यूपीसीए की वर्चुअल एजीएम में सभी मुद्दे बहुमत से हुए पास, जस्टिस शिवकीर्ति सिंह बने लोकपाल
यूपीसीए की 30 दिसंबर को वर्चुअल वार्षिक आम सभा हुई थी। इस एजीएम में सभी प्रस्ताव को पास कराने के लिये बैलेट पेपर से हुए चुनाव में सभी 16 बिंदुओं पर पूर्ण बहुमत हासिल करते हुए संघ के आला अधिकारियों ने बड़ी कामयाबी हासिल की है।

कानपुर, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) की 30 दिसंबर को वर्चुअल वार्षिक आम सभा (एजीएम) भले ही विवादों में रही हो। लेकिन, एजीएम में सभी प्रस्ताव को पास कराने के लिये बैलेट पेपर से हुए चुनाव में सभी 16 बिंदुओं पर पूर्ण बहुमत हासिल करते हुए संघ के आला अधिकारियों ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। यूपीसीए की इस सफलता से बागी गुट पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
हाई कोर्ट में मुकदमा चलने के कारण यूपीसीए ने पूरी प्रक्रिया को कंपनी सेक्रेटरी कुनाल सिप्पी के माध्यम से संपन्न किया। इसके नतीजे उसने अपनी वेबसाइट में रविवार को अपलोड किए। इन नतीजों में बताया गया कि यूपीसीए के सभी सदस्यों को ई-मेल के जरिए मतपत्र भेजे गए थे। इसमें 76 लोगों ने अपने जवाब भेजे उसमें भी दो लोगों के मतपत्र अवैध करार दिये गये हैं। इन दो में एक सदस्य ने बिना हस्ताक्षर के तथा दूसरा नॉन मेम्बर द्वारा दिया गया था। 16 बिंदुओं में एक-दो को छोड़कर सभी प्रस्ताव 100 फीसदी से पास हुए। जिनमें प्रमुख रूप से जस्टिस शिवकीर्ति सिंह को यूपीसीए का लोकपाल बनाया गया है।
वहीं जस्टिस सीके प्रसाद को एथिक्स आफीसर और पूर्व चुनाव आयुक्त एके ज्योति को इलेक्ट्रोल आफीसर चुना गया। इसके अलावा अशोक चतुर्वेदी और अभिषेक सिंघानिया को दोबारा संघ का निदेशक चुना गया। 16 बिंदुओं में वर्किंग रिपोर्ट, आडिट, निदेशकों, लोकपाल, एथिक्स आफीसर, इलेक्ट्रोल आफीसर, चार्टड एकाउंटेंट, बजट, स्टेंडिंग कमेटी, क्रिकेट कमेटी, अंपायर कमेटी, बीसीसीआई एजीएम में राजीव शुक्ला के प्रतिनिधित्व करने, एपेक्स के कुछ सदस्यों द्वारा नौ संकल्पों और इलाहाबाद क्रिकेट एसोसिएशन के नाम बदलने संबंधी प्रस्ताव शामिल थे।
इस बारे में यूपीसीए कार्यवाहक सचिव मो. फहीम ने बताया कि कंपनी द्वारा जारी प्रपत्रों को वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। वहीं यूपीसीए की उपसमितियां बनायी जा रही हैं जो देर रात तक तैयार हो जायेंगी। इसलिये इनकी घोषणा सोमवार को की जायेगी।

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