मार्गशीर्ष मेला न लगने से व्यापारियों को करोड़ों की चपत
सोरों संवाद सूत्र तीर्थ नगरी सोरों में प्रतिवर्ष लगने वाला पारंपरिक मार्गशीर्ष मेला कोरोना के चलते नहीं लग सका।

सोरों, संवाद सूत्र: तीर्थ नगरी सोरों में प्रतिवर्ष लगने वाला पारंपरिक मार्गशीर्ष मेला कोरोना के चलते नहीं लग सका। दुकानदारों और व्यापारियों को उम्मीद थी कि शायद देर से इस मेले का आयोजन हो, लेकिन सरकार की अनुमति न मिलने से उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। मेला न लगने से करोड़ों रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ है। बाहर से आए व्यापारी भी मायूस होकर लौट गए हैं।
मार्गशीर्ष माह में तीर्थ नगरी सोरों में 15 दिवसीय मार्गशीर्ष मेला लगता है। इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते मार्गशीर्ष मेला नहीं लगा। जानकारी के अभाव में बड़ी संख्या में खिलौने, झूले एवं अन्य सामग्री बेचने वाले दुकानदारों ने कई दिन पहले ही सोरों के मेला ग्राउंड में डेरा डाल दिया। स्थानीय व्यापारियों ने भी तैयारी कर ली थी। शासन से अनुमति न मिलने से उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। नहान से उम्मीद
मार्गशीर्ष माह में 25 दिसंबर को मार्गशीर्ष एकादशी स्नान, 26 को मार्गशीर्ष द्वादशी स्नान, 27 को नागा स्नान एवं 29 को पूर्णिमासी स्नान है। स्थानीय दुकानदार अब इन स्नान से ही उम्मीद लगाए बैठे हैं। दुकानदारों को आशा है कि यदि स्नान पर्व पर अच्छी भीड़भाड़ रही तो कुछ बिक्री तो होगी। पहले से ही कोरोना के चलते कारोबार प्रभावित थे। उम्मीद थी कि अनलाक में व्यवस्थाएं सुचारु हुई हैं तो मेले के आयोजन को भी अनुमति मिल जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। कारोबार प्रभावित हुआ है।
- दुर्गाशंकर गुरु, खिलौना कारोबारी यह मेला स्थानीय लोगों एवं बाहर से आने वाले व्यापारियों के लिए वर्ष भर की आय का साधन होता था। मेला न लगने से हताशा हुई है। अब नहान से कुछ उम्मीद है।
- विजय अग्रवाल, कंठी माला कारोबारी

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