43 साल बाद खत्म हुआ 'कानूनी वनवास', कानपुर में थाने के मालखाने से 'रिहा' हुए भगवान तो मनाई गई दिवाली
कानपुर देहात के मूसानगर में करीब 43 वर्ष बाद भगवान थाने से रिहा होंगे। कस्बे के बांकेबिहारी मंदिर से चोरी हुई मूर्तियों को मंदिर समिति के सदस्यों को स ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : करीब 43 वर्ष बाद मूसानगर के थाने से भगवान रिहा होंगे। कस्बे के बांकेबिहारी मंदिर से चोरी हुई मूर्तियों को मंदिर समिति के सदस्यों को सौंपने का आदेश कोर्ट से हुआ है। इस पर लोगों में खुशी है और मिठाई भी बांटी।
व्यापार मंडल के जिला महामंत्री व मूसानगर निवासी राजीव कुमार सोनी ने बताया कि मूसानगर कस्बे में पुराना मंदिर है जिसे श्रीपटराहन मंदिर समिति संचालित करती है। अप्रैल 1983 में चोरों ने मंदिर से भगवान राधा रानी, बलदाऊ जी, हनुमान जी, गणेश जी और गरुड़ जी की दो मूर्तियां चोरी कर ली थीं।
इसका मुकदमा थाने में दर्ज किया गया था और पुलिस ने जांच के बाद कुछ दिन बाद तीन चोर पकड़े थे जिनके पास से मूर्तियां बरामद हो गईं थीं। मुकदमा कोर्ट में था और मूसानगर थाने के मालखाने में मूर्तियां जमा थीं। गुरुवार को कोर्ट ने रिलीज आदेश जारी किया और मूर्तियां अब वापस मंदिर समिति को मिल जाएंगी।
राजीव कुमार सोनी ने बताया कि इससे पहले 13 सितंबर 1995 को मूर्तियों की सुपुर्दगी का आदेश भी हो चुका था, लेकिन न्यायिक प्रक्रिया में मामला लंबित हो गया और इतना समय लग गया।
कस्बे में यह जानकारी मिली तो विजय कौशल समिति अध्यक्ष राधेश्याम गुप्ता, महामंत्री दयानंद गुप्ता, दिनेश ओमर, राजेश गुप्ता, बिहारी लाल, प्रखर सोनी व अन्य ने खुशी मनाई और मिठाई बांटी। लोगों का कहना है कि अब भव्य समारोह में भगवान फिर से अपने मंदिर में विराजेंगे, मूर्तियां करीब 100 से 150 वर्ष पुरानी है, पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट भी कोर्ट में लगी थी। अधिवक्ता प्रशांत मिश्रा ने बताया कि सहयोगी अधिवक्ता संदीप गुप्ता के साथ मिलकर पैरवी की। कोर्ट ने आदेश जारी किया है।

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