World Veterinary Day 2022 : महंगाई के दौर में यहां पशु-पक्षियों को परोसी जाती है फलों से सजी थाली
कानपुर में रायपुरवा स्थित एसपीसीए पशु चिकित्सालय पशु-पक्षियों के लिए संजीवनी बना है। यहां पर उनका उपचार करने के साथ ही महंगाई के इस दौर में पशुओं के सामने फलों की थाली परोसी जाती है। अबतक 200 से ज्यादा पशु-पक्षियों का इलाज हो चुका है।

कानपुर, [अंकुश शुक्ल]। रायपुरवा का एसपीसीए पशु चिकित्सालय पशु-पक्षियों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। दुर्घटना में घायल हुए बेजुबानों को यहां नई जिंदगी मिलती है। आठ डाक्टरों की टीम इनका इलाज करती है। इतना ही नहीं, महंगाई के इस दौर में भी पशु-पक्षियों के सामने हर रोज दर्जनों फलों से सजी थाली परोसी जाती है। दूध, फल, सब्जियां भी दिन में दो बार उपलब्ध कराई जाती हैं। 200 से ज्यादा बेजुबानों को अब तक यहां सहारा मिल चुका है।
पशु चिकित्सक डा. राहुल बताते हैं कि एसपीएसए चिकित्सालय रजिस्टर्ड सोसाइटी की ओर से संचालित किया जा रहा है। यहां पर गंभीर रूप से घायल पशु-पक्षियों को उपचार देकर फिर से चलने-फिरने लायक बनाया जाता है। अब तक 200 से ज्यादा पशु-पक्षियों को संजीवनी प्रदान करने वाले इस अस्पताल में पशु-पक्षियों को अंगूर, पपीता, गाजर, केला, अमरूद, तरबूज व सब्जियां दी जाती हैं।
पशु-पक्षी प्रेमी संवार रहे जीवन : पशु-पक्षी प्रेमी डा. अर्चना त्रिपाठी पिछले नौ वर्ष से चिकित्सालय की मूलभूत सुविधाओं के लिए कार्य कर रही हैं। वे अपनी टीम के साथ चिकित्सालय में चूहे, चील, गाय, मोर, कौआ, कुत्ता, बंदर समेत कई पशु-पक्षियों को दिन में दो बार फलों से सजी थाली उपलब्ध कराती हैं। इसमें वालंटियर्स व पशु-पक्षी प्रेमी भी सहयोग करते हैं।
अभी इसकी दरकार : चिकित्सालय में जानवरों के एक्सरे, अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं है। इसके साथ ही इलाज में उपयोगी दवाओं की उपलब्धता भी कम है। दवा मिले तो कई बेजुबानों के जीवन को सुरक्षित किया जा सकता है।
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