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    कागजों में चालू, हकीकत में ताले में कैद रैन बसेरे

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 07 Dec 2020 11:28 PM (IST)

    जागरण संवाददाता कानपुर देहात कड़ाके की ठंड में शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन की ...और पढ़ें

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    कागजों में चालू, हकीकत में ताले में कैद रैन बसेरे

    जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : कड़ाके की ठंड में शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन की ओर तहसील व ब्लाक स्तर पर रैन बसेरा खोल दिए गए हैं, लेकिन बिना तैयारियों के खोले गए रैन बसेरों में लोगों को ठौर नहीं मिल पा रहा है। स्थिति यह है कि कहीं ताला पड़ा है तो कही कर्मचारी ही नदारद है। इससे लोगों को खुले आसमान के नीचे रात बिताने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है जबकि रैन बसेरों में सर्दी से बचाव के पर्याप्त इंतजाम के साथ ही शौचालय, पेयजल, सफाई सहित अन्य व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश भी दिए गए थे। जिम्मेदारों की अनदेखी से कागजों में चल रहे रैन बसेरे हकीकत में ताले में कैद हैं। केस - 1

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    रविवार देर रात झींझक क्रय केंद्र में बनाए गए रैनबसेरे की हकीकत देखी गई तो वहां तख्त रजाई गद्दे तो मौजूद मिले, लेकिन सफाई व्यवस्था का अभाव मिला। इसके साथ ही पेयजल व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं मिली। वहीं संदलपुर कस्बे में पंचायत घर में बने रैन बसेरे में ताला ही बंद मिला। स्थानीय लोगों से जानकारी की गई तो बताया कि यहां अक्सर ही ताला पड़ा रहता है। केस - 2 रसूलाबाद कस्बे में निराश्रितों को सर्द रातों में ठौर देने के लिए खुले रैन बसेरा में व्यवस्थाएं दुरुस्त मिली। शौचालय बेहतर मिलने के साथ ही प्रकाश के भी उचित इंतजाम मौजूद थे। नगर पंचायत अधिकारी संजय पटेल ने बताया कि महिलाओं व पुरुषों के लिए अलग अलग व्यवस्था की गई है। केस -3 सिकंदरा कस्बे में संदलपुर रोड पर नगर पंचायत की ओर से बनाया गया रैन बसेरा अंदर से बंद मिला। सफाई व्यवस्था अभाव मिलने के साथ ही प्रकाश के उचित इंतजाम नहीं थे। शौचालय भी गंदे मिले। वहां तैनात कर्मचारी महावीर ने बताया कि कोई राहगीर रुकने आता है तो खोल दिया जाता है। वहीं गंदगी व अन्य अव्यवस्था पर वह जवाब नहीं दे सके।