प्रदूषण की जांच या कुछ और... विजिलेंस टीम ने सवालों की लिस्ट थमाकर मांगा जवाब, ऑफिस में मची खलबली
कानपुर में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यालय में विजिलेंस विभाग की कथित जांच से हड़कंप मच गया है। विजिलेंस टीम ने कर्मचारियों से 20 सवालों की लिस्ट देकर जवाब मांगे हैं जिस पर क्षेत्रीय अधिकारी ने मुख्यालय को पत्र लिखकर जांच के आधार पर सवाल उठाए हैं। अधिकारी ने कहा कि विजिलेंस द्वारा मांगी गई जानकारी उनके कार्यालय से संबंधित नहीं है।

जागरण संवाददाता, कानपुर। भ्रष्टाचार और गोपनीय मामलों की पड़ताल करने वाली विजिलेंस (सतर्कता) विभाग की एक कथित जांच को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। निशाने पर है प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड। बीती 26 और 27 अगस्त को विजिलेंस टीम के दो अधिकारियों ने कल्याणपुर स्थित बोर्ड दफ्तर में दो दिन तक जाकर छानबीन की। छापेमारी से बाबुओं से लेकर महिला कार्मिक तक सदमे में रहे।
कार्रवाई के दौरान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी मीटिंग में गए थे, उसी दौरान कथित विजिलेंस टीम ने बिना किसी उच्च अधिकारी की मौजूदगी में सीधे कर्मचारियों से सवाल-जवाब शुरू कर दिए।
करीब 20 सवालों की लिस्ट थमाई गई और लिखित जवाब मांगे गए। दो दिन तक चली पूछताछ के बाद विजिलेंस टीम नोटिस देकर लौट गई, लेकिन दफ्तर में दहशत का माहौल छोड़ गई।
इधर क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी अजीत कुमार सुमन ने विजिलेंस के नोटिस का जवाब देने से पहले मुख्यालय को पत्र भेज दिया है। उन्होंने लिखा कि विजिलेंस जिन बिंदुओं पर जानकारी मांग रही है, उनका दफ्तर से कोई वास्ता नहीं है।
जो 20 सवाल उनसे पूछे गए हैं, वह विभागीय और व्यक्तिगत हैं। विजिलेंस की जांच किस आधार पर की जा रही है, इसका कोई कारण नोटिस में स्पष्ट नहीं हैं। वहीं, जिन सवालों के जवाब मांगे गए हैं, उनका कार्यालय से कोई संबंध नहीं हैं।
बायो मेडिकल कचरे के निस्तारण की जिम्मेदारी तो शासनादेश के अनुसार मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) कार्यालय की है और वही इसके नोडल अधिकारी हैं। यानी मामला सीएमओ कार्यालय का है। एक ओर बोर्ड कह रहा है कि यह उनका काम ही नहीं, तो दूसरी ओर विजिलेंस चुप्पी साधे बैठी है।
वहीं, विजिलेंस विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि उन्होंने हाल ही में चार्ज संभाला है और यह उनकी पहली तैनाती है। ऐसे में किस स्तर से नोटिस जारी हुआ, इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
नोटिस में अज्ञात शिकायतों को बताया जांच का आधार
विजिलेंस विभाग के लेटर पैड पर जो नोटिस प्रदूषण नियंत्रण विभाग को दिया गया है, उसमें अज्ञात शिकायतों को जांच का आधार बताया है। नोटिस में पुलिस अधीक्षक विजिलेंस के नाम से हस्ताक्षर किए गए हैं।
तीन पन्नों के नोटिस में केवल जांच अधिकारी को प्रतिलिपि का उल्लेख करते हुए सात दिनों में जांच रिपोर्ट मांगी गई हैं। इस पत्र को लेकर विजिलेंस विभाग के अधिकारी कोई जवाब नहीं दे रहे हैं।
विजिलेंस के नाम पर एक पत्र मिला है, जिसमें 20 सवालों के जवाब मांगे गए हैं। बिना किसी पूर्व सूचना के कार्यालय में आकर बाबुओं और कर्मचारियों से पूछताछ की गई है। इस मामले में मुख्यालय को पत्र भेजकर जानकारी दी गई हैं। -अजीत कुमार सुमन, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी।
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