UP News: किशोरी से दुष्कर्म मामले में दोषी को 10 साल कारावास की सजा, कोर्ट ने लगाया 20 हजार अर्थदंड
कानपुर देहात में एक किशोरी से दुष्कर्म के मामले में अदालत ने वीरेंद्र कुमार को 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है और 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। 2015 में किशोरी को बहला-फुसलाकर ले जाया गया था। पीड़ित के पिता की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। अन्य आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया है।

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात। करीब 10 वर्ष पूर्व सट्टी क्षेत्र के एक गांव से बाजार गई किशोरी को गांव के कुछ लोग बहलाकर ले गए थे, जिसके बाद उससे दुष्कर्म किया। पिता की तहरीर पर पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ अपहरण व दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया था। मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पाक्सो शरद कुमार त्रिपाठी की कोर्ट में चल रही थी। मामले में न्यायालय ने अभियुक्त को 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 20 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है।
सट्टी क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने पुलिस को दिए शिकायती पत्र में बताया था कि 14 वर्षीय पुत्री 11 अप्रैल 2015 को पुखरायां बाजार गई थी। जहांगीर चौराहे के पास से गांव का ही वीरेंद्र कुमार बेटी को बहलाकर ले गया। शाम तक बेटी के घर न लौटने पर तलाश की, लेकिन वह कहीं नहीं मिली।
पीड़ित पक्ष की शिकायत पर दर्ज हुआ था मुकदमा
मामले में पीड़ित पक्ष की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। वहीं दौरान विवेचना फकरापुर निवासी रामऔतार व प्रकाश उर्फ रामप्रकाश और कालपी छौंग निवासी सुरेंद्र के नाम बढ़ाते हुए आरोप पत्र दाखिल किया गया। मामले की सुनवाई पाक्सो कोर्ट में चल रही थी। नियत तिथि पर मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान बचाव व अभियोजन पक्ष में बहस हुई। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद न्यायालय ने आरोपित वीरेंद्र कुमार को दोष सिद्ध किया।
विशेष लोक अभियोजक विकास सिंह ने बताया किशोरी से दुष्कर्म व अपहरण मामले में न्यायालय ने वीरेंद्र कुमार को 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 35 हजार रुपये अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड अदा न करने पर अभियुक्त को तीन माह का अतिरिक्त कारावास काटना होगा। वहीं साक्ष्य के अभाव में रामऔतार व प्रकाश उर्फ रामप्रकाश और सुरेंद्र को दोष मुक्त किया है।

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