मन बहुत विचलित हो गया था…; हाथरस हादसे पर नारायण साकार हरि ने दूसरी बार दिया बड़ा बयान, कह दी बड़ी बात
हाथरस हादसे के पंद्रह दिन बाद नारायण साकार हरि उर्फ सूरजपाल का दूसरा बयान सामने आया है। सूरजपाल ने जागरण से विशेष बातचीत में बताया कि सिकंदराराऊ में हुए हादसे की जानकारी भी उनको बहुत देर बाद मिली। तब तक उनका काफिला बहुत दूर तक पहुंच गया था। उन्होंने कहा कि चरण रज लेकर जाने की बात का झूठा प्रचार किया गया।
जागरण संवाददाता, कासगंज। पटियाली स्थित नारायण साकार हरि उर्फ सूरजपाल ने कहा कि चरण रज लेकर जाने की बात का झूठा प्रचार किया गया। मंच से इस तरह की कोई घोषणा नहीं की गई। जिन परिवारों को हानि हुई है, वे और आश्रम परिवार इस संकट की घड़ी में उनके साथ खड़े हैं। बुधवार दोपहर अचानक वे बहादुर नगर स्थित साकार विश्व हरि धाम आश्रम पहुंचे थे। उनके साथ अधिवक्ता एपी सिंह भी थे।
बहुत देर बाद मिली जानकारी
जागरण से विशेष बातचीत में नारायण साकार हरि उर्फ सूरजपाल ने कहा कि सिकंदराराऊ में हुए हादसे की जानकारी भी उनको बहुत देर बाद मिली। तब तक उनका काफिला बहुत दूर तक पहुंच गया था।
उन्होंने बताया कि जब उनको हादसे की जानकारी मिली तो मन बहुत विचलित हो गया था। उन्होंने कहा कि इसके बाद जो उनके खिलाफ जो कुछ भ्रामक प्रचार किया गया वह और दुख देने वाला था। उनका परिवार, आश्रम परिवार उनके साथ है। सभी को उन पर पूर्ण विश्वास है। उन्होंने कहा कि जो मानव को मानव से लड़ाने की बात करते हैं वो इंसान नहीं हैवान हैं। उनसे परहेज करिए। संसार सत्कर्मों पर टिका है।
पटियाली के साथियों से मिले सूरजपाल
सूरजपाल ने इस दौरान अपने पटियाली के साथियों के हालचाल भी लिए। इस समय कौन क्या कर रहा है इसकी भी जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने उपजिलाधिकारी पटियाली, तहसीलदार, क्षेत्राधिकारी और थाना प्रभारी का नाम भी पूछा। इससे पूर्व उन्होंने आश्रम की व्यवस्था देखीं। वे सुनहरे रंग का कुर्ता पाजामा पहने हुए थे।
हजारों की संख्या में आश्रम पहुंचे श्रद्धालु
सूरजपाल 14 वर्ष बाद आश्रम पहुंचे थे। उनके आने की सूचना किसी को भी नहीं थी। यही वजह थी कि आश्रम में आम दिनों की तरह ही श्रद्धालु पहुंच कर बाहर से ही मत्था टेक रहे थे। जैसे ही उनके आश्रम आने की जानकारी श्रद्धालुओं को मिली वहां उनको जमावड़ा लगना शुरू हो गया।
शाम तक हजारों की संख्या में श्रद्धालु वहां आ गए। बताया जाता है कि सूरजपाल गुरुवार को आश्रम से जाएंगे। कहां जाएंगे? इसकी किसी को जानकारी नहीं है। अधिवक्ता ने भी इस संबंध में कुछ नहीं बताया।
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