पहले हल्की हवा चली और फिर पानी गोल-गोल घूमते हुए ऊपर उठा... दरियावगंज झील में जल बवंडर देख सहमे लोग
कासगंज की दरियावगंज झील में दुर्लभ जल बवंडर देखने को मिला। तेज हवाओं के साथ पानी ऊपर उठता देख ग्रामीण हैरान रह गए। वैज्ञानिकों के अनुसार यह घटना हवा के दबाव में बदलाव के कारण हुई। यह झील प्रवासी पक्षियों का भी बसेरा है जो इसे और भी खास बनाती है।
संसू, जागरण, गंजडुंडवारा/कासगंज। पटियाली क्षेत्र की ऐतिहासिक दरियावगंज झील में प्रकृति का रोचक नजारा देखने को मिला। जिसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहा है। जिसमें अचानक झील की सतह पर तेज हवाओं के बीच जल भंवर (वाटर स्पाउट) बन गया और देखते ही देखते पानी कई फीट ऊपर उठने लगा। इस दृश्य को देखकर ग्रामीण दंग रह गए। कुछ लोग भयभीत होकर झील से दूर भागे, जबकि कई ने अपने मोबाइल फोन से इस चमत्कारिक नजारे को कैद कर लिया।
पटियाली तहसील में स्थित यह झील लगभग 500 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली है। यह एक गोखुर झील है, जो गंगा नदी के मार्ग परिवर्तन से बनी थी। झील में कमल के फूल खिलते हैं और यहां मछली पालन भी होता है। झील के नाम पर ही यहां दरियावगंज गांव, थाना दरियावगंज और रेलवे स्टेशन दरियावगंज गांव बसे हैं।
प्रकृति के अद्भुत नजरा का वीडियो लोगों में खूब हुआ शेयर
इसी झील पर प्रकृति के अद्भुत नजारा का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि पानी का भंवर हवा के दबाव के साथ ऊपर उठकर घूमता है और फिर वापस झील में गिर जाता है।
ग्रामीणों का कहना है कि पहले तो उन्हें अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ कि पानी हवा में उड़ सकता है, लेकिन यह नजारा करीब 15 मिनट तक झील पर बना रहा। और मानो वह हवा की ताल पर नृत्य कर रहा हो।
लोगों ने दी जानकारी
मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि पहले हल्की हवा चली, फिर झील का पानी गोल-गोल घूमते हुए ऊपर उठने लगा। यह दृश्य मानो किसी फिल्मी परदे पर घटित हो रहा हो। कई ग्रामीणों ने इसे भगवान लीला मानते हुए कहा कि ऐसा नजारा उन्होंने पहली बार देखा है। इस घटना को लेकर ग्रामीणों में जिज्ञासा और रोमांच दोनों का माहौल है।
प्रोफेसरों ने बताया दुर्लभ घटना
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के भूविज्ञान विभाग के प्रोफेसर डा. मोहम्मद शमीम खान ने बताया कि यह घटना पूरी तरह से भौतिक विज्ञान का परिणाम है। उन्होंने कहा−जब सतह पर मौजूद हवा गर्म होकर ऊपर उठती है तो वहां निम्न दाब (लो प्रेशर) क्षेत्र बनता है। इस पर ठंडी हवाएं तेजी से खिंचती हैं और झील का पानी भी ऊपर उठने लगता है।
वॉटर स्पाउट कहते हैं इस तरह की घटना का
परिणामस्वरूप बवंडर जैसी आकृति बन जाती है। इस तरह की घटना को वॉटर स्पाउट कहते हैं। आमतौर पर यह समुद्रों में दिखाई देती है, लेकिन झील में होना अत्यंत दुर्लभ है। वहीं गंजडुंडवारा पीजी कालेज के रसायन विज्ञान के प्रोफेसर दलशेर खान के अनुसार अपने क्षेत्र में यह घटना दुर्लभ है परंतु यह पानी और हवा के दबाव के असंतुलन के कारण हो सकती है, जिसे सामान्य भाषा में “वाटर स्पाउट” या “जल बवंडर” कहा जाता है।
विदेशी पक्षियों का बसेरा
दरियावगंज झील हर साल प्रवासी पक्षियों का ठिकाना बनती है। सर्दियों में साइबेरिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और पाकिस्तान की सीमाओं को पार कर आने वाले पक्षी यहां महीनों डेरा डालते हैं। स्वदेशी पक्षियों के साथ यह मेहमान परिंदे झील में कलरव करते हैं और समूह बनाकर उड़ते दिखाई देते हैं।
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