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    Kanpur Dehat: संवेदनहीनता की हद, 10 घंटे अस्पताल के बेड में लावारिस पड़ा रहा शव, दुर्गंध से मरीज भागे

    By yogendra Singh Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Mon, 11 Aug 2025 06:46 PM (IST)

    Kanpur Dehat News मेडिकल कालेज के इमरजेंसी वार्ड में अधिकारियों और स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही के कारण करीब 25 वर्षीय लावारिश युवक का शव बेड पर पड़ा रहा। शव हटाए न जाने से पास में लेटे अन्य मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। डाक्टर सहित पांच स्वास्थ्य कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

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    अस्पताल में शव की वजह से दुर्गंध से बेहाल मरीज। जागरण

    जागरण संवाददाता, कानपुर देहात। कानपुर देहात में संवदेनहीनता की हद पार कर दी गई। एक युवक का शव 10 घंटे तक मेडिकल कालेज में वार्ड के अंदर बेड पर पड़ा रहा। उससे दुर्गंध आती रही जिससे मरीज को उठकर बाहर बैठना पड़ा। इसके बावजूद उसे हटाया नहीं गया। इस मामले में जिम्मेदार पांच लोगों पर कार्रवाई की गई। उन्हें निलंबित कर दिया गया है।  

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    मेडिकल कालेज के इमरजेंसी वार्ड में अधिकारियों और स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही के कारण करीब 25 वर्षीय लावारिश युवक का शव बेड पर पड़ा रहा। शव हटाए न जाने से पास में लेटे अन्य मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं कुछ समय बाद शव दुर्गंध देने लगा तो मरीजों को एक एक पल काटना मुश्किल हो गया और घुटन महसूस होने पर कुछ लोग वार्ड से बाहर निकल गए। मामला डीएम के संज्ञान में आने पर उन्होंने सीएमओ को निर्देश दिया जिसके बाद हरकत में आए मेडिकल कालेज प्रबंधन ने रविवार सुबह शव को मोर्चरी में पहुंचवाया।

    वहीं, करीब 10 घंटे बेड पर शव पड़े होने के संबंध में मेडिकल कालेज प्राचार्य व सीएमएस ने रक्षाबंधन में कर्मचारियों के न आने से शव हटाने में देरी कह पल्ला झाड़ लिया। मरीज की हालत गंभीर होने और लावारिश होने के कारण अकबरपुर कोतवाली पुलिस से कानपुर ले जाने के लिए गार्ड की मांग की गई थी लेकिन समय पर कोई नहीं पहुंचा, जिससे उसे नहीं ले जाया जा सका और मौत हो गई।

    अकबरपुर से बेहोशी की हालत में शनिवार दोपहर करीब सवा एक बजे 25 वर्षीय लावारिश युवक सुंदर को मेडिकल कालेज के इमरजेंसी कक्ष में कुछ लोगों ने पहुंचाया था। प्राथमिक उपचार के बाद मरीज ने गिड़गिड़ाते हुए अपना नाम सुंदर बताया था, लेकिन पिता और कहां का रहने वाला है यह नहीं बता सका था। इमरजेंसी वार्ड के 16 नंबर बेड में लेटाकर उसका उपचार शुरू किया गया था। भर्ती मरीजों के अनुसार देर रात करीब 10:30 और 11:00 बजे के बीच युवक की मौत हो गई थी।

    इमरजेंसी में तैनात जूनियर रेजीडेंट डा. मनीष की ड्यूटी थी जबकि इमरजेंसी वार्ड में नर्सिंग अधिकारी (स्टाफ नर्स) अनीता, वार्ड ब्वाय झब्बू लाल व सफाई कर्मी महेश की ड्यूटी थी लेकिन उपस्थित सिर्फ स्टाफ नर्स ही थीं। शव बेड पर ही पड़ा रहा जिस पर भर्ती मरीजों व उनके स्वजन ने आपत्ति जताई। वहीं कुछ समय बाद शव से दुर्गंध उठने लगी अव्यवस्था से आहत हो कुछ मरीज बाहर निकल गए। रविवार सुबह मामले की जानकारी डीएम कपिल सिंह को हुई तो उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए मेडिकल कालेज प्राचार्य से तत्काल शव हटवाने के आदेश दिए।

    सुबह करीब नौ बजे ड्यूटीरत नर्सिंग अधिकारी संजीत सिंह ने आउट सोर्सिंग सफाई कर्मी रामपाल की मदद से शव को मर्च्युरी में रखवाया और सफाई कराई गई। वहीं स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि मरीज की हालत गंभीर होने पर कानपुर ले जाने के लिए अकबरपुर कोतवाली में सूचना भेजकर गार्ड भेजने की मांग की गई थी। वहीं मेडिकल कालेज प्राचार्य ने वार्ड का निरीक्षण कर लापरवाही बरतने वाली स्वास्थ्य कर्मियों की जानकारी ली। इमरजेंसी वार्ड में भर्ती संगसियापुर के रमेश सिंह ने बताया कि सांस फूलने के कारण चल फिर नहीं पाता हूं जिसके चलते शव से उठती दुर्गंध में भी अपने बेड पर लेटे हुए परेशान रहा।

    घबराहट की समस्या से परेशान इमरजेंसी वार्ड में भर्ती सुनीता ने बताया कि युवक की मौत के बाद शव नहीं हटाए जाने से दुर्गंध के कारण रातभर नींद नहीं आई और करवटें बदलती रही। वहीं अन्य लोगों ने मानवता तार तार होने के चलते स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही और मेडिकल कालेज प्रशासन की व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए खूब कोसा। कोतवाल सतीश सिंह ने बताया कि रात करीब आठ बजे गार्ड विजय पांडेय को मेडिकल कालेज भेजा गया था, जो वहां 1:30 बजे तक रुका भी, लेकिन कोई कर्मी व एंबुलेंस उपलब्ध न होने पर वह लौट आया।

    दो जूनियर डाक्टर समेत पांच निलंबित

    मेडिकल कालेज के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती 25 वर्षीय  युवक की शनिवार की रात मौत हो गई थी। स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही के कारण बेड पर ही करीब 10 घंटे तक शव पड़ा रहा था। दुर्गंध उठने पर भर्ती मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा था। मेडिकल कालेज प्रशासन ने मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में दो जूनियर डाक्टर, फार्मासिस्ट, वार्ड ब्वाय व सफाई कर्मी को मिलाकर कुल पांच स्वास्थ्य कर्मियों को निलंबित कर दिया है। साथ ही 24 घंटे में स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं। वहीं डीएम ने भी दो सदस्यीय समिति मामले की जांच को बनाई है।