Kasganj Flood: नरौरा बैराज से ढाई लाख क्यूसेक गंगा में पानी छोड़े जाने से कासगंज में बाढ़ का खतरा
गंगा नदी में नरौरा बैराज से ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद कासगंज के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। सोरों और सहावर में सड़कें कटने से कई गांवों का संपर्क टूट गया है जबकि गंजडुंडवारा में बांध कटने से फसलें बर्बाद हो गई हैं। ग्रामीणों में डर का माहौल है और स्वास्थ्य विभाग प्रभावित क्षेत्रों में शिविर लगाकर मदद कर रहा है।
संस, जागरण, कासगंज। गंगा में पहाड़ों से पानी छोड़े जाने का सिलसिला जारी है। मंगलवार सुबह नरौरा बैराज से ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इसका असर हालांकि 11 घंटे में दिखाई देगा, लेकिन गंगा की स्थिति उफान जैसी बनी हुई है। गंगा के पानी का प्रवाह तेज है। जिससे तटवर्ती क्षेत्रों को खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों में गंगा की बाढ़ को लेकर रातभर बेचैनी रही है। सोरों, सहावर में हालात जस के तस हैं, जबकि गंजडुंडवारा ब्लॉक के गांव नीबिया में कच्चा बांध कट गया है।
सोमवार को तीर्थ नगरी सोरों और सहावर क्षेत्र में दो जगह सड़क कट गई। गंगा के पानी का बहाव इतना तेज था कि पुलिया पानी के तेज बहाव को सहन नहीं कर पाई। पुलिया के ढहने से सड़क कट गई, जिससे दोनों ही क्षेत्र में 30 से अधिक गांव का संपर्क टूट गया। गंगा का पानी उफान पर है, प्रवाह को लेकर रातभर तटवर्ती क्षेत्र के लोगों में बेचैनी रही। उन्हें गंगा के तेज बहाव का डर सताता रहा है, बाढ़ के खतरे से ग्रामीण सो नहीं पाए। सभी क्षेत्रों में हालात जस के तस हैं। गंजडुंडवारा क्षेत्र में गांव नीबियों पर बना मनरेगा बांध कट गया।
मक्का, बाजार और धान की फसल नष्ट हो रही है। ग्रामीणों के दैनिक कार्य प्रभावित हो गए। पटियाली क्षेत्र के कुछ गांव ऐसे हैं जहां के ग्रामीणों ने सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन शुरू कर दिया है। गंगा में मंगलवार को भी पहाड़ों से बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा गया। अकेले नरौरा बैराज से ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की बात सामने आई है। हालांकि 11 घंटे बाद इसका असर गंगा के जलस्तर पर दिखाई देगा। गंगा का जल फिलहाल स्थिर बना हुआ है। जबकि बाढ़ को लेकर ग्रामीण चिंतित हैं। मवेशियों को भी सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रहे हैं उनके चारे का भी प्रबंध किया जा रहा है।
सोरों क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग ने लगवाए शिविर
सोरों क्षेत्र में पिछले दो दिनों से गंगा की बाढ़ का पानी गांवों में प्रवेश कर गया है। जिससे ग्रामीण परेशान हो उठे हैं। गंगा की बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र के विभिन्न गांव में संक्रामक रोग पनपने की आशंका बनी हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने जगह-जगह शिविर लगवाएं हैं। गांव पाठकपुर, नगला रामचंद्र, लहरा घाट, उडेर, दतलाना सहित अन्य क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग के शिविर लगे हैं। स्वास्थ्य टीमों ने गांव में पहुंचकर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के साथ उन्हें दवाई भी उपलब्ध कराई है। स्वास्थ्य कर्मियों ने बाढ़ के दौरान सावधानी बरतने के निर्देश भी दिए हैं।
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