जीएसटी पोर्टल से ही अपलोड होगी वाहन संख्या
ई-वे बिल के दायरे में आने वाली वस्तुओं के परिवहन पर ई-वे बिल जेनरेट करना और उसे साथ रखना अनिवार्य है। ऐसा न करने पर अधिकारी माल व वाहन दोनों सीज कर सक ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, कानपुर : ई-वे बिल के दायरे में आने वाली वस्तुओं के परिवहन पर ई-वे बिल जेनरेट करना और उसे साथ रखना अनिवार्य है। ऐसा न करने पर अधिकारी माल व वाहन दोनों सीज कर सकते हैं। यह जानकारी गुरुवार को चार्टर्ड एकाउंटेट आशीष बंसल ने कानपुर इनकम टैक्स बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित गोष्ठी में दी।
उन्होंने बताया कि ई-वे बिल के दोनों पार्ट पूरी तरह भरे होने चाहिए। वाहन संख्या को विभागीय वेबसाइट से ही लोड किया जाना चाहिए। इसे हाथ से नहीं लिखा जा सकेगा। उनके अनुसार ट्रांसपोर्टर वाहन बदलने की जानकारी अपनी आइडी के जरिये वेबसाइट पर अपडेट कर सकेंगे। वे उसकी वैधता की अवधि भी बढ़ा सकते हैं। ई-वे बिल न होने या पूरी तरह न भरे जाने पर अधिकारी कारण बताओ नोटिस जारी कर सकते हैं। चेयरमैन संतोष कुमार गुप्ता ने बताया कि ई-वे बिल माल भेजने या पाने वाले कारोबारी के अलावा ट्रांसपोर्टर भी जेनरेट कर सकते हैं। ट्रांसपोर्टर के व्यापार स्थल में 50 किमी तक ई-वे बिल का पार्ट ए भरकर माल भेजा जा सकता है। पार्ट बी ट्रांसपोर्टर को भरना होगा। माल को वजन के लिए 10 किमी तक बिना ई-वे बिल धर्मकांटा पर भेजा जा सकता है। इस माल के साथ डिलीवरी चालान कारोबारी को भेजना होगा। एसोसिएशन के अध्यक्ष अतुल मेहरोत्रा ने बताया कि अगर वाहन पर लदे सभी वस्तुओं का मूल्य 50 हजार रुपये या उससे ऊपर है तो ट्रांसपोर्टर को ई-वे बिल जेनरेट करना होगा। संचालन महामंत्री रियाजुद्दीन जुनैदी ने किया। उपाध्यक्ष अलिंद पी गुप्ता, डॉ. राजेश मेहरा, सुनील त्रिवेदी, पवन कुमार गुप्ता, शशि बाजपेई, शैलेंद्र सचान, हिमांशु सिंह, गोपाल कृष्ण गुप्ता, विश्राम सिंह यादव, संतोष श्रीवास्तव, एचएस लाम्बा आदि रहे।

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