UP Flood: उत्तर प्रदेश में बाढ़ से बर्बादी, दो सौ से ज्यादा गांव डूबे, हजारों एकड़ फसल चौपट, दम तोड़ रही जिंदगी
UP Flood उत्तर प्रदेश में नदियों में बाढ़ की वजह से सड़क व रपटों के ऊपर से पानी बह रहा है। फसलें जलमग्न हो गईं हैं। यमुना गंगा से लेकर केन चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। लोगों को गांव छोड़ना पड़ा। फसल बर्बाद हो जाने से किसान ने आत्महत्या तक कर ली।

जागरण टीम, कानपुर। उत्तर प्रदेश में यमुना, गंगा सहित कई सहायक नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। यमुना में आई बाढ़ के चलते फतेहपुर में कानपुर-बांदा मार्ग पर आवागमन ठप है। किशुनपुर-दांदो यमुना पुल का पहुंच मार्ग टूट जाने से इस पुल से भी यातायात बंद हो गया। दो सौ से ज्यादा गांव डूब गए और हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गई। नदियों के बहाव में लोग फंसकर मर रहे हैं। हमीरपुर से लेकर कन्नौज, कानपुर देहात तक बाढ़ से बर्बादी का मंजर अब और भयावह होता जा रहा है। पढ़ें ये रिपोर्ट...।

यमुना पुल के किनारे की बाढ़ के चलते बही मिट्टी। जागरण
औरैया में सेंगुर नदी का जलस्तर बढ़ा
औरैया के गांव चिमकुनी क्षेत्र से होकर निकली सेंगुर नदी में पानी बढ़ गया है। जिससे आसपास की फसलें जलमग्न हो गई है और किसान परेशान है। इधर, बाढ़ से अयाना क्षेत्र के बीहड़ के गांव जुहीखा के 204 घरों में से 26, असेवा के 236 घरों में छह, फरिहा के 158 घरों में से 100, बीझलपुर के 252 घरों में से 34 व बड़ी गूंज के 44 घरों में 26 घर बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। सभी पीड़ितों को सुरक्षित स्थान पर ठहराया गया है।

बारिश से गिरा कच्चा मकान। जागरण
यमुना का जलस्तर खतरे से ऊपर
रविवार दोपहर दो बजे जल स्तर 114.74 मीटर दर्ज हुआ। अभी भी खतरे के निशान से 1.74 मीटर ऊपर बह रही है। 20 अधिक गांवों की सैकड़ों एकड़ फसलें डूब चुकी है। कच्चे मकान गिर रहे है। बाढ़ से से सबसे ज्यादा प्रभावित गांव सिकरोड़ी स्थित राहत शिविर में 200 लोगों को रुकने का इंतजाम किया गया है। करीब एक दर्जन से अधिक गांवों की बिजली आपूर्ति काट दी गई है। गोहानी कलां संपर्क मार्ग पर रपटा पुलिया के पास अभी पानी भरा है।

पैलानी डेरा मरझा संपर्क मार्ग पर भरे बाढ़ के पानी में नौनिहाल बच्चे, महिलाएं व बाइक धुलता युवक। जागरण।
बांदा में केन व यमुना नदी ने मचाई तबाही
मध्य प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों व जनपद में हुई वर्षा से केन व यमुना नदियों में बाढ़ है। केन नदी का खतरे का निशान जहां 103 मीटर है। यमुना नदी अपने खतरे के निशान चिंहित 100 मीटर से दो मीटर ऊपर 102.43 मीटर पर बह रही है। केन व यमुना नदियों का जलस्तर बढ़ने से सहायक नदियां चद्रावल, बागेन व रंज नदियां भी उफान पर हैं। पैलानी तहसील क्षेत्र में केन नदी ,यमुना नदी और चंद्रावल नदी की बाढ़ के चलते क्षेत्रीय गांव के सभी मार्ग बंद हो गए हैं इन गांव में गुजरने के लिए 30 किलोमीटर का मात्र एक ही रास्ता रामपुर बुधेड़ा होते हुए काना खेड़ा तक जाने का सिर्फ बचा है।

