UP Flood: बाढ़ की दिल दहला देने वाली ये 5 तस्वीरें, नदियों के बहाव में जिंदगी-मौत की जंग
UP Flood उत्तर प्रदेश में बाढ़ का कहर जारी है। इटावा से लेकर हमीरपुर बांदा और फतेहपुर तक बाढ़ हजारों लोगों को जिंदगी भर का जख्म दे रही है। यमुना से लेकर गंगा चंबल केन नदी का बहाव कहर साबित हो रहा। इस बाढ़ में दिल दहला देने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं।

जागरण टीम, कानपुर। UP Flood: पहाड़ों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में बारिश और बाढ़ से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। प्रदेश की गंगा, यमुना, चंबल, केन सहित सारी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। शहर से लेकर गांव तक जलमग्न हो रहे हैं। बाढ़ से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। इसी बाढ़ के बीच से दिल दहला देने वाली 5 तस्वीरें सामने आई हैं।

हमीरपुर में बाढ़ ने गांव को डूबा दिया। घर डूब गया। किसी तरह से जो समान बचा सके उसे उठाया और सुरक्षित स्थान की ओर निकल पड़े। इस दौरान बुजुर्ग और बच्चे अपने घर को लगातार निहारते रहे। उन्हें आस है बस बाढ़ के पानी उतरने की। यह तस्वीर हमीरपुर में जागरण संवाददाता ने कैद की।

यह दूसरी तस्वीर है, हसवा ब्लाक के घनघौल गांव की। यहां पर गांव में बाढ़ का पानी भरने लगा तो लोग घर छोड़ने को मजबूर हो गए। गली और सड़कों में पानी भर गया। धीरे-धीरे पानी घरों के अंदर बढ़ना शुरू हो गया। लोग सुरक्षित स्थान पर जाने लगे। इस बीच जब प्रशासन की तरफ से मदद नहीं मिली तो घर के बुजुर्ग को गोद में उठाकर सुरक्षित स्थान के लिए भरे पानी से जाने लगा। यह तस्वीर प्रशासन की मदद की पोल खोलती है।

बाढ़ के पानी से जिंदगी सुरक्षित करने की जद्दोजहद करती इन महिलाओं की तस्वीर मैनूपुर से है। रानी पत्नी दिलीप दीक्षित की तबीयत खराब हो गई। चारों तरफ बाढ़ का पानी भरा था। किसी तरह से नाव का सहारा लिया गया। महिलाओं ने जान जोखिम में डालते हुए नाव से कालपी ले गईं।

बाढ़ ने मार्गों को पूरी तरह से बंद कर दिया है। घरों में एक मंजिल तक पानी भर गया। छत में लोगों को रहना पड़ रहा है। ऐसे में जरूरी काम से नाव ही सहारा है। ऐसे में जब नाव भी नहीं मिली तो पीवीसी के पाइप को जुगाड़ बनाया गया। पीवीसी के पाइप के बंडल के सहारे हरदौली में गांव से बाहर निकलते लोग।

बाढ़ की विभीषिका भी इन बच्चियों के मनोबल को तोड़ पाई। गांव और घर बाढ़ में समाने के बावजूद ये बच्चियां अपने भविष्य को सुरक्षित करने में कामयाब रहीं। घर के जरूरी सामान के साथ बच्चियां कापी किताबें ले आई। स्टेट हाईवे किनारे बने राहत शिविर आशियाने में पढ़ाई कर अपना भविष्य संवारती लक्ष्मी।

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