्थ्य के लिए विशेष घातक है। ऐसी परिस्थिति में जिला अस्पताल पहुंचकर नेत्र परीक्षण करवाना सुनिश्चित करें।

    प्रश्न :- बांए आंख से अक्सर पानी निकलता रहता है। ऐसा तीन माह से हो रहा है। कभी-कभी तो आंख में गंभीर दर्द उठता है और आंख लाल भी हो जाती है। इससे छुटकारा पाने के लिए क्या करना चाहिए?

    रमेश चंद्र, कुंड्रावी

    आंखों से पानी निकलना उनके स्वास्थ्य के लिए घातक है। ऐसी परिस्थिति में नेत्र रोग विशेषज्ञ से मिलकर आंखों का परीक्षण कराना चाहिए।

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