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    Fatehpur Video: कंधे पर चारपाई रख प्रसूता को ले गए अस्पताल, समय से नहीं पहुंचे तो चली गई जान, वीडियो वायरल

    By Abhishek VermaEdited By:
    Updated: Mon, 22 Aug 2022 09:45 PM (IST)

    फतेहपुर का एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है जिसमें एक प्रसूता को इलाज लिए लाेग चारपाई पर ले जा रहे हैं।बताया जा रहा है कि यह वीडियो भुसुवा डेरा का 19 अगस्त का है। मामला सामने आते ही क्षेत्र में विकास के दावों की पोल खुल गई है।

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    गांव में पक्का रास्ता न होने से नहीं पहुंवी एंबुलेंस।

    फतेहपुर, जागरण संवाददाता। Fatehpur News: कहने को विकास सरपट गति से दौड़ रहा है, लेकिन यमुना कटरी क्षेत्र के गांवों की स्थिति आज भी बद से बदतर है। असोथर ब्लाक की सरकंडी ग्राम सभा में कई डेरे और मजरे ऐसे हैं, जहां पहुंचने के लिए रास्ता तक नहीं है। वर्षा ऋतु में इन गांवों में पहुंचने का एक मात्र तरीका पद यात्रा ही है। गंभीर बात यह है कि डेरे और मजरों में जब कोई बीमार होता है तो वहां एंबुलेंस या कोई वाहन नहीं पहुंच पाता। 

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    सोमवार की शाम इंटरनेट मीडिया में एक ढाई मिनट का वीडियो वायरल हुआ है, जो गांव विकास की सच्चाई खोल रहा है। वायरल वीडियो में गांव के लोग प्रसूता को चारपाई में लेकर सड़क की ओर पगडंडी व खेतों को पार कर पहुंच रहे हैं। 

    वायरल वीडियो की जागरण ने पड़ताल किया तो पता चला कि यह वीडियो सरकंडी के मजरे भुसुवा डेरा का है। गांव के  हीरालाल ने बताया कि 19 अगस्त को चाची सुनीला पत्नी ननबुद निषाद को प्रसव पीड़ा  हुई थी। सुबह साढ़े छह बजे एंबुलेंस सेवा के लिए 108 से मदद मांगी गई थी लेकिन गांव का रास्ता खराब होने के कारण एंबुलेंस नहीं आई। जिसके बाद वह गांव के लोगों के साथ मिलकर चाची को चारपाई में लेकर उदला डेरा तक एक किलोमीटर कंधे पर ले गये।

    वहां से निजी वाहन से असोथर पीएचसी पहुंचाया, लेकिन तबियत ज्यादा बिगड़ चुकी थी, जिससे जिला महिला अस्पताल रेफर कर दिया। वहां भी हालत नहीं सुधरी तो सब लोग कानपुर लेकर जा रहे थे, रास्ते में चाची ने दम तोड़ दिया। कहा कि  गांव में सड़क होती तो शायद उनकी चाची बच जाती। गांव के लोगों की मांग है कि और जानें न जाएं इसके लिए गांव से मुख्य रास्ते सड़क बनवाई जाए।  

    ग्राम  सभा में 185 मजरे-डेरे

    ग्राम प्रधान पुष्पा द्विवेदी का कहना है कि गांव सभा में 185 डेरा व मजरे हैं। अधिकांश डेरा व मजरे भूमिधरी पर बसे हैं। 85 से अधिक मजरे ऐसे हैं जो भूमिधरी की जमीनों में बसे हैं, जिससे वहां पहुंचने का सार्वजनिक रास्ता नहीं है, बिना भूमि अधिग्रहण किये रास्ता बन पाना संभव नहीं है।जिसमें खौंहाई, बद्री का डेरा, भगौता का डेरा, द्वारिका का डेरा, लोहारनडेरा, पासिन डेरा आदि में आज भी पहुंच मार्ग नहीं है। 

    पहले भी वीडियो हुए हैं वायरल 

    पिछले साल बबुआ का डेरा व पासिनडेरा उर्फ तेली कुआं के बीमारों को अस्पताल पहुंचाने के लिए चारपाई में ले जाते हुए वीडियो वायरल हुआ था। जिसको लेकर विपक्ष ने यूपी सरकार के विकास पर सवाल उठाया था। तब इन डेरों को नई बसावट योजना से साढ़े तीन किलोमीटर की सड़क का निर्माण कर आवागमन सुविधा बहाल की गई थी। यह सड़क रणधीर सिंह के डेरा से बाबू सिंह के डेरा होकर लक्ष्मणपुर कुटी मार्ग से जोड़ा गया था।