फतेहपुर जेल में 2,400 बंदियों के समक्ष सर्दी गुजारने का संकट, प्रयागराज व लखनऊ मुख्यालय से लाए गए केवल 935 कंबल
वर्तमान समय जिला जेल में विभिन्न आरोपों हत्या डकैती अपहरण गैंगस्टर दुष्कर्म लूट हत्या के प्रयास चोरी राहजनी दहेज हत्या आदि के 1783 बंदी व कैदी निरुद्ध हैं जिसमें 80 महिला बंदी व महिला बंदियों के साथ 18 बच्चे भी हैं।

फतेहपुर, जागरण संवाददाता। बंदियों को सर्दी से बचाने के लिए 2400 के सापेक्ष नैनी, प्रयागराज व लखनऊ मुख्यालय से सिर्फ 935 कंबल आए हैं जिससे जेल प्रशासन ने स्वयंसेवी संस्थाओं से मदद की अपेक्षा जताई है।हालांकि महिला व बच्चों को शाल, स्वेटर, मोजे टोपी, जूते स्वयंसेवी संस्थाओं ने मुहैया करा दिए है लेकिन बंदी व कैदी सर्दी में ठिठुरने को मजबूर हैं।
वर्तमान समय जिला जेल में विभिन्न आरोपों हत्या, डकैती, अपहरण, गैंगस्टर, दुष्कर्म, लूट, हत्या के प्रयास, चोरी, राहजनी, दहेज हत्या आदि के 1783 बंदी व कैदी निरुद्ध हैं जिसमें 80 महिला बंदी व महिला बंदियों के साथ 18 बच्चे भी हैं। रात व सुबह की सर्दी होने के वजह से जेल प्रशासन ने एक माह पूर्व लखनऊ डीजी आनंद कुमार से पत्राचार कर 2400 कंबल मांगे थे लेकिन अब नैनी से 700 व लखनऊ मुख्यालय से सिर्फ 235 कंबल ही भेजे गए हैं। जेलर सुरेश चंद्र व उपजेलर अंजनी कुमार ने बताया कि प्रत्येक बैरकों के बाहर सुबह व शाम अलाव की व्यवस्था कर बंदियों को सर्दियो से बचाया जा रहा है। गर्म कपड़ों की कमी नहीं है।
संक्रमण के भय से मिलाई भी हुई बंद: जेल में बंद अपने परचितों से मिलाई करने वाले अभी तक अपने बंदियों को गर्म कपड़े मुहैया करा देते थे लेकिन आमिक्रोन संक्रमण के डर से मिलाई पर पाबंदी लगी हुई है जिससे बंदी तीन-तीन पतले कंबलों के सहारे की सर्दी काटने को मजबूर हैं। तीन-तीन हल्के कंबल मुहैया कराए हैं जिससे सर्दी नहीं कट रही है।
इनका ये है कहना :
- नैनी व लखनऊ से 935 कंबल आ गए हैं। बैरकों में पारदर्शी पन्नी लगा दी गई है ताकि बैरक के भीतर हवा न जा सके। जिला अपराध निरोधक कमेटी सचिव व जेल पर्यवेक्षक विपिन बिहारी शरन के साथ आए जयप्रकाश सिद्धराज, जवाहर लाल जायसवाल, प्रमोद विक्रम एडवोकेट आदि स्वयंसेवी संस्थाओं ने बंदियों के लिए पर्याप्त कंबल मुहैया करा दिए हैं। जिससे सर्दी में ठिठुरने जैसी कोई बात नहीं है। - मो. अकरम खान, जेल अधीक्षक।

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