स्टीमर से बाढ़ प्रभावित इलाकों की जानकारी लेते जल शक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद। ग्रामीण
जल शक्ति राज्य मंत्री ने किया निरीक्षण
जल शक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद लगातार पैलानी तहसील अंतर्गत गांव में अपने समर्थकों के साथ स्टीमर से भ्रमण कर बाढ़ प्रभावित इलाकों में चना ,लाई ,पूडी़ , सब्जी बांटने का काम कर रहे हैं। चिल्ला कस्बे में मुख्य बाजार में आए बाढ़ के पानी की वजह से छोटी नाव चल रही है नाविकों के पास लाइफ जैकेट न होने से वह दिव्यांगों को अपनी पीठ पर लादकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का काम कर रहे हैं। इसी तरह लाइफ सपोर्ट जैकेट के बिना नाव में बैठकर बाढ़ प्रभावित इलाकों में लेखपाल व पंचायत सचिव शंकरपुरवा नांदा देव आदि गांव में पहुंचकर लोगों का हाल जानने का प्रयास कर रहे हैं ।

नाव से बाढ़ की निगरानी करते एसडीएम मऊ टीम के साथ। जागरण
सभी जगह राजस्व टीमों को भेज कर प्रभावित लोगों की व्यवस्था कराई जा रही है। बाढ़ की स्थिति की रिपोर्ट भी तैयार की जा रही है। साथ ही बाढ़ से बचाव के लिए गाइड लाइन भी जारी की गई है।
जे. रीभा डीएम, बांदा
कोट-खागा मार्ग पर दरियापुर गांव समीप बने बाढ़ में डूबे पक्का पुल के पहुंच मार्ग से होकर निकलते ग्रामीण। जागरण
फतेहपुर में दीवार ढहने से वृद्ध की मौत
खखरेडू थाना क्षेत्र में सुबह से हो रही वर्षा के चलते कच्चा मकान गिरने से बुजुर्ग की दबने से दर्दनाक मौत हो गई। किशनपुर थाने के चिरई गांव में भारी बारिश के चलते रियासत अली का कच्चा मकान दोपहर लगभग 3 बजे अचानक भर भरा कर ढह गया। चपेट में आने से थाना क्षेत्र के सुदेशरा गांव निवासी इसराइल उर्फ़ टिल्लू पुत्र मोहम्मद सिद्दीकी उम्र लगभग 58 वर्ष कि चपेट में आ जाने की वजह से मौत हो गई। पूरा मकान गिरने की वजह से घर पर रखा खाने पीने का पूरा सामान दबकर बर्बाद हो गया।
चित्रकूट में मंदाकिनी में भी उफान
चित्रकूट जनपद में 24 घंटे से अधिक समय से लगातार बारिश हो रही है। यमुना नदी में तो पहले से उफान था, अब बारिश के कारण मंदाकिनी, बरदहा व बागे नदी भी बाढ़ में है। मंदाकिनी का पानी रामघाट में दुकानों को भर गया है। वहीं यमुना ने 50 से अधिक गांवों को घेर रखा है। करीब 100 परिवार को सुरक्षित स्थान में विस्थापित किया गया है। मानिकपुर विधायक ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों को दौरा किया है।
कानपुर देहात में 30 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में
कानपुर देहात में यमुना में उफान से 30 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए है। पानी अब धीरे धीरे कम होने लगा है लेकिन गांवों में अभी राहत नहीं मिली है।सबसे मुश्किल राहत सामग्री में आ रही है लोगों को तिरपाल, मोमबत्ती व प्रकाश के लिए अन्य कोई इंतजाम नहीं मिल पा रहा है।ग्रामीण अपने ही भरोसे सब जुटा रहे हैं व बाकी कुछ समाजसेवी कर रहे।नाव भी कम चल रही है।आफत में प्रशासन का साथ कम मिल पा रहा जिससे परेशानी बढ़ती जा रही है। वहीं लंच पैकेट का ही वितरण अधिक हो रहा बाकी सामान कम मिल पा रहा है।

