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    फरौली से बाहर जाने का बंद हो गया था रास्ता

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 14 May 2018 11:52 PM (IST)

    चक्रवात ने गांव फरौली में जमकर तबाही मचाई। ...और पढ़ें

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    फरौली से बाहर जाने का बंद हो गया था रास्ता

    जागरण संवाददाता, सहावर: चक्रवात ने गांव फरौली में जमकर तबाही मचाई। तेज हवाओं से कई तो पेड़ और बिजली के खंभे टूट गए। इससे गांव में आने जाने वाला रास्ता भी अवरुद्ध हो गया। मदद को दौड़े अफसरों की टीम काफी देर तक इन अबरोधों से निकलने को जूझती रही। हिम्मत तो राहतकर्मियों की तब दिखाई दी, जब घायल को बिना वाहन के हाथों हाथ फरौली से लगभग दो किलोमीटर दूर दौड़ते हुए ले गए।

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    हवा की आवाज रात के सन्नाटे को इस तरह चीज रही थी, मानो आसमा कई घंटों तक कहर बरपाएगा। ग्रामीण ¨चतित थे। उन्हें क्या पता था कि गांव में कहर ढाने से पहले प्रकृति उनके रास्तों को बंद करे देगी। फरौली दिशा की ओर जाने वाले दो मुख्य मार्ग पर लगभग दर्जनभर पर पेड़ टूट कर गिर पड़े। जो मार्ग के अवरोधक थे। इसके अलावा बिजली के पोल तारों सहित मार्गों के दोनों ओर पेड़ों पर लटक गए। यहां ऐसा मकड़जाल बना कि वाहन निकलना तो दूर।पैदल निकलना भी आसान नहीं था। आपदा की सूचना पर सहावर से अफसर दौड़े, तो पेड़ों के अवरोधों ने उनकी गाड़यिों के चक्के थमा दिए। सुरक्षाकर्मी अवरोधों को हटाने की कोशिश भी करते रहे लेकिन राजस्व विभाग के कई कर्मचारी अपने वाहन मुख्य सड़क पर खड़े कर ही गांव की ओर दौड़ पड़े। तब तक तीन जाने जा चुकी थी, लेकिन घायल दर्द से बिलख रही थी। इस बीच ग्रामीणों के सहयोग से राहतकर्मी बिना वाहन के घायल को हाथों हाथ यहां से मुख्य मार्ग तक ले गए। वाहन के जरिए घायल को अस्पताल पहुंचाया। -- पैदल ही लाए गए सब

    घायल को तो आनन-फानन में अस्पताल भिजवाया गया। उसके बाद मृतकों के शव भी मुख्य मार्ग पर गांव से लगभग दो किलोमीटर दूर पैदल ही लाए गए। उसके बाद राहत र्किमयों ने यह शव पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल पहुंचाए। ग्रामीण भी राहतर्किमयों की मदद में जुटे रहे, लेकिन उन्हें आपदा का डर लगा हुआ था।