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तौलिया निर्माता कंपनी वेलस्पन खरीद रही लक्ष्मी कॉटसिन मिल, मूल्यांकन के लिए 120 दिन का समय

कानपुर में मैनचेस्टर की शान रही लक्ष्मी कॉटसिन मिल को दोबारा चलाए जाने की उम्मीद बंधी है इसे खरीदने के लिए मुंबई की वेलस्पन कंपनी आगे आई है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के फैसले के बाद अब विलय की योजना बनाकर प्रस्ताव जमा करना है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 02:43 PM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 02:43 PM (IST)
तौलिया निर्माता कंपनी वेलस्पन खरीद रही लक्ष्मी कॉटसिन मिल, मूल्यांकन के लिए 120 दिन का समय
कानपुर में कभी उद्योगों की शान थी लक्ष्मी कॉटसिन मिल। फाइल फोटो

कानपुर, जेएनएन। टेक्सटाइल क्षेत्र में अग्रणी रही श्री लक्ष्मी कॉटसिन लिमिटेड का मूल्यांकन करने की तैयारी है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने इसे खरीदने में दिलचस्पी दिखाने वाली मुंबई की तौलिया निर्माता कंपनी वेलस्पन को 120 दिन का समय दिया है। इस दौरान कंपनी के प्रतिनिधि कानपुर आकर लक्ष्मी कॉटसिन की जमीन व मशीनों आदि का मूल्यांकन करके अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे। इसके बाद वेलस्पन कंपनी विलय की योजना का खाका तैयार करके एनसीएलटी के पास जमा करेगी।

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कंपनी के लिए एक जुलाई को लिक्विडेशन ऑर्डर हो गया था। कंपनी के विलय के लिए सबसे पहले दो महीने का समय दिया गया था। विलय के प्रस्ताव के लिए दी गई 30 सितंबर की तारीख निकल गई लेकिन इस समय अंतराल में कोई कंपनी सामने नहीं आई। छह अक्टूबर को तौलिया बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी वेलस्पन ने दिलचस्पी दिखाई। कंपनी पदाधिकारियों ने 120 दिन का समय मांगा जिसके बाद 28 अक्टूबर को नेशनल लॉ ट्रिब्यूनल में तारीख लगी। कंपनी ने जल्दी तारीख लगाने का प्रार्थना पत्र दिया और 13 अक्टूबर को सुनवाई हुई।

एनसीएलटी ने यह विलय का प्रस्ताव देने वाली कंपनी को लक्ष्मी कॉटसिन का मूल्यांकन करने के लिए 120 दिन का समय दिया है। अब वेलस्पन कंपनी पदाधिकारी कानपुर स्थित इस कंपनी का मूल्यांकन करने के लिए फैक्ट्री विजिट कर अध्ययन करेंगे। इसके बाद प्लान जमा कर विलय के लिए बैंकों की मीटिंग बुलाई जाएगी। इसके बाद एनसीएलटी के सामने प्रस्ताव रखा जाएगा। बताते चलें कि लक्ष्मी कॉटसिन लिमिटेड ने 550 करोड़ नीलामी की वैल्यू निकाली है। कंपनी मर्ज करने के लिए संस्थापक ने 650 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया लेकिन बैंक एक हजार करोड़ से कम पर नहीं माने थे। अब कंपनी का नए सिरे से मूल्यांकन होगा। 


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