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    UPSC Success Story: हेड कांस्टेबल का बेटा बना IPS अफसर, पहले ही प्रयास में मिली सफलता; खुशी से पिता ने बांटी मिठाई

    हेड कांस्टेबल संजय ने बताया कि दोपहर बेटे विशाल ने यूपीएससी की परीक्षा में सफल होने की फोन पर जानकारी दी। उसने बताया कि 296 रैंक मिलने पर आइपीएस में चयन हुआ है। बेटे का आइपीएस में चयन होने से खुश संजय ने साथी कर्मचारियों और एसीपी अजय त्रिवेदी को जानकारी दी। इस पर सभी ने उन्हें बधाई दी। साथी कर्मचारियों ने खुशी में एक दूसरे का मुंह मीठा कराया।

    By Arun Pandey Edited By: Riya Pandey Updated: Tue, 16 Apr 2024 06:37 PM (IST)
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    हेड कांस्टेबल का बेटा बना IPS अफसर

    संवाद सहयोगी, बिल्हौर। UPSC Result 2023: बिल्हौर में एसीपी कार्यालय में तैनात हेड कांस्टेबल के बेटे का यूपीएससी की परीक्षा में पहले प्रयास में ही 296 रैंक हासिल कर आइपीएस में चयन हुआ है। बेटे का पुलिस अधिकारी के पद पर चयन होने पर हेड कांस्टेबल को साथी कर्मचारियों और अधिकारियों ने बधाई दी।

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    फर्रुखाबाद के नीम करोरी निवासी संजय दुबे बिल्हौर के एसीपी कार्यालय में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं। वह मार्च माह में ही फिरोजाबाद से स्थानांतरित होकर बिल्हौर आए हैं।

    संजय ने बताया कि मंगलवार दोपहर बेटे विशाल ने यूपीएससी की परीक्षा में सफल होने की फोन पर जानकारी दी। उसने बताया कि 296 रैंक मिलने पर आइपीएस में चयन हुआ है। बेटे का आइपीएस में चयन होने से खुश संजय ने साथी कर्मचारियों और एसीपी अजय त्रिवेदी को जानकारी दी। इस पर सभी ने उन्हें बधाई दी। साथी कर्मचारियों ने खुशी में एक दूसरे का मुंह मीठा कराया।

    फिरोजाबाद से हुई प्राइमरी एजुकेशन

    संजय ने बताया कि परिवार में पत्नी रेनू दुबे ग्रहणी है। बड़े बेटे विशाल दुबे का आइपीएस में चयन हुआ है वहीं छोटी बेटी वैष्णवी फर्रुखाबाद के दयाल कालेज से फाइन आर्ट का डिप्लोमा कर रही है।

    उन्होंने बताया कि विशाल की प्राथमिक शिक्षा फिरोजाबाद से हुई है। कक्षा छह से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई उसने राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल बेंगलुरु से की है। इसके बाद स्नातक की पढ़ाई सेंट जोंस कालेज आगरा से पालिटिकल साइंस विषय से की है।

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    वर्ष 2022 में स्नातक करने के बाद बेटा सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए दिल्ली चला गया और वहां बिना कोई कोचिंग स्वयं पढ़ाई कर पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की है। इस समय बेटे की परास्नातक की पढ़ाई के साथ रैंक और बेहतर करने की तैयारी चल रही है। बेटे का आइएएस बनने का सपना है। विशाल ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और गुरुजनों को दिया है।

    संजय ने बताया कि बेटे का आइपीएस में चयन होने की जानकारी पर एसीपी ने उन्हें परिवार के साथ खुशी मनाने के लिए घर जाने की दो दिन की छुट्टी दी है।

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