बिजली विभाग की लापरवाही: बालक की मृत्यु पर 5 लाख का मुआवजा, स्थाई लोक अदालत ने सुनाया फैसला
स्थाई लोक अदालत ने बिजली विभाग को दोषी मानते हुए एक बालक की मृत्यु पर पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। छह जनवरी को अमांपुर सिढ़पुरा मार् ...और पढ़ें

सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, कासगंज। स्थाई लोक अदालत ने बिलजी विभाग को लापरवाही का दोषी मानते हुए बालक की मृत्यु के मामले में अपना निर्णय सुनाया है। पीड़ित स्वजन को बिजली विभाग पांच लाख का मुआवजा देगा। छह जनवरी 2025 को अमांपुर सिढ़पुरा मार्ग पर गुजर रहे बालक की बरगद के पेड़ में उतरे हाईटेंशन लाइन के करंट की चपेट में आकर मृत्यु हो गई थी। पीड़ित पिता ने न्यायालय में इसका वाद दायर किया था।
स्थाई लोक अदालत ने बालक की मृत्यु पर सुनाया निर्णय
अमांपुर क्षेत्र के गांव नगला तेजसिंह निवासी विश्राम सिंह ने स्थाई अदालत में प्रार्थना पत्र देकर अपना वाद दर्द कराया। पीड़ित ने न्यायालय को बताया कि छह जनवरी 2025 को उनका 15 वर्षीय पुत्र जितेंद्र कुमार दोपहर ढाई बजे अमांपुर सिढ़पुरा मार्ग पर गांव अर्जुनपुर कदीम के पास से गुजर रहा था। यहीं बरगद के पेड़ के बीच से हाईटेंशन लाइन भी गुजर रही थी। जिसका करंट बरगद के पेड़ में आ रहा था। बालक करंट की चपेट में आ गया। उसकी मौके पर ही मृत्यु हो गई।
छह जनवरी काे अमांपुर सिढ़पुरा मार्ग पर बरगद के पेड़ में आ रहा था करंट
पीड़ित ने बताया कि हाईटेंशन लाइन सरकारी नियमों के विरुद्ध बरगद के पेड़ के बीचाे बीच डाली गई। विभाग ने इसकी कोई प्लास्टिक सर्जरी नहीं की। तार नंगे थे। पेड़ पर करंट उतरा और उसका पुत्र चपेट में आ गया। उसने कहा कि मृत्यु उपरांत वह शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान रहा। उसने 10 लाख रुपया मुआवजा दिलाए जाने की न्यायालय से मांग की।
इस मामले में स्थाई लोक अदालत के सदस्य डॉ. सपना अग्रवाल और बसंत कुमार शर्मा ने इस मामले को सुना। दोनों पक्षों को सुनने के बाद पांच लाख रुपया मुआवजे के रूप में पीड़ित पक्ष का दिलवाने के निर्देश दिए। विभाग के अधिशाषी अभियंता ग्रामीण को निर्देशित करते हुए कहा है कि वे मुआवजे की राशि पीड़ित पिता के खाते में निर्गत करेंगे।

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