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    भगवान वराह की मोक्ष स्थली पर लगेगा मार्गशीर्ष तीर्थ मेला, चार राजसी स्नानों के लिए तैयारियां तेज

    Updated: Sat, 08 Nov 2025 03:15 PM (IST)

    भगवान वराह की मोक्ष स्थली पर मार्गशीर्ष तीर्थ मेला आयोजित होगा। इस मेले में चार राजसी स्नान होंगे, जिनकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। यह मेला श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक अवसर है।

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    जागरण संवाददाता, कासगंज। पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध मेला मार्गशीर्ष शुरू होने जा रहा है। इसके लिए तीर्थ पुरोहितों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्रशासनिक अधिकारियों को डीएम ने जिम्मेदारी सौंपी है। भगवान वराह की मोक्ष स्थली पर लगने वाले मेला मार्गशीर्ष में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे। चार राजसी स्नान निश्चित हैं। जिनमें नागा साधु साधुओं सहित बड़ी संख्या में दूर दराज क्षेत्र से आने वाले साधु संत डुबकी लगाएंगे। मेले के दौरान धार्मिक अनुष्ठान जारी रहेंगे।

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    विश्व में सभी तीर्थो में जौ के बराबर श्रेष्ठ तीर्थ नगरी सूकर क्षेत्र सोरों में भगवान विष्णु के तृतीय अवतार भगवान वराह ने हिरणाक्ष का वध कर पृथ्वी को रसातल से निकाला था। पृथ्वी को स्थापित करने के बाद भगवान वराह ने यहीं मोक्ष धारण किया। हरिपदी गंगा की अपने नाखूनाें से जमीन खोदकर उत्पत्ति की। शरीर पर मौजूद काटाें को झाड़ा जिससे उनके शरीर के कांटे जगह-जगह फैल गए। कांसों के जंगल बन गए। इन्हीं कांसों के जंगल के आधार पर जिले का नाम कासगंज पड़ा।

    तीर्थ नगरी सोरों धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों को समेटे हुए है। मार्गशीर्ष माह तीर्थ नगरी के लिए विशेष महत्व रखता है। इसकी शुरूआत में मेला मार्गशीर्ष का आयोजन हर साल किया जाता है। इस साल भी तैयारियां की जा रही हैं। पालिकाध्यक्ष रामेश्वर दयाल महेरे ने बताया कि 27 या 28 नवंबर को शुभारंभ होगा।

    एक दिसंबर को पंचकाेसी परिक्रमा लगाई जाएगी। जिसमें 10 लाख श्रद्धालुआें के शामिल होने की संभावना बनी हुई है। इसी दिन श्याम वराह की शोभायात्रा निकलेगी। दो दिसंबर को भगवान वराह की शोभायात्रा और धनवर्षा का आयोजन होगा। तीन दिसंबर को राजसी स्नान में नागा साधु बड़ी संख्या में पहुंचेंगे। शोभायात्रा निकालेंगे, गंगा स्नान करेंगे इसके साथ ही करतब भी दिखाएंगे। पांच दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा को अंतिम राजसी स्नान होगा। मेला करीब एक महीनें तक जारी रहेगा।

    मेले में सजेगी दुकानें और खेल तमाशे

    मेला हर साल की तरह इस साल भी आकर्षण का केंद्र रहेगा। मेले में लाखाें की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान करेंगे। जरुरत के सामान की दुकानें लगेगी। जिनमें पत्थर की, लकड़ी के सामान, विसातखाना, महिलाओं के साज श्रंगार, गर्म कपड़े, खान-पान के ठेल खोमचे और स्टाल, लोगों के मनोरंजन के लिए सर्कस, झूले, चरख सहित अन्य दुकानें भी लगाई जाएंगी। प्रशासनिक अधिकारियों का शिविर लगेगा, अस्थाई चौकी लगेगी। विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं एनजीओ भी अपने-अपने शिविर लगाएंगे।