Kasganj Flood: मोबाइल ठप, बांध टूटने से बढ़ी मुश्किलें... बाढ़ से पलायन कर रहे लोग; सुरक्षित स्थान पर ढूंढ रहे आश्रय
गंगा में बढ़ते जलस्तर और बाढ़ के खतरे से लोग सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं सरकारी चौकियों के बजाय निजी आश्रयों को प्राथमिकता दे रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें संक्रमण से बचाव के लिए पहुंच रही हैं। बांध टूटने और दूरसंचार सेवाओं के ठप होने से ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बिजली आपूर्ति बाधित होने से रात में अंधेरे का सामना करना पड़ रहा है।

संसू, जागरण.गंजडुंडवारा। गंगा के बढ़ते जलस्तर और बाढ़ के खतरे को देखते हुए अब लोग सुरक्षित स्थानों के लिए पलायन करने लगे है। लोग सरकारी बाढ़ चौकियों के स्थान पर निजी आश्रयों को वरीयता दे रहें। बाढ़ के कारण ग्रामीणों की दिनचर्या पटरी से उतरी हुई है। संक्रमण से बचाव को स्वास्थ्य विभाग की टीमें पहुंच रही हैं। गांव नीबिया में बांध कट जाने से परेशानियां और बढ़ीं हैं।
गांव नरदौली व बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोग अब सुरक्षित स्थानों की ओर जाने लगे हैं। ग्रामीण अपने स्वजन और पशुओं को साथ लेकर ऊंचे और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने लगे हैं। अधिकांश लोग पास के ही अपने रिश्तेदारों या परिचितों के घर शरण ले चुके हैं, ताकि बाढ़ का असर कम होने तक सुरक्षित रह सकें।
सरकारी चौकियों के स्थान पर निजी आश्रयों में ले रहे सहारा
प्रशासन ने पहले ही लोगों से अपील की थी कि वे निर्धारित बाढ़ चौकियों पर पहुंचे, जहां भोजन, पानी, दवा और अन्य आवश्यक सुविधाओं की पूरी व्यवस्था की गई है। लेकिन स्थिति यह है कि विजय नगर बाढ़ चौकी पर अब तक महज चार–पांच लोग ही पहुंचे हैं। शेष लोग सरकारी चौकियों के बजाय निजी आश्रयों को प्राथमिकता दे रहे हैं। प्रशासन अपील कर रहा है कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में रहना खतरनाक हो सकता है, इसलिए लोग बिना देरी सुरक्षित स्थानों की ओर पहुंचें।
ग्रामीणों को अपने घर-आंगन और मवेशियों की चिंता सता रही है। गांव मूझखेडा‚ नगला दुर्जन‚ नगला नरपत‚ राजेपुर कुर्रा‚ नगला पदम‚ नगला चौखे से एक दर्जन से अधिक परिवार सुरक्षित स्थान पर पहुंच गए हैं। लोग लगातार गंगा के जलस्तर पर नजर बनाए हैं।
बाढ़ में ठप निजी कंपनी का मोबाइल नेटवर्क
तहसील पटियाली में नरदौली व आस-पास क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित इलाकों में अधिक पानी ने जनजीवन पहले ही अस्त-व्यस्त कर रखा है, वहीं अब दूरसंचार सेवाओं के ठप होने से ग्रामीणों की परेशानी और बढ़ गई है। विद्युत आपूर्ति पूरी तरह बाधित होने के कारण यह नेटवर्क टावर केवल तब ही सिग्नल दे पाता है जब थोड़े समय के लिए इसका जेनरेटर चालू किया जाता है। इस बीच ग्रामीणों को न तो संपर्क करने का साधन मिल रहा है और न ही प्रशासन को किसी भी आपात स्थिति की तुरंत सूचना दे पा रहे हैं।
विद्युत आपूर्ति बाधित होने से भी बढ़ीं दिक्कतें
बाढ़ से बिजली के खंभे और तार क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। क्षेत्र में लगातार जलभराव के कारण विद्युत निगम अभी आपूर्ति बहाल नहीं कर पा रहा है। आपूर्ति न मिलने से ग्रामीणों की दिक्कतें बढ़ीं हुई हैं। लोगों को रात के अंधेरे में खासी परेशानी हो रही हैं।
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