Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    World Photography Day 2021: कानपुर की इन 10 तस्वीरों में कैद है एक अलग अहसास, यहां देखिए

    World Photography Day मनाने के पीछे की कहानी सैकड़ों साल पुरानी है। इसकी शुरुआत फ्रांस में 9 जनवरी 1839 से शुरू हुई थी। उस वक्त डॉगोरोटाइप प्रक्रिया की घोषणा की गई थी जिसे दुनिया की पहली फोटोग्राफी प्रक्रिया माना जाता है।

    By Shaswat GuptaEdited By: Updated: Thu, 19 Aug 2021 10:58 PM (IST)
    Hero Image
    स्नान करने पहुंचे युवकों ने बालू लपेटकर गर्मी को छूमंतर किया। (धीरज गुप्ता)

    कानपुर, [जागरण स्पेशल]। World Photography Day 2021 कहते हैं - एक फोटोग्राफर किसी व्यक्ति के छोटे पलों में खुशियों का एक समंदर ढूंढ़ लाता है। कहने को तो वो महज एक फोटो होती है, लेकिन वास्तविकता की बात करें तो वही फोटो कई शब्दों के बराबर होती है। जिसमें हंसी, करुणा और सौंदर्य का भाव समाहित होता है। अब यह तो देखने वाले की कल्पनाशक्ति पर निर्भर करता है कि वह व्यक्ति उस फोटो में कौन सा भाव तलाशता है। फोटोग्राफी डे पर यह बातें हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि वर्तमान समय में फोटोग्राफी का दायरा काफी व्यापक हो चुका है। कारण, कोई भी व्यक्ति अपनी जिंदगी के हर उस लम्हे को कैद कर लेना चाहता है जो उसे सुखद अनुभूति कराती है। यही कारण है कि आज विश्व भर में फोटोशूट की भी कैटेगरी बन चुकी हैं। जिनमें प्री-वेडिंग, पोस्ट वेडिंग और मैटेरनिटी फोटोशूट इत्यादिक प्रमुख हैं। इस खबर में हम आपको कानपुर शहर में खींची गई ऐसी ही कुछ खास तस्वीरों से रू-ब-रू कराएंगे, जिनमें से कोई फोटो आपको आनंदित करेगी तो वहीं कोई फोटो विचलित भी कर सकती है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    1. लड्डू गोपाल ने लगाई गंगा में डुबकी: माघी पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं के साथ लड्डू गोपाल ने भी गंगा में डुबकी लगाई। गंगा बैराज स्थित घाट पर एक श्रद्धालु ने पहले लड्डू गोपाल को स्नान कराया, फिर गंगा तट पर विधि-विधान से पूजन किया। - (नीचे दी गई फोटो दैनिक जागरण कानपुर के फोटो जर्नलिस्ट संजय यादव द्वारा कैमरे में कैद की गई है।)

    2. स्टूल के भरोसे कानून व्यवस्था: उन्नाव में सड़क दुर्घटना के बाद मुआवजे की मांग को लेकर उग्र ग्रामीणों ने जमकर उत्पात मचाया था। पथराव से बचने को एक पुलिसकर्मी ने प्लास्टिक का स्टूल उठा लिया और अपना बचाव करने लगा।  - (नीचे दी गई फोटो दैनिक जागरण उन्नाव के फोटो जर्नलिस्ट धीरेंद्र सिंह द्वारा कैमरे में कैद की गई है।)

    3. हम सबके साथ...: आमतौर पर एक-दूसरे के विरोध में रहने वाली राजनीतिक पार्टियां इस बाइक पर एक साथ हैं। एक बाइक में भाजपा और सपा का झंडा लगाकर जा रहे  चालक ने पूछने पर बताया हम दोनों के साथ हैं। हालांकि उस शख्स को उत्सुकता से देखने वाला प्रत्येक व्यक्ति मुस्कुरा रहा था।  - (नीचे दी गई फोटो दैनिक जागरण कानपुर के फोटो जर्नलिस्ट संजय यादव द्वारा कैमरे में कैद की गई है।) 

    4. हाय गर्मी..बाघ को प्यास सताए: अगस्त के महीने में पड़ रही उमस भरी गर्मी ने इंसानों के साथ जानवरों को भी बेहाल कर दिया हैं। आमतौर पर मानसून के सीजन में बारिश में नहाकर आनंद लेने वाले कानपुर चिडिय़ाघर के जानवर गर्मी से व्याकुल हैं। - (नीचे दी गई फोटो दैनिक जागरण कानपुर के फोटो जर्नलिस्ट संजय यादव द्वारा कैमरे में कैद की गई है।)

    5. संग-संग तुझे भी नचाऊं....: फिल्म अभिनेता एक कार्यक्रम में भाग लेने कानपुर के लाजपत भवन में आए थे। उन्होंने शहर की बहुत तारीफ की। उसी कार्यक्रम में महापौर प्रमिला पांडेय भी थीं। महापौर ने कहा कि आपकी फिल्मे हमने बहुत देखीं, आज आपको सामने देखकर खुशी हो रही है। उन्होंने गोविं का हाथ पकड़ा और उन्हें नाचने के लिए मंच पर ले गईं।  - (नीचे दी गई फोटो दैनिक जागरण कानपुर के फोटो जर्नलिस्ट संजय यादव द्वारा कैमरे में कैद की गई है।)

    6. गिलहरी प्रयास...: महादेवी वर्मा ने अपनी कहानी गिल्लू में एक गिलहरी की जिस उछलकूद का वर्णन किया है। वह अक्सर हमें पार्को में या पेड़ों के पास देखने को मिल जाता है। बुधवार को मोतीझील के सामने एक गिलहरी को भुट्टा के दाने खाने का प्रयास करते देखा तो सहसा गिल्लू जीवंत हो उठा। काफी देर से उछलकूद करती दिख रही इस गिलहरी को कहीं से एक भुट्टा मिल गया। उसने काफी देर तक पूरा भुट्टा पेड़ पर ले जाने का प्रयास किया। आखिर वह उसे दीवार तक ले जाने में सफल रही और वहीं पर दाने निकालकर खाने लगी।  - (नीचे दी गई फोटो दैनिक जागरण कानपुर के फोटो जर्नलिस्ट संजय यादव द्वारा कैमरे में कैद की गई है।) 

    7. कानपुर में कोराेना का कहर: जो गंगा बैराज दिन भर सैलानियों से गुलजार रहता था काेरोना संक्रमण के दौरान उसे भी नजर लग गई। वो रौनक और पहल-पहल पल भर में गायब हो गई थी। दरअसल, कोरोना संक्रमण से बचने के लिए पूरे उत्तर प्रदेश में लाकडाउन लगाया गया था। जिसके कारण कानपुर से लखनऊ जाने वाले गंगा बैराज मार्ग पर सन्नाटा फैला रहता था।  - (नीचे दी गई फोटो दैनिक जागरण कानपुर के फोटो जर्नलिस्ट संजय यादव द्वारा कैमरे में कैद की गई है।) 

    8. जान जोखिम में डाल निकल रहे लोग: दादा नगर रेलवे क्रासिंग पर जहां पर तेजी आर ही ट्रेन को देखे बिना लोग निकल रहे हैं, वहीं एक बच्चा पटरी पर बैठा हुआ है, ऐसे में उसे रोकने वाला भी कोई नहीं है। ऐसे लोग शायद ये नहीं जानते कि जरी सी चूक में उनकी जान जा सकती है। - (नीचे दी गई फोटो दैनिक जागरण कानपुर के फोटो जर्नलिस्ट मो. आरिफ द्वारा कैमरे में कैद की गई है।) 

    9. न मास्क और न ही नियमों का पालन...: गुमटी चौराहे के पास बिना मास्क लगाए एक मोटर साइकिल पर तीन सवारी बैठकर निकल रहे पुलिस कर्मियों को रोकने वाला कोई नहीं है। ये खुलेआम यातायात नियमों और कोरोना गाइडलाइन का उल्घंघन कर रहे हैं। - (नीचे दी गई फोटो दैनिक जागरण कानपुर के फोटो जर्नलिस्ट मो. आरिफ द्वारा कैमरे में कैद की गई है।) 

    10. सावधानी हटी दुर्घटना घटी...: सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा नियमों की अनदेखी करते कई यात्री अपनी जान जोखिम में डाल लेते हैं। रेलवे ट्रैक पार करके दूसरी ओर जाना पूरी तरह प्रतिबंधित होने के बावजूद थोड़ा सा समय बचाने के लिए कई यात्री नियमों का उल्घंघन करते हैं। ऐसी ही तस्वीर कैद की गई प्लेटफार्म नं. एक पर जिसमें एक महिला ने अपने बच्चों की जान को जोखिम में डाल दिया।   - (नीचे दी गई फोटो दैनिक जागरण कानपुर के फोटो जर्नलिस्ट धीरज गुप्ता द्वारा कैमरे में कैद की गई है।)