भरेह गांव में पानी भरने के कारण डूबे मकान व दुकानें। जागरण
इटावा में चंबल, क्वारी व सिंध खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं
इटावा में चंबल, क्वारी और सिंध नदियों का बहाव खतरे के निशान से ऊपर जारी रहा। इससे राहत तो मिली, मगर पीछे छूटे दलदली हालात और टूटे-फूटे रास्ते अब लोगों की नई मुसीबत बन गए हैं। उधर, चंबल नदी 120.99 मीटर पर बह रही है, जो खतरे के निशान 120.80 मीटर से 0.19 मीटर ऊपर है। सिंध नदी 121.25 मीटर पर है, जो 0.95 मीटर अधिक है। क्वारी नदी सबसे अधिक 3.43 मीटर ऊपर बह रही है। केवल यमुना नदी का जलस्तर 1.5 मीटर नीचे चला गया है, जिससे कुछ इलाकों को राहत जरूर मिली है। लखना-सिंडौस मार्ग पर सहसों के पास बाढ़ के कारण संपर्क मार्ग धसक गया, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित हो गया। वहीं, फसलों के नष्ट होने से पशुओं के चारे की समस्या खड़ी हो गई है।

पथार गांव में छत पर शरण लिए लोग व नाव से जाते लोग। जागरण
फर्रुखाबाद में बाढ़ में घिरे गांव, सड़क किनारे लोगों ने डाला डेरा
गंगा का जलस्तर बढ़ने से गांवों के संपर्क मार्गों पर बाढ़ का पानी पहुंच गया। तराई क्षेत्र के चार गांव में अंदर तक पानी पहुंचने लगा है। ग्रामीण सड़क किनारे सुरक्षित स्थान पर पहुंचने लगे हैं। ढाई घाट गंगा तट पर पंडों की राउटी बाढ़ के पानी से घिरी हुई हैं। गंगा की बाढ़ का पानी अजीजाबाद, कटरी तौफीक, अचानकपुर, भगवानपुर आदि गांव के संपर्क मार्गों पर बह रहा है। लोगों को आवागमन करने में दिक्कत हो रही है। समैचीपुर, साधौसराय, कमथरी, पैलानी दक्षिण गांव के अंदर भी पानी पहुंचने लगा है। जिस पर साधौसराय के ग्रामीण ढाई घाट पर डेरा जमाने लगे हैं। तहसीलदार विक्रम सिंह ने बताया कि पुल के पूरब की ओर घाट पर बाढ़ का पानी आ गया है।
फतेहपुर में बाढ़ देखने गई किशोरी की डूबकर मौत
फतेहपुर में हमीरपुर जनपद के कलुवा डेरा मजरा धुंधपुर गांव से ससुराल से गुडिया त्योहार करने अपने गांव आई सुमन देबी आई थी। शनिवार शाम सुमन देवी की 8 वर्षीय पुत्री मोहिनी छोटे छोटे बच्चों के साथ नोन नदी में बाढ़ देखने गई थी तभी किशोरी का पैर फिसलने से डूब गई। अन्य बच्चों ने शोर मचाया तो बकरी चरा रहे ग्रामीणों ने बडी मशक्कत के बाद शव झाड़ियों में एक बच्ची का शव फंसा मिला।
बांदा में मुंह धोते समय प्रधानाध्यापिका नहर में बहीं
बांदा में प्राथमिक विद्यालय सकरिहा पुरवा में तैनात प्रधानाध्यापिका मृदुला गर्ग नहर में बह गईं। तबीयत खराब होने से वह अवकाश लेकर जा रही थीं और रास्ते में नहर में हाथ धोते समय फिसल गईं। गोताखोर उनकी तलाश कर रहे हैं।
हमीरपुर में घर गिरने से ग्रामीण की मौत
वहीं, हमीरपुर के ऐंझी में मकान ढहने से मलबे में दबकर 57 वर्षीय जगदीश यादव की मौत हो गई। खनिज अधिकारी का रसोइया डिग्गी मुहल्ला निवासी 30 वर्षीय इंद्रप्रकाश का शव शनिवार सुबह बाढ़ के पानी में उतराता मिला।
बाढ़ के पानी में बच्चा डूबा
महुआपुर गांव में रामराज निषाद का ढाई साल का पुत्र कपिल घर के बाहर भरे बाढ़ के पानी में डूब गया। वह कानपुर के अस्पताल में में भर्ती है।


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