सोमवती अमावस्या पर गंगा में आस्था की डुबकी, कई राज्यों के श्रद्धालु पहुंचे सोरों; साधु-संतों को दिया दान
सोमवती अमावस्या पर राजस्थान मध्य प्रदेश आदि से आए श्रद्धालुओं ने कासगंज के गंगा घाटों पर आस्था की डुबकी लगाई। उन्होंने धार्मिक अनुष्ठान किए पुरोहितों और साधु-संतों को भोजन कराया और दान-दक्षिणा दी। जिला प्रशासन ने सुरक्षा और सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की और पुलिस ने घाटों पर कड़ी निगरानी रखी।

संसू, जागरण.सोरों। सोमवती अमावस्या पर प्रदेश एवं अन्य प्रदेशों से आए श्रद्धालुओं ने गंगा में अास्था की डुबकी लगाई। राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं अन्य प्रदेशों से गंगा स्नान को पहुंचे श्रद्धालुओं ने घाटों पर धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराए। पुरोहितों, साधु संतों को भोज कराया और दान, दक्षिणा देकर पुण्यलाभ कमाए।
बुद्ध पूर्णिमा के बाद गंगाघाटों पर सोमवती अमावस्या को लेकर उत्साहित स्नानार्थियों की भीड़ देखने को मिली। दूर दराज क्षेत्रों से सोमवती स्नान को पहुंचे श्रद्धालुओं ने हरिपदी गंगाघाट, लहरा, कादरगंज गंगाघाट सहित जिले की सीमा पर स्थित कछला गंगाघाट पर स्नान किया। धार्मिक अनुष्ठान भी संपन्न कराए।
तीर्थ नगरी स्थित हरिपदी गंगा के किनारे मंदिरों में सुबह से ही भीड़ रही। हवन, यज्ञ एवं अन्य धार्मिक अनुष्ठान भी हुए। यजमानों ने घाट पर मौजूद साधु संतों, जरुरतमंदों को भोज कराया। दान दक्षिणा देकर पुण्यलाभ प्राप्त किया। गंगास्नान के लिए रविवार की देर रात से ही श्रद्धालुओं का गंगाघाटों पर पहुंचने का सिलसिला प्रारंभ हो गया था। जिला प्रशासन ने पूर्व में ही घाटों पर सुरक्षा, सफाई एवं अन्य व्यवस्थाएं चौकस कर दी थी।
एसपी अंकिता शर्मा ने भी घाटों का निरीक्षण कर लिया था। अधिकारियों को जिम्मेदारी दे दी थी। सोमवार को देर शाम तक श्रद्धालुओं की भीड़ घाटों पर रही। रूट डायवर्जन भी किया गया। पुलिस द्वारा वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था भी की गई।
गंगाघाटों पर तैनात रहे पीएसी के तैराक
साेमवती अमावस्या को लेकर डीएम मेधा रूपम के निर्देश पर पुलिस ने गंगाघाटों पर खासे इंतजाम किए थे। चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती की गई। गंगा स्नान के दौरान कोई अनहोनी न हो इसके लिए पीएसी के तैराक, नाव, स्टीमर भी घाटों पर लगाए गए। इनके अलावा गंगाघाटों पर रहने वाले निजी तैराक भी मौजूद रहे। पालिका की ओर से भी घाटों की साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त कराई गई। अस्थाई शौचालय और पेयजल के लिए टेंकर की भी घाटों पर व्यवस्था रही।
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