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    World Mother's Day : स्पेशल मां कृष्णा के संघर्ष की कहानी, देश-विदेश में नाम रोशन कर रहे बच्चे

    By Abhishek AgnihotriEdited By:
    Updated: Sun, 08 May 2022 09:45 AM (IST)

    कानपुर की एकल मां कृष्णा के प्रयासों से डाउन सिंड्रोम से पीड़ित बच्चे खेल नृत्य व अन्य विधा में अलग पहचान बना रहे हैं। उनकी चुनौती में उनका साथ बीमारी से ग्रसित बेटी भी दे रहीं हैं। बेटी को कथक नृत्यांगना और खेल में पहचान दिला चुकी हैं।

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    मदर्स डे पर ये हैं कानपुर की स्पेशल मां।

    कानपुर, [अंकुश शुक्ल]। दूखन लागी है मां तेरी अंखियां मेरे लिए जागी है तू सारी-सारी रतियां, मेरी निंदिया पे अपनी निंदिया भी, तूने वारी है ओ मां ओ मां...गीत की इन चंद लाइनें समाज के हर व्यक्ति को मां के त्याग व परिश्रम का अहसास करातीं हैं। शायद इन्हीं लाइनों को सार्थक करने के लिए कृष्णा शर्मा पिछले कई वर्षों से डाउन सिंड्रोम जैसी घातक बीमारी से पीड़ित बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास कर रहीं हैं। उनके प्रयास के चलते ही आज शहर के ज्यादातर स्पेशल बच्चे खेल, नृत्य व अन्य विधा में पहचान बना रहे हैं। एकल मां कृष्णा की चुनौती में उनकी बेटी प्रगति जो स्वयं इस घातक बीमारी से ग्रसित हैं वे उनकी साथी की भूमिका निभा रहीं हैं। पेश हैं स्पेशल मां कृष्णा के संघर्ष की कहानी...

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    कृष्णा नगर में रहने वाली कृष्णा शर्मा समाज के ऐसे लोगों की सोच को अपने प्रयास से बदल रहीं हैं जो ऐसे बच्चों को बोझ मानकर उनके प्रति हीन भावना रखते हैं। वे 66 वर्ष की उम्र में भी स्पेशल बच्चों को खेल व नृत्य में निपुण बनाने में लगी रहती हैं। वर्तमान में कृष्णा शर्मा स्पेशल ओलिंपिक भारत की जोनल कोआर्डिनेटर के रूप में ऐसे बच्चों को संवार रहीं हैं।

    संघर्ष दिला रहा पहचान, बदल रही सोच : एकल मां कृष्णा का संघर्ष समाज की सोच को काफी हद तक बदल रहा है। बेटी प्रगति के डाउन सिड्रोम से ग्रसित और पति के निधन के बाद कृष्णा ने क्षेत्रीय लोगों के प्रार्थना पत्र व राशन आफिस के पत्र लिखकर बेटी को पाला। इसके बाद पतंजलि से योग सीखकर बेटी और समाज के ऐसे बच्चों को संवारा जो इस बीमारी से ग्रसित थे।

    इन विधाओं में निपुण कर दिलाई रहीं राष्ट्रीय पहचान : योग, कथक, डांस, शिष्टाचार, आत्मनिर्भरता व लीडरशिप के साथ विभिन्न खेल व 100 से ज्यादा बच्चों को निश्शुल्क प्रशिक्षित कर उनको समाज की मुख्य धारा में लाने के साथ राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिला रही हैं। उनके मार्गदर्शन में रितेश स्पेशल ओलिंपिक में रजत पदक व अव्यांश यूएसए साइकिलिंग में छा चुके हैं। बेटी प्रगति दिल्ली, लखनऊ सहित कई शहरों में कथक में खूब वाहवाही लूट चुकीं हैं। गायक शान भी उनके मुरीद हैं। प्रगति ने 2017 में चेन्नई स्पेशल राष्ट्रीय गेम्स में 50 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता था।

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