Move to Jagran APP

आइआइटी कानपुर ने अमेरिका के सहयोग से बनाया खास उपकरण जो दो रुपये में शोधित करेगा जल

iitk news आइआइटी के वैज्ञानिकों ने अमेरिका स्थित एमआइटी के सहयोग से जल शोधन करने की खास तकनीक विकसित की है । इससे कम लागत में अकार्बनिक प्रदूषण मुक्त पानी तैयार होगा इस उपकरण का पेटेंट भी करा लिया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 07 May 2022 11:22 AM (IST)Updated: Sat, 07 May 2022 11:22 AM (IST)
आइआइटी कानपुर ने अमेरिका के सहयोग से बनाया खास उपकरण जो दो रुपये में शोधित करेगा जल
आइआइटी कानपुर में उपकरण का पेटेंट भी कराया है।

कानपुर, जागरण संवाददाता। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) के वैज्ञानिकों ने अमेरिका के एमआइटी (मेसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान) के सहयोग से ऐसा उपकरण विकसित किया है, जो कम कीमत में तेजी से जल शोधित करेगा। यह डिवाइस दो रुपये प्रति लीटर से कम लागत पर अकार्बनिक प्रदूषण मुक्त पानी का उत्पादन कर सकेगी। भविष्य में यह पानी की उपलब्धता और गुणवत्ता की निगरानी में आने वाली चुनौतियों को भी दूर करेगा। इस उपकरण को पेटेंट भी कराया गया है।

loksabha election banner

आइआइटी में पृथ्वी विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. इंद्र शेखर सेन व संस्थान की इन्क्यूबेटेड कंपनी कृत्सनम टेक्नोलाजीज के संस्थापक के. श्रीहर्षा ने एमआइटी टाटा सेंटर के एमिली बैरेट हैनहासर, एमआइटी में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. रोहित एन. कार्णिक, प्रो. अनास्तासियोस जान हार्ट, माइकल बोनो और वरिष्ठ प्रवक्ता चिंतन एच. वैष्णव के साथ मिलकर उपकरण विकसित किया है। इस तकनीक को ‘ए वेसल एंड ए मेथड फार प्यूरीफाइंग वाटर एंड मानीटरिंग क्वालिटी आफ वाटर’ नाम दिया गया है।

डा. इंद्र शेखर ने बताया, स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता देश की प्रमुख समस्या है। 844 मिलियन लोगों के पास पानी के बेहतर स्रोत नहीं हैं। वर्ष 2025 में यह स्थिति और बदतर हो सकती है। यही नहीं, दुनिया में जल प्रणालियों के सभी स्रोतों में ट्रेस प्रदूषक (सूक्ष्मजीव जो खाद्य प्रणाली में प्रवेश कर सकते हैं) पाए गए हैं। यह कैंसर, यकृत और गुर्दे की क्षति के साथ पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसी समस्या को हल करने के लिए यह उपकरण विकसित किया गया है। निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने कहा कि इस उपकरण से पानी की गुणवत्ता की निगरानी और शुद्धिकरण में मदद मिलेगी।

ऐसे काम करेगा उपकरण : डिवाइस (उपकरण) में बने शुद्धिकरण जार में आयन एक्सचेंज रेजिन युक्त द्रव्य होता है, जो अशुद्धियों को सोखता है और अकार्बनिक प्रदूषण मुक्त पानी का उत्पादन होता है। इसे बिजली के बिना भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसकी रखरखाव लागत शून्य है। डिवाइस का उपयोग पीने के पानी के अलावा खाद्य और पेय उद्योग, अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग, विआयनीकृत पानी के उत्पादन और कृषि जल निगरानी में भी किया जा सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.