Famous Street Food: सोरों की मोठ की चाट, स्वाद के साथ सेहत का खजाना
तीर्थ नगरी सोरों अपनी धार्मिक पहचान के साथ अनोखे स्वाद के लिए भी जानी जाती है। यहां की मोठ की चाट आसपास के क्षेत्रों में खास पहचान रखती है। स्वादिष्ट ...और पढ़ें

तीर्थ नगरी की गलियों में मोठ की चाट बेचता विक्रेता। जागरण
जागरण संवाददाता, कासगंज। तीर्थ नगरी सोरों अपनी धार्मिक पहचान के साथ साथ अनोखे स्वाद के लिए भी जानी जाती है। यहां की मोठ की चाट आसपास के क्षेत्रों में खास पहचान रखती है। स्वादिष्ट होने के साथ यह सुपाच्य और स्वास्थ्यवर्धक भी मानी जाती है, यही कारण है कि चिकित्सक भी मरीजों को इसके सेवन की सलाह देते हैं।
चिकित्सक भी देते हैं मोठ की चाट खाने की सलाह
सोरों में प्रतिदिन सुबह हजारों लोग नाश्ते में मोठ की चाट का सेवन करते हैं। इसके लिए कच्ची मोठ की दाल राजस्थान से मंगाई जाती है, जो खुले बाजार में 70 से 90 रुपये प्रति किलो के भाव से उपलब्ध रहती है। आकार और रंग में यह रमास जैसी होती है। ठेल और खोमचों पर सुबह-सुबह मिलने वाली इस चाट की प्रतिदिन दो से तीन क्विंटल तक खपत हो जाती है।
सुबह के नाश्ते में हजारों लोग करते हैं सेवन
रामलाल चौराहा, योगमार्ग, लहरा मार्ग, कछला चुंगी मार्ग सहित नगर के कई स्थानों पर सुबह ठेल लगते हैं। लोग दैनिक दिनचर्या से निवृत्त होकर यहां पहुंचते हैं। तीर्थ यात्रियों को भी तीर्थ पुरोहित नाश्ते में मोठ की चाट का सेवन कराते हैं।
मोहल्ला रामसिंहपुरा निवासी विक्रेता योगेश मौर्य और कछला चुंगी निवासी गिरीश मौर्य बताते हैं कि लोग भोर से ही चाट के इंतजार में रहते हैं। उबली हुई मोठ में टमाटर, प्याज, हरी मिर्च, हरा धनिया, खटाई की चटनी और हल्के मसाले मिलाकर तैयार की गई चाट सभी को खूब भाती है।
नगर के चिकित्सक डॉ. एन.पी. सिंह हल्दिया और डॉ. भुवनेश माहेश्वरी का कहना है कि मोठ सुपाच्य होने के साथ पोषक तत्वों से भरपूर है, इसलिए यह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है और मरीजों के लिए भी उपयुक्त नाश्ता माना जाता है।

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