Flood IN UP: कासगंज में गंगा में बाढ़ ने फिर मचाई तबाही, खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर ऊपर
कासगंज में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर ऊपर पहुँच गया है जिससे तटवर्ती ग्रामीणों में चिंता बढ़ गई है। गेजगांव में बाढ़ का पानी भरने से 20 से अधिक गांव प्रभावित हैं और ग्रामीणों को रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में कठिनाई हो रही है। बैराजों से पानी छोड़े जाने के कारण जलस्तर में वृद्धि हुई है और सिंचाई विभाग सतर्कता बरत रहा है।

संवाद सूत्र, कासगंज। बुधवार को गंगा के जलस्तर में और वृद्धि हो गयी। बाढ़ फिर तबाही की ओर है। गंगा खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गई। तटवर्ती ग्रामीणों की दुश्वारियां और बढ़ गई हैं। पहले से ही गांवों में भरा बाढ़ का पानी निकल नहीं पाया है। इसी तरह गंगा का जलस्तर बढ़ता रहा तो एक बार फिर से बाढ़ से हालात और बिगड़ेंगे। बुधवार को कछला पर गेज 162.60 मीटर मापा गया है।
करीब एक माह पूर्व से पटियाली क्षेत्र में गंगा की बाढ़ का पानी गांव में भरा हुआ है। बाढ़ से 20 से अधिक गांव अधिक प्रभावित हैं। पटियाली क्षेत्र के निचले क्षेत्र में बसे इन गांव में आबादी तक पानी भरा हुआ है, लेकिन निकासी का कोई प्रबंध नहीं है। ग्रामीण जलमग्न रास्तों से ही आवागमन करने को मजबूर हैं। ग्रामीणों को खान-पान के साथ रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में भी परेशानी हो रही है। पशुओं के लिए चारा भी उपलब्ध नहीं है।
दूर-दराज क्षेत्र से ग्रामीण चारे का प्रबंध कर रहे हैं। ऐसे में गंगा का जलस्तर घट-बढ़ रहा है। गंगा खतरे के निशान तक पहुंचने के बाद फिर से 20 सेंटीमीटर ऊपर आ गई हैं। खतरे का निशान 162.40 पर निर्धारित है। जबकि गंगा का गेज 162.60 मीटर पर है। गंगा का बढ़ रहा जलस्तर बैराजों से छोड़े जा रहे पानी का बढ़ता प्रवाह है। बैराजों से अधिक मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है। जिससे गंगा में उतार चढ़ाव लगातार जारी है। ग्रामीणों को गंगा का जलस्तर बढ़ने से चिंता हो रही है। उनका कहना है कि पहले से ही गंगा की बाढ़ का पानी गांव में भरा हुआ है। यदि गंगा का प्रवाह बढ़ा तो फिर से गंगा उफान भरेगी। बाढ़ का पानी गांव की आबादी में प्रवेश कर जाएगा। पानी की मात्रा अधिक हो जाएगी।
इन गांव में भरा हैं गंगा का पानी
पटियाली क्षेत्र के 20 से अधिक गांव ऐसे हैं जहां बाढ़ का पानी भरा हुआ है। जिनमें राजेपुर कुर्रा, नगला जैली, नगला नरपत, नगला दुर्जन, नगला हंसी, नगला जयकिशन, कादरगंज, नगला तरसी, अकबर नगर पालिया, बहरोजपुर, सुन्नगढ़ी, बमनपुरा, सहबाजपुर, किसौल, किलोनी, नगला पदम, नगला चेती, मूजखेड़ा सहित आसपास के अन्य गांव भी बाढ़ के पानी से प्रभावित हैं।
नगला जैली के सुखराम ने बताया कि गांव में एक महीने से पानी भरा हुआ है। खेतों में खड़ी फसल नष्ट हो चुकी है। किसानों को बड़ी क्षति का सामना करना पड़ रहा है। उदयवीर ने कहा कि गंगा में पानी का प्रवाह बढ़ने से ग्रामीण परेशान हैं। इसी तरह जलस्तर बढ़ा तो तबाही और बढ़ जाएगी। स्थिति गंभीर होगी।
गंगा में छोड़ा गया पानी
हरिद्वार-198400 क्यूसेक
बिजनौर-193993 क्यूसेक
नरौरा-172128 क्यूसेक
कछला पर गेज 162.60 मीटर
पहाड़ों से पानी छोड़े जाने के कारण गंगा में प्रवाह बढ़ रहा है। जलस्तर में भी वृद्धि हुई है। बुधवार को 20 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर पहुंची है। सिंचाई विभाग की सतर्कता और बाढ़ चौकियों से निगरानी जारी है। - पंकज कश्यप, एई सिंचाई विभाग
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