विकास दुबे की पत्नी रिचा ने प्रधान के खिलाफ दी शिकायत, पुलिस बोली- प्राइवेट व्यक्ति की तहरीर पर नहीं होगा मुकदमा
बिकरू कांड के आरोपी विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि उनकी सील कृषि भूमि पर खड़े यूकेलिप्टस के पेड़ कुछ लोगों ने काट दिए। पुलिस ने कटी हुई लकड़ी को कब्जे में लेकर जांच शुरू की है। रिचा दुबे ने आरोप लगाया कि जमीन की देखरेख में लगे ग्राम प्रधान और अन्य लोगों ने मिलकर पेड़ काटे हैं।

जागरण संवाददाता, कानपुर। बिकरू कांड के आरोपी गैंग्सटर विकास दुबे की सकरवां गांव स्थित सील कृषि भूमि पर खड़े यूकेलिप्टस के हरे पेड़ बुधवार को कुछ लोगों ने काट दिए। जानकारी पर विकास की पत्नी रिचा दुबे ने तहसीलदार व ककवन पुलिस से शिकायत की।
इस दौरान पेड़ काट रहे लोग लकड़ी छोड़कर मौके से फरार हो गए। पुलिस ने कटी हुई लकड़ी को कब्जे में लेकर जांच पड़ताल शुरू की।
यह है पूरा मामला
विकास दुबे ने सकरवां गांव में 14 बीघा कृषि भूमि खरीदी थी, जो उसकी पत्नी रिचा और बेटे आकाश व शांतनु के नाम है। एनकाउंटर में विकास दुबे के मारे जाने के बाद प्रशासन ने जमीन सील कर अपने कब्जे में ले ली थी। उक्त जमीन देखरेख के लिए ग्राम प्रधान के सुपुर्द की गई है।
रिचा दुबे ने पुलिस को बताया कि उक्त जमीन पर खड़े यूकेलिप्टस के 15-20 वर्ष पुराने पेड़ों को इंद्रमणि निवादा, सकरवां निवासी श्रीकांत दीक्षित उर्फ पुत्तन पुत्र कृष्ण कुमार दीक्षित उर्फ कुटकून, अरुण कुमार तिवारी पुत्र शिवनारायण, दीपू दीक्षित पुत्र बब्बू दीक्षित व सकरवां ग्राम प्रधान सुशील कुमार द्विवेदी ने चोरी छिपे कटवा दिया।
गांव के लोगों से जानकारी मिलने पर उन्होंने तहसीलदार व पुलिस को सूचना दी। उन्होंने पेड़ काटने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और कटी हुई लकड़ी को ग्राम प्रधान को छोड़कर किसी अन्य के सुपुर्द किए जाने की मांग की।
उच्च अधिकारियों तक पहुंची बात
तहसीलदार तिमिराज सिंह ने बताया कि राजस्व टीम को मौके पर भेजकर लकड़ी को ग्राम प्रधान की सुपुर्दगी में दिया गया है। मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी गई है।
थाना प्रभारी धर्मेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि कटी हुई लकड़ी को कब्जे में लेकर थाने में लाने की व्यवस्था की जा रही है।
न्यायालय में चल रहा जमीन का विवाद
गांव निवासी श्रीकांत दीक्षित ने यूकेलिप्टस के दो पेड़ ठेकेदार को बिक्री किए जाने की बात कबूल की है। श्रीकांत का कहना है कि पत्नी मुन्नी देवी से उक्त जमीन को भांजे शशिकांत ने धोखे से अपने नाम वसीयत करा ली थी और उसके बाद उसकी बिक्री विकास दुबे को कर दी। इसका न्यायालय में वाद चल रहा है।
श्रीकांत के मुताबिक, उक्त पेड़ उसने ही लगाए थे। केवल जमीन पर मुकदमा चलने और पेड़ों पर कोई मुकदमा न होने के कारण ही उसने पेड़ एक ठेकेदार को बिक्री किए थे।
सरकारी कब्जे में है जमीन
थाना प्रभारी के मुताबिक, अभी रिचा दुबे की ओर से कोई तहरीर नहीं मिली है। जमीन सरकारी कब्जे में है। इसके चलते किसी प्राइवेट व्यक्ति की तहरीर पर मुकदमा दर्ज नहीं किया जाएगा। अधिकारियों को मामले से अवगत कराया गया है। उनके निर्देश और सरकारी वकील से परामर्श के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
ग्राम प्रधान सुशील कुमार द्विवेदी ने बताया कि उक्त जमीन उनकी देखरेख में है और जैसे ही पेड़ काटे जाने की जानकारी मिली। उन्होंने तुरंत श्रीकांत दीक्षित को लकड़ी उठाने से मना कर दिया था। उनके ऊपर लगाया जा रहा आरोप निराधार है।
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