UPSC Result : लाखों की नौकरी छोड़कर लंदन से लौटे प्रांजल, अब यूपीएससी में लहराया परचम
कानपुर के घाटमपुर के रहने वाले प्रांजल ने पहले प्रयास में यूपीएससी में 299वीं रैंक हासिल की है और साक्षात्कार में सेकेंड टापर रहे हैं। लंदन में पढ़ाई और लाखों की नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने यूपीएससी क्वालीफाई किया है।

कानपुर, जागरण संवाददाता। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा में शहर के प्रांजल श्रीवास्तव ने बिना कोचिंग पहली बार में सफलता का परचम लहरा दिया है। 299वीं रैंक हासिल करने के साथ उन्होंने साक्षात्कार में 204 अंक पाकर सेकेंड टापर होने का गौरव भी हासिल किया। मूलरूप से घाटमपुर के पतारा निवासी प्रांजल के पिता अरविंद कुमार टीपीनगर के वर्मा रोडवेज ट्रांसपोर्ट कंपनी में चीफ अकाउंटेंट और मां शशि उन्नाव कलक्ट्रेट में प्रशासनिक अधिकारी हैं। पूरा परिवार उन्नाव के प्रियदर्शिनी नगर में रहता है।
लंदन के इंपीरियल कालेज से एमटेक : प्रांजल ने 12वीं तक की पढ़ाई मैथाडिस्ट स्कूल से की। किशोर वैज्ञानिक छात्रवृत्ति योजना की परीक्षा में 249वीं रैंक हासिल की। सरकार ने छात्रवृत्ति दी और भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरू में प्रवेश लिया। यहां से सोलर सेल पर रिसर्च वर्क किया और मैटीरियल साइंस व फिजिक्स में बीएससी रिसर्च की डिग्री लेते ही संयुक्त राज्य ने लंदन के इंपीरियल कालेज से एमटेक करने के लिए 50 लाख रुपये की छात्रवृत्ति दी। इसके बाद प्रांजल एमटेक करने लंदन चले गए।
लाकडाउन में शुरू की तैयारी : लंदन से एमटेक की पढ़ाई पूरी कर वह भारत लौटे और लाखों रुपये के पैकेज पर बेंगलुरू में नौकरी की। लाकडाउन के दौरान घर आकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की और बिना कोचिंग प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा पास की। प्रांजल ने बताया कि साक्षात्कार की तैयारी के लिए उत्कर्ष एकेडमी से मार्गदर्शन लिया।
साक्षात्कार में पूछे लंदन से जुड़े सवाल : साक्षात्कार में लंदन के बारे में कई सवाल पूछे गए थे। रिसर्च और अच्छी नौकरी छोड़ने का कारण भी पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अब देश के लिए कुछ करेंगे। साक्षात्कार में 275 में से 204 अंक मिले। प्रांजल ने बताया कि आइएफएस (इंडियन फारेन सर्विसेज) मिलने की उम्मीद है।
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