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    Kanha's Chhath: मंदिरों में मनाई गई कान्हा की छठी, पूजा पाठ के साथ हुई काजल लगाए जाने की रस्म

    कासगंज में जन्माष्टमी के बाद भगवान श्रीकृष्ण की छठी मनाई गई। महिलाओं ने मंदिरों में कान्हा की पूजा की भोग लगाया और काजल की रस्म अदा की। मंदिरों में भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ जिसमें श्रद्धालु महिलाएं भक्ति में झूमती रहीं। शनिवार को कुशोथपाटनी अमावस्या के साथ कान्हा के जन्म की सभी रस्में संपन्न होंगी और विशेष पूजा की जाएगी।

    By suman kumar Edited By: Aysha Sheikh Updated: Thu, 21 Aug 2025 06:48 PM (IST)
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    मंदिरों में मनाई गई कान्हा की छठी, गाईं बधाईयां

    संस, कासगंज। भगवान श्रीकृष्ण की जन्माष्टमी का त्योहार मनाने के बाद गुरुवार को उनकी छठी मनाई गई। सुबह से ही महिलाओं ने मंदिरों पर पहुंचकर कान्हा की पूजा की। भोग प्रसाद के बाद काजल की रस्म अदा की गई। देर शाम तक मंदिरों में भगवान के भजन का गायन हुआ। श्रद्धालु महिलाएं कान्हा की भक्ति में झूमती नजर आई।

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    भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव 16 अगस्त को जन्माष्टमी के रूप में मनाया गया। घर, मंदिर, व्यापारिक प्रतिष्ठान सजाए गए। पूजा पाठ हुए। गुरुवार को भगवान की छठी भी मनाई गई। मंदिरों में, घरों में महिलाओं ने सुबह से ही कान्हा की पूजा शुरू कर दी। उन्हें नहलाया, नई पोशाक पहनाई। पूजन अर्चन किया।

    इसके साथ माखन मिश्री का भोग लगाकर दोपहर को महिलाओं की टोलियां मंदिरों में पहुंची और कान्हा को काजल लगाए जाने की रस्म पूरी की गई। शनिवार तक कान्हा के जन्म की विभिन्न रस्मे आयोजित होंगी। ज्योतिषाचार्य पंड़ित ब्रह्मप्रकाश शर्मा बताते हैं कि शनिवार को कुशोथपाटनी अमावस्या मनाने के साथ कान्हा के जन्म की सभी रस्मे संपन्न होगी।

    इस दिन विशेष पूजा का प्राविधान है। काजल की रस्म अदा करने के बाद महिलाओं की टोलियां मंदिरों में पहुंची। यहां देर रात तक भजन कीर्तन का अायोजन किया गया। कान्हा के जन्म की बधाई का गायन हुआ। श्रद्धालु महिलाएं कान्हा की भक्ति में थिरकती नजर आई। यह क्रम भगवान कृष्ण के विभिन्न मंदिरों के साथ घरों में भी जारी रहा।