सखी बनकर कमाएं हर महीने 10000 रुपये : राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का सुनहरा अवसर, योग्यता दसवीं पास
उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन महिलाओं को सखी बनकर 5 से 10 हजार रुपये कमाने का अवसर दे रहा है। इसके लिए स्वयं सहायता समूह से जुड़ना, दसवीं पास होना और गणित का ज्ञान होना जरूरी है। महिलाएं विद्युत सखी बनकर बिजली बिल जमा करने जैसे कार्यों से कमीशन प्राप्त कर सकती हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। जिले के सात विकास खंडों में सखियों का चयन होगा।

सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, कासगंज। उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाएं सखी बनकर हर माह पांच से दस हजार रुपये कमा सकती है। इसके लिए महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जुड़ा होना जरूरी।
उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए प्रयास कर रही है। इसके लिए उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं का स्वयं सहायता समूह तैयार कराती है। एक समूह में दस से 20 महिलाएं होती है। इन समूह की महिलाओं को आय कमाने के तरीके बताती है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ीं महिलाओं को मिलेगा मौका
जिला मिशन प्रबंधक प्रयोजना मसरूर हसन खान बताते हैं कि स्वयं सहायता समूह में शामिल महिलाओं को सखी बनने का माैका मिल रहा है। इसके लिए महिला की उम्र 18 से 45 वर्ष के बीच हो। कम से कम कक्षा दस पास हो। गणित का ज्ञान हो। इसके साथ ही एंड्राइड फोन के बारे में जानकारी हो। ये महिलाएं सखी बनकर अपनी आय बढ़ा सकती है। इसमें समूह सखी, बैंक सखी, बीसी सखी, विद्युत सखी, आजीविका सखी, सूक्ष्म उद्यम सखी, ड्रोन सखी, स्वास्थ सखी बन सकती है। कोई महिला विद्युत सखी बनती है तो वह दूसरे लोगों के बिजली के बिल जमा कर कमीशन ले सकती है। जितने बिल जमा करा देंगी उतना अधिक कमीशन मिलेगा।
स्वयं सहायता समूह से हों जुड़ी, दसवीं पास और गणित का हो ज्ञान
हसन खान बताते हैं कि ऐसे ही बैंक सखी खाता खुलवाकर कमीशन ले अपनी आय बढ़ा सकती है। उन्होंने बताया सखी बनकर वह अपनी आर्थिक स्थित मजूबत कर सकेंगी। उन्होंने बताया कि इस कार्य को करके सखी एक माह में पांच से दस हजार रुपये तक कमा सकती है। ये रकम अधिक मेहनत करने पर अधिक भी हो सकती है। उन्होंने बताया कि जिले के सात विकास खंड पर सखी का चयन किया जाएगा।
जिले में करीब 5801 स्वयं सहायता समूह संचालित हैं। इनमें से कासगंज में 1168, सोरों में 957, गंजडुंडवारा में 824, सिढ़पुरा में 810, अमांपुर में 733, सहावर में 726 और पटियाली में 583 समूह हैं।

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