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    घर के अंदर वृद्ध पति-पत्नी की दर्दनाक मौत, चूल्हे ने बयां की हकीकत तो देखने वालों के निकले आंसू

    By Abhishek AgnihotriEdited By:
    Updated: Tue, 11 May 2021 06:37 PM (IST)

    घाटमपुर के हथेरुआ गांव में बंद घर में मृत पड़े मिले वृद्ध दंपती पड़ोसियों ने दरवाजा खोलकर देखा तो कई दिन पुराने शव सड़ चुके थे। खांसी-जुकाम और सांस ले ...और पढ़ें

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    बेटा-बहू के साथ छोड़ने पर अकेले रहते थे दंपती।

    कानपुर, जेएनएन। घाटमपुर में वृद्ध दंपती की मौत ने इंसानियत, संवेदना और मदद जैसे शब्दों को भी शर्मसार कर दिया। घर के अंदर चूल्हे ने उनकी दर्दनाक मौत की हकीकत बयां की तो देखने वालों के आंसू निकल आए। कहते हैं कि बेटा बुढ़ापे का सहारा बनता है लेकिन इन बूढ़े माता-पिता काे तो बेटे ने भी छोड़कर अलग घर बसा लिया था। अकेले घर में रहने वाले वृद्ध दंपती करीब पंद्रह दिन से बीमार थे और सांस लेने भी तकलीफ थी। काफी दिन से बाहर नजर न आने पर मंगलवार की सुबह पड़ोसियों ने दरवाजा खोला तो चारपाई पर वृद्ध और पास में पानी लेने के लिए बर्तन हाथ में लिये वृद्धा का शव जमीन पर पड़ा देखा तो दिल दहल गए।

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    बेटे बहू ने छोड़ दिया था बुजुर्ग दंपती का साथ

    हथेरुआ गांव में मुरली संखवार (80) अपनी पत्नी रामदेवी (75) के साथ रहते थे। उनका बेटा बिहारी गांव के बाहर एक आश्रम में रहता है। बिहारी की पत्नी बेटे अरविंद और बहू साधना के साथ गांव में दूसरे घर में रहती है। दोनों घर की दूरी करीब एक किलोमीटर है। साधना ने बताया कि बाबा मुरली और दादी रामदेवी को पांच दिन पहले बुखार आया था और खांसी भी आ रही थी। वह उसी दिन देखने आई थी। उस दिन बीमारी की वजह से उन्होंने खाना भी नहीं खाया था, इसके बाद दोबारा वह नहीं आई। बीते चार दिन से उनके घर कोई नहीं गया था।

    पड़ोसियों को घर में मिले शव

    मंगलवार सुबह साधना फिर पहुंची तो घर का अंदर से दरवाजा बंद था। काफी देर बुलाने के बाद भी दरवाजा नहीं खुला तो पड़ोसी लड़के दीवार फांदकर अंदर दाखिल हुए। दरवाजा खोलकर गांव वाले घर में दाखिल हुए तो सन्न रह गए। चारपाई पर मुरली का शव पड़ा था और कुछ दूरी पानी का बर्तन हाथ में लिये रामदेवी की लाश पड़ी थी। शवों से तेज बदबू आने के चलते तीन-चार दिन पहले मौत होने की शंका जताई जा रही थी।

    चूल्हे ने खोली भूखे रहने की हकीकत

    वृद्ध दंपती को खांसी-जुकाम और सांस लेने में तकलीफ की जानकारी के बाद घरवालों ही नहीं बल्कि पड़ोसियों ने भी दूरी बना ली थी। मंगलवार को दरवाजा खोलकर गांव वाले अंदर गए तो चूल्हे ने पूरी हकीकत बयां कर दी। साफ पड़ा चूल्हा कई दिन से जलाया ही नहीं गया था, इससे साफ है कि बीमार दंपती ने कई दिन से खाना भी बनाकर नहीं खाया था। घर के अंदर शायद दोनों पानी पीकर ही बीमारी के दिन काट रहे थे, इसकी हकीकत पानी का बर्तन हाथ में लिये पड़ी वृद्धा का शव बयां कर रहा था। घरवाले हो या पड़ोसी किसी ने न तो बीमारी का इलाज कराना मुनासिब समझा और न ही खाना देने की सुध की।

    इंसानियत को शर्मसार करने वाली इस घटना पर गांव वालों में बीमारी और भूख से वृद्ध दंपती की मौत होने की चर्चा तेज रही। गांव वालों का कहना है कि अकेले रह रहे वृद्ध पति और पत्नी दोनों एक दूसरे का ही सहारा थे। फिलहाल किसी ने पुलिस को भी सूचना नहीं दी है और एसडीएम अरुण कुमार का कहना है कि घटना की जानकारी नहीं है, राजस्व कर्मी को गांव भेजकर पता कराया जा रहा है।