यूपी के किसानों के लिए खुशखबरी! गेहूं बिक्री के नियमों में किया गया बदलाव, अब नहीं लगाने पड़ेंगे तहसील के चक्कर
उत्तर प्रदेश में गेहूं बेचने वाले किसानों के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को आसान बनाया गया है। अब किसान आधार नंबर दर्ज करके ही अपना पंजीकरण कर सकेंगे। लेखपाल स्तर से सत्यापन होने पर तहसील के चक्कर नहीं काटने होंगे। इस बदलाव से किसानों को होने वाली असुविधा को दूर किया गया है। अभी 15 दिन बाद ही खरीद शुरू होने की संभावना विभाग की ओर से जताई जा रही है।

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात। गेहूं बिक्री करने वाले किसानों को पंजीकरण के दौरान असुविधा न हो इसके लिए ओटीपी व्यवस्था में बदलाव किया गया है। अब किसान आधार नंबर दर्ज करके ही अपना पंजीकरण कर सकेंगे। इसके साथ ही लेखपाल स्तर से सत्यापन होने पर तहसील के चक्कर नहीं काटने होंगे। पूर्व के वर्षों में किसानों को हुई असुविधा को देखते हुए यह बदलाव किया गया है।
रबी विपणन वर्ष 2025-26 में गेहूं बिक्री के लिए 60 केंद्र बनाए गए हैं, जिसमें खाद्य विभाग के 16, पीसीएफ के 24, पीसीयू के 10 व यूपीएसएस और भारतीय खाद्य निगम के पांच-पांच केंद्र बनाए गए हैं। पूर्व के वर्षों में शुरुआत के 15 दिनों में खरीद शून्य रहने के कारण इस बार 17 मार्च से गेहूं खरीद शुरू की गई है, लेकिन अभी भी केंद्रों पर सन्नाटा पसरा है।
15 दिन बाद शुरू हो सकती है खरीद
वहीं अभी 15 दिन बाद ही खरीद शुरू होने की संभावना विभाग की ओर से जताई जा रही है, जबकि अब तक 3432 किसानों ने बिक्री के लिए पंजीकरण करा लिया है। पूर्व के वर्षों में पंजीकरण के दौरान किसानों को असुविधा का सामना करना पड़ा था और सर्वर समस्या के कारण निर्धारित समय के बाद किसान के मोबाइल पर ओटीपी पहुंचती थी। इससे उनका पंजीकरण नहीं हो पाता था।
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वहीं मोबाइल नंबर पर प्राप्त होने वाली ओटीपी से आनलाइन धोखाधड़ी का अंदेशा जता किसान बताने से हिचकते थे। किसानों की समस्या को देखते हुए इस बार ओटीपी प्रकिया में बंद किया गया है, जिससे अब किसान आधार नंबर दर्ज करके पंजीकरण कर सकते हैं। वहीं जिन किसानों ने पूर्व में धान, गेहूं व मोटे अनाज की बिक्री की है उन्हें आधार नंबर डालने पर उनके आवेदन के नवीनीकरण की व्यवस्था की गई है।
सत्यापन के लिए बनेगी लेखपाल की आइडी
गेहूं बिक्री के लिए पंजीकरण कराने वाले किसानों की फसल व भूमि का सत्यापन अब लेखपाल स्तर से हो सकेगा। पूर्व में एसडीएम से सत्यापन होने के बाद विपणन विभाग को आवेदन प्राप्त होता था, इससे कई बार समय लग जाता था। लेकिन अब लेखपाल स्तर से सत्यापन की व्यवस्था की गई है। इसके लिए लेखपाल की आइडी बनाई जाएगी और ग्राम पंचायत स्तर से लेखपाल सत्यापन कर सकेंगे। इससे किसानों को तहसील के चक्कर काटने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।
जिला खाद्य विपणन अधिकारी, राघवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया
गेहूं बिक्री में किसानों को असुविधा न हो इसके लिए प्रकिया को सरल किया जा रहा है। ओटीपी व्यवस्था में बदलाव होने से अब किसान आसानी से पंजीकरण कर सकेंगे। पूर्व के वर्षों में फसल बिक्री के पंजीकरण को लेकर साइबर ठगों ने ओटीपी पूछकर किसानों से धोखाधड़ी की थी, जिसे देखते हुए प्रकिया में बदलाव किया गया है।
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