भगवान वराह कि अवतरण स्थली में गंगा स्नान से होती धन की प्राप्ति
कासगंज संवाद सहयोगी बैशाख मास की द्वादशी पर सूकर क्षेत्र सोरों में गंगास्नान करने का विशेष महत्व है।

कासगंज, संवाद सहयोगी: बैशाख मास की द्वादशी पर सूकर क्षेत्र सोरों में गंगास्नान करने का विशेष महत्व है। भगवान वराह की अवतरण स्थली में इस दिन गंगा स्नान करने का कई गुना फल मिलता है। शास्त्रों के मुताबिक संसार में यही स्थान ऐसा है, जहां इस दिन गंगा स्नान का बहुत अधिक महत्व है। ज्योतिषाचार्य के मुताबिक विधि विधान पूर्वक पूजन करने के साथ ही गंगा स्नान करने से विशेष पुण्य के साथ ही लाभ भी प्राप्त होता है।
शास्त्रों के अनुसार भगवान वराह ने देवी पृथ्वी से कहा कि है वसुंधरी, अब मैं अन्य रहस्यों का वर्णन करता हूं। उसे सुनो। उन तीर्थों में स्नान करके वह मनुष्य परम गति को प्राप्त करता है जो तीर्थ अपना अलग महत्व रखते हैं। चक्रतीर्थ में यहां मेरा चक्र प्रतिष्ठित है। वहां जाकर मनुष्य को विशेष पुण्य लाभ की प्राप्ति होती है। जो मनुष्य बैशाख मास की द्वादशी को शुभ संकल्प लेकर सूकर क्षेत्र सोरों में यथाविधान गंगा स्नान करेगा वह 11000 वर्षों तक धन-धान्य से युक्त विशाल कुल में जन्म लेता रहेगा। सूकर क्षेत्र में गंगा स्नान संसार में अन्य तीर्थों के मुकाबले अधिक महत्व रखता है। इसी मान्यता के तहत द्वादशी पर्व पर सोरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ते हैं। शुक्रवार को द्वादशी पर्व है। दूरदराज क्षेत्रों से श्रद्धालु सोरों पहुंचेंगे। श्रद्धालुओं के आगमन को लेकर तैयारी की गई हैं। तमाम श्रद्धालुओं ने अपने पुरोहितों से फोन करके स्नान के शुभ मुहूर्त की जानकारी प्राप्त की हैं।
शास्त्रों के मुताबिक सोरों में गंगा स्नान करने का विशेष महत्व है। यहां भगवान वराह की अवतरण स्थली है। इसलिए इस पर्व पर सोरों के स्नान का विशेष महत्व है।
- राहुल वशिष्ठ, ज्योतिषाचार्य सोरों ्सोरों तीर्थ आदि तीर्थ है। भगवान विष्णु के तृतीय अवतार के रूप में भगवान वराह ने इस स्थली पर अवतार लिया। यहां गंगा स्नान का महत्व अन्य तीर्थों के मुकाबले अधिक है और कई गुना फलदाई है।
- रामबल्लभ शास्त्री, ज्योतिषाचार्य सोरों
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