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    पहाड़ों से छोडा 2 लाख क्यूसेक से अधिक पानी, सिंचाई विभाग का अलर्ट जारी; कासगंज में फिर बढ़ेगा गंगा का जलस्तर

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 02:01 PM (IST)

    हरिद्वार और बिजनौर से गंगा नदी में भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण कासगंज के तटवर्ती इलाकों में जलस्तर बढ़ने की आशंका है। सिंचाई विभाग ने अलर्ट जारी किया है जिससे ग्रामीणों में चिंता बढ़ गई है क्योंकि उन्हें फिर से बाढ़ का सामना करना पड़ सकता है। नष्ट हुई फसलों का सर्वे भी अभी तक पूरा नहीं हुआ है।

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    नगला दुर्जन को जाने वाली पुलिया के पास सड़क के आरपार बहता गंगा का पानी। जागरण

    जागरण, संवाददाता, कासगंज। हरिद्वार और बिजनौर से गंगा में अधिक मात्रा में पानी छोड़ा गया है। इसका असर देखने को मिलेगा हरिद्वार से एक लाख 69 हजार और बिजनौर से एक लाख 20 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है। पानी छोड़ेंगे जाने के बाद गंगा का प्रवाह बढ़ेगा। जलस्तर में भी वृद्धि होगी। एक बार फिर से तटवर्ती क्षेत्र के किसानों के माथे पर चिंता की लकीरों उभर आई है। सिंचाई विभाग भी सतर्क हो गया है। बाढ़ चौकिया को भी सावधानी बरतने के निर्देश दे दिए गए हैं।

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    हरिद्वार के भीमगोडा बैराज से छोड़ पानी, क्षेत्रीय लोगों की चिंता बढ़ी

    पहाड़ों पर बादल फटने की घटना होने के बाद गंगा में पानी छोड़े जाने का सिलसिला एक बार फिर से शुरू हो गया है। बड़ी तादात में पानी छाेड़ा जा रहा है। मंगलवार की शाम तीन बजे तक हरिद्वार के भीमगोड़ा बैराज से एक लाख 69 हजार 967 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिसका असर जिले में 62 घंटों में देखने को मिलेगा। बिजनौर से भी एक लाख 20 हजार 168 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिससे गुरुवार की सुबह तक गंगा में पानी का प्रवाह बढ़ेगा।

    सिंचाई विभाग ने बढ़ाई सतर्कता बाढ़ चौकियों काे भी किया सक्रिय

    जलस्तर बढ़ने की भी संभावना है। इसे लेकर तटवर्ती क्षेत्र के ग्रामीण एक बार फिर से चिंता में पड़ गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गंगा में पानी का प्रवाह बढ़ा और जलस्तर में वृद्धि हुई तो फिर से बाढ़ का खतरा क्षेत्र में मडराने लगेगा। जैसे-तैसे गंगा का जलस्तर गिरने के बाद 45 दिनों में गांव से बाढ़ का पानी निकलने लगा था। लोग राहत महसूस करने लगे। जीवनचर्या पटरी पर लौट आई। राेजमर्रा के कार्य शुरू हो गए थे।

    अचानक मंगलवार काे पहाड़ों से पानी छोड़े जाने के बाद चिंताएं बढ़ गई हैं। सिंचाई विभाग भी चिंतित है। सतर्कता बढ़ाने की बात कहीं है। चौकियों को भी सक्रिय कर दिया है। क्षेत्रीय लोगों से रात के दौरान सावधानी बरतने को कहा गया है।

    गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। प्रवाह भी बढ़ेगा। जिससे ग्रामीणों को फिर से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। बाढ़ में नष्ट हुई फसलों को अभी सर्वे पूरा नहीं हो पाया तब तक एक बार फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। - श्यामेंद्र, नगला दुर्जन

    गांव में 45 दिन बाद बाढ़ का पानी उतर रहा था। गांव के लोगों की दिनचर्या फिर से शुरू हो गई थी। बिजली, शिक्षा, रोजमर्रा की जरुरत की वस्तुओं को लेकर लोग परेशान रहे। नाव और स्टीमर से आवागमन किया। फिर से पानी छोड़ा गया है। दोबारा परेशानी होगी। - सत्यवीर, नगला दुर्जन

    गंगा में छोड़ा गया पानी

    • हरिद्वार 116172 क्यूसेक (सुबह आठ बजे)
    • हरिद्वार 169967 क्यूसेक (शाम तीन बजे)
    • बिजनौर 120161 क्यूसेक
    • नरौरा 92759 क्यूसेक
    • कछला पर गेज 161.98 मीटर

    पहाड़ों पर बादल फटने के बाद हरिद्वार से शाम तीन बजे तक करीब एक लाख 70 हजार पानी छाेड़ा गया है। 62 घंटे में असर देखने को मिलेगा। बिजनौर बैराज से भी बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा है। प्रवाह बढ़ने की संभावना है। बाढ़ चौकियां सक्रिय कर दी गई हैं। - पंकज कश्यप, एई सिंचाई विभाग