पहलगाम में पिकनिक स्पॉट पर ही आतंकियों को उपलब्ध कराए गए थे हथियार, शुभम की पत्नी ने किया बड़ा खुलासा
कानपुर के शुभम द्विवेदी की पत्नी एशान्या ने राहुल गांधी से बातचीत में पहलगाम आतंकी हमले में स्थानीय लोगों की मिलीभगत का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आत ...और पढ़ें

शैलेंद्र त्रिपाठी, कानपुर (महाराजपुर)। आतंक बेलगाम है और आतंकी बेखौफ। इतनी बड़ी वारदात को आतंकी अचानक नहीं अंजाम दे सकते। इसमें गहरी साजिश रही है। पहलगाम में एक नहीं आतंकियों के अनेकों सहयोगी रहे। घटना के बाद ऐसा महसूस हुआ कि आतंकियों को हथियार ऊपर पिकनिक स्पॉट पर ही उपलब्ध कराए गए। ये बातें बुधवार शाम दिवंगत शुभम द्विवेदी की पत्नी एशान्या ने कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से कहीं।
राहुल गांधी बुधवार शाम जब महाराजपुर के हाथीपुर के रघुवीर नगर निवासी दिवंगत शुभम के घर पहुंचे तो स्वजन बिलख-बिलख कर रोए। पत्नी एशान्या, पिता संजय ने रोते हुए आपबीती बताकर कहा कि आतंकी सामान्य कपड़ों में थे। पैंट-टी-शर्ट पहने एकदम सामान्य व्यक्ति की तरह थे। जिन हथियारों से आतंकियों ने अधाधुंध गोलियां बरसाईं, वो हथियार साधारण कपड़ों में छिपाकर कोई भी नहीं ला सकता।
पिकनिक स्पॉट पर उपलब्ध कराए गए थे हथियार
एशान्या ने बताया कि आशंका ही नहीं पूरा विश्वास है कि आतंकियों को इतने घातक व अत्याधुनिक असलहे ऊपर ही उपलब्ध कराए गए। घोड़े वाले या दुकानदार भी उनके मददगार हो सकते हैं क्योकि वहां घटना के बाद मौजूद हर स्थानीय की भूमिका संदिग्ध थी। घटना के बाद पीड़ित मदद की गुहार लगाते रहे लेकिन कोई नहीं आगे आया।
मजबूरी में लोग जान बचाने को गिरते-पड़ते नीचे की तरफ भागे। शुभम के बहनोई शुभम दुबे भी घटना के समय नीचे वाले प्वाइंट पर स्वजन के साथ थे। शुभम ने बताया कि घोड़े वाले भी आतंकियों से मिले थे। वहां की स्थितियां कुछ ऐसी थीं कि कोई अपना नहीं लग रहा था। यही लग रहा था पता नहीं कौन आतंकी इन्ही लोगों में छिपा हो।
घटना को लेकर बनाया जा रहा था मजाक
वहीं शुभम की साली शांभवी जो ऊपर ही अपने जीजा व दीदी के साथ मौजूद थी। उसने भी बताया कि आतंकियों को पूरा संरक्षण वहां था। स्थानीय पुलिस भी गोलीबारी को लेकर बरगला रही थी। कोई कुछ सुन ही नहीं रहा था। सब घटना को लेकर मजाक बना रहे थे।
घटना में शामिल आतंकी कुछ तो नीचे की तरफ से जबकि एक-दो ऊपर जंगल की तरफ से आते दिखे थे। घटना के बाद सभी आतंकी कहां गायब हो गए, पता नहीं चला। इसका मतलब कि वो स्थानीय संरक्षण में ही छिपे हैं। राहुल ने स्वजन की एक-एक बात गंभीरता से सुनी और घटना की बारीकी से जानकारी ली।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।