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    फंस सकते हैं सपा नेता, चोरों ने कहा- इन्हीं को बेचते थे माल; पांच लोग हो गए गिरफ्तार

    अकबरपुर पुलिस ने घरों में चोरी करने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को पकड़ा है। आरोपियों ने बताया कि वे चोरी का माल जिला पंचायत सदस्य निखिल गौतम को बेचते थे जो सपा छात्र सभा का अध्यक्ष भी है। पुलिस गिरोह के सरगना और चोरी का सामान खरीदने वाले पंचायत सदस्य की तलाश कर रही है। आरोपियों से सोने-चांदी के जेवर तमंचा और बाइकें बरामद हुई हैं।

    By Jagran News Edited By: Aysha Sheikh Updated: Tue, 26 Aug 2025 09:19 PM (IST)
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    फंस सकते हैं सपा नेता, चोरों ने कहा- इन्हीं को बेचते थे माल; पांच लोग हो गए गिरफ्तार

    जागरण संवाददाता, कानपुर देहात। घरों की रेकी कर चोरी करने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को अकबरपुर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने बताया कि वह चोरी का माल जिला पंचायत सदस्य तिंगाई निखिल गौतम व एक अन्य को बेचते हैं। निखिल सपा छात्र सभा का जिलाध्यक्ष भी है। पुलिस गिरोह के सरगना व चोरी का सामान खरीदने वाले जिला पंचायत सदस्य की तलाश में दबिश दे रही है।

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    एएसपी राजेश पांडेय ने बताया कि अकबरपुर थाने के इंस्पेक्टर सतीश सिंह पुलिस टीम के साथ वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। नरिहा मोड़ से आगे रूरा की तरफ तीन बाइक पर सवार छह लोगों को रोका तो सभी भागने लगे। इनमें पांच को पकड़ लिया गया जबकि एक भाग निकला।

    पकड़े गए लोगों ने अपने नाम रूरा के सुजनीपुर निवासी दीपराज उर्फ राज यादव, अभय सिंह यादव उर्फ शीलू, भोगनीपुर के सुखसौरा का अनुज संखवार, सचेंडी भौंती का अजीत उर्फ लालू उर्फ लंबू, व गोविंद नगर दबौली वेस्ट का रोहित उर्फ डिंटू बताया।

    पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि उन्होंने कुछ माह पहले अकबरपुर में नवीन ज्वैलर्स, कन्हैयानगर, लोहिया नगर व बीएसए कार्यालय के पास फौजी के घर में चोरी की थी। उनके पास से 79.8 ग्राम सोने व 938.4 ग्राम चांदी के जेवर बरामद हुए। आरोपितों ने सरगना का नाम गजनेर के दिलावलपुर का सुदेश सचान बताया।

    बताया कि अलग-अलग जगहों पर रेकी करते हैं और जिन घरों में ताला बंद होता है वहां देररात चोरी करते हैं। सुदेश सचान 10 मिनट के अंदर कई तालों को तोड़ देता है। महाकुंभ स्नान को गए परिवारों के बंद घरों को निशाना बनाया था। रसूलाबाद में मलखानपुर के पास कानपुर-बेला रोड, कहिंजरी व पामा के अलावा कानपुर जिले में सचेंडी, बिल्हौर, शिवराजपुर, राजस्थान के जयपुर व जोधपुर जिलों में चोरी की वारदातें कर चुके हैं।

    चोरी का माल जिला पंचायत सदस्य निखिल गौतम व रूरा के गुड्डू सिंह परमार उर्फ गुडडू फौजी को दे देते थे। वह दोनों उस सामान की बिक्री कर उनको रुपये देते थे, दोनों के पास अभी जेवर रखे हुए हैं। सीओ संजय वर्मा ने बताया कि सरगना व बाकी दोनों की तलाश चल रही है। उनके पकड़े जाने पर पता चलेगा कि आखिर सामान कहां व किसको बेचते थे।

    आरोपितों के पास से तमंचा, चोरी करने के उपकरण व तीन बाइक बरामद की हैं। चोरी का माल बेचकर तीनों बाइकें खरीदी गई हैं। गिरफ्तारी करने वाली टीम को 21 हजार का इनाम दिया गया है। उधर, सपा जिलाध्यक्ष अरुण कुमार बबलू राजा ने बताया कि निखिल गौतम की सक्रियता नहीं थी, इसलिए उसे पद से हटाया जा चुका है।

    जिला पंचायत सदस्य पूर्व में हो चुका जिला बदर

    निखिल गौतम पूर्व में जिला बदर किया जा चुका है। करीब नौ वर्ष पहले अवैध शराब पकड़ी गई थी जिसमें उस पर मुकदमा किया गया था और आगे जिला बदर भी किया गया था। बीते वर्ष ही उसे सपा छात्र सभा का जिलाध्यक्ष बनाया गया था।

    विवादों में रहा है सपा छात्र सभा जिलाध्यक्ष पद

    इससे पूर्व सपा छात्र सभा जिलाध्यक्ष पद पर निर्देश यादव था। उस पर भी अवैध शराब समेत अन्य धाराओं के मुकदमे हुए थे। यहां के अलावा नगर के थानों में भी मुकदमा था। अब नया मामला फिर से जिलाध्यक्ष पद पर नियुक्त व्यक्ति के लिए हुआ है। इसको लेकर भी कार्यकर्ता चर्चा करते रहे।

    अलग अलग सदस्यों को लेकर जाता था सरगना

    सरगना सुदेश सचान के संपर्क कई अन्य चोर गिरोह से हैं। वह चोरी की घटनाओं में सदस्य बदल कर ले जाता था। कभी सभी सदस्य को एक साथ लेकर चोरी में नहीं जाता था। वहीं अपना मोबाइल नंबर अधिकांश बंद रखता था। साथ ही सदस्यों के अलावा अन्य किसी को मोबाइल नंबर नहीं देता है। आरोपितों में दीपराज पर चोरी, हत्या समेत अन्य धाराओं के मुकदमे हैं, बाकियों पर भी मुकदमे दर्ज हैं।

    107 बीएनएसएस व गैंग्सटर की होगी कार्रवाई

    एएसपी राजेश पांडेय ने बताया कि आरोपितों पर गैंगस्टर की कार्रवाई की जाएगी व अवैध संपत्तियों का पता कर कुर्क किया जाएगा। वहीं 107 बीएनएसएस (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) की कार्रवाई भी होगी।

    इस धारा में पुलिस को अधिकार है कि वह मजिस्ट्रेट के पास आवेदन करे कि आरोपितों की जो संपत्ति है वह अवैध ढंग से जुटाई गई है। इसके बाद आरोपित सही जवाब नहीं दे पाता है या सिद्ध नहीं कर पाता तो उसे कुर्क करते हुए पीड़ित परिवारों को वापस करने का आदेश किया जा सकता है। इससे पीड़ित परिवारों को काफी लाभ होगा।