Kasganj Ganga Water Lavel: फसलें डूब गई, खतरे के निशान से अभी भी ऊपर; गंगा का जलस्तर स्थिर
गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जिससे तटवर्ती ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही है। पटियाली क्षेत्र के कई गांव बाढ़ से प्रभावित हैं फसलें डूब गई हैं और ग्रामीणों के सामने भोजन का संकट है। प्रशासन राहत पहुंचाने का प्रयास कर रहा है पर वो नाकाफी है। गंगा का जलस्तर स्थिर है लेकिन पानी का बहाव तेज है जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

जागरण संवाददाता, कासगंज। गंगा खतरे के निशान से 18 सेंटीमीटर ऊपर चल रही है, हालांकि पहाड़ों से पानी छोड़े जाने के बाद गंगा के जलस्तर में फिलहाल अधिक बदलाव नहीं हुआ है। जलस्तर 162.58 मीटर बना है, लेकिन पानी का प्रवाह तेज है। जिससे तटवर्ती क्षेत्र के ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों के समक्ष खानपान को लेकर भी संकट सामने है। प्रशासनिक व्यवस्थाएं ग्रामीणों के लिए नाकाफी साबित हो रही है।
पटियाली क्षेत्र के 20 से अधिक गांव ऐसे हैं। जहां एक माह पूर्व गंगा की बाढ़ का पानी आबादी तक पहुंच गया है। फसलें जलमग्न होकर सड़ गई हैं। टूट गिर गई हैं। किसानों का बड़ी मात्रा में नुकसान हुआ है। बाढ़ का पानी गांव में स्थित हो गया है। जिससे फसलों का आंकलन नहीं हो पा रहा है।
शनिवार के मुकाबले रविवार को जलस्तर में अधिक बदलाव नहीं
ग्रामीणों को आवागमन में दिक्कतें हो रही हैं। परिवारों में खान-पान का संकट उभर आया है। हालांकि प्रशासन और समाजसेवी, राजनीतिक दलों के लोग राहत देने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों के लिए यह राहत ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही हैं। गंगा का जलस्तर स्थित हो गया है। रविवार को कछला पर गेज 162.58 मीटर मापा गया है। फिर भी गंगा खतरे के निशान से 18 सेंटीमीटर अभी ऊपर चल रही है।
पटियाली क्षेत्र के ग्रामीणों के सामने संकट, खान-पान की परेशानी
जलस्तर भले ही कम हो, लेकिन पहाड़ों से छोड़े जा रहे पानी का प्रवाह गंगा में तेजी के साथ गुजर रहा है। हरिद्वार और बिजनौर से गंगा में छोड़े गए पानी की मात्रा भी हालांकि कम रही है, लेकिन नरौरा से करीब दो लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिससे तटवर्ती क्षेत्र के ग्रामीण परेशान हैं।
गंगा में छोड़ा गया पानी
- हरिद्वार 89,068 क्यूसेक
- बिजनौर 92,492 क्यूसेक
- नरौरा 1,91,442 क्यूसेक
- कछला पर गेज 162.58 मीटर
गंगा का जलस्तर स्थित है। कछला पर गेज 162.58 मीटर मापा गया है। हरिद्वार और बिजनौर से कम मात्रा में पानी छोड़ा गया है, लेकिन गंगा के प्रवाह में तेजी है। तटवर्ती गांव में पानी भरा है। क्षेत्रीय ग्रामीण गांव से पानी निकलने का इंतजार कर रहे हैं। - पंकज कश्यप, एई सिंचाई विभाग